
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने मंगलवार को अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा टैरिफ बढ़ोतरी की धमकियों पर अपनी गहरी चिंता जाहिर की है. उन्होंने टैरिफ बढ़ोतरी की योजनाओं को "अनिश्चितता का एक बड़ा सोर्स" बताया, जो ग्लोबल इकोनॉमिक स्टेबिलिटी को बाधित कर सकता है.
दावोस में विश्व आर्थिक मंच (WEF) 2025 के दौरान इंडिया टुडे के न्यूज डायरेक्टर राहुल कंवल से बातचीत में रघुराम राजन ने कहा, "मुझे लगता है कि ट्रंप की टैरिफ बढ़ोतरी की धमकियां अनिश्चितता का एक बड़ा सोर्स हैं और बाकी दुनिया के लिए बाधाएं डालने का एक बड़ा सोर्स हैं. अमेरिका के लिए, मुझे नहीं लगता कि वे उतने फायदेमंद होंगे जितना (ट्रंप) प्रशासन मानता है. आंशिक रूप से इसलिए क्योंकि सामान अमेरिका के बाहर एक वजह से बनाए जाते हैं - उन्हें बाहर बनाना सस्ता है."
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टैरिफ नीति से अमेरिका को नहीं होता है फायदा
पूर्व RBI गवर्नर ने जोर देकर कहा, "आमतौर पर टैरिफ लगाकर उन्हें अमेरिका में वापस लाने की कोशिश काम नहीं करती है." अमेरिका पर टैरिफ बढ़ोतरी के प्रभाव को समझाते हुए, रघुराम राजन ने चीन जैसी बड़ी अर्थव्यवस्थाओं का हवाला दिया और बताया कि कैसे वे मैन्यूफैक्चरिंग कॉस्ट को कम करने के लिए वियतनाम जैसे छोटे देशों से सामान आयात करते हैं.
रघुराम राजन ने कहा, "टैरिफ लगाकर उन वस्तुओं को अमेरिका में वापस लाने की कोशिश आमतौर पर उस तरह से काम नहीं करती जैसा कि इरादा था. अगर संभव हो, तो उत्पादन को बस दूसरे स्थान पर ले जाया जाएगा. उदाहरण के लिए, चीन में जो बनाया जा रहा था, उसे अब वियतनाम में स्थानांतरित कर दिया गया है."
अमेरिका में बढ़ जाएगी उत्पादन की कीमत!
पूर्व आरबीआई गवर्नर ने आगे कहा, "अगर यूनिवर्सल टैरिफ लागू किए जाते हैं, तो वे अन्य देशों से आयात को रोक सकते हैं, लेकिन इससे अमेरिका में बहुत अधिक लागत पर उत्पादन करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा. चीन ऐसा क्यों कर रहा है, इसका एक कारण है - यह लागत प्रभावी है." बातचीत में आगे, उन्होंने यह भी बताया कि अगर टैरिफ रातोंरात बदल जाते हैं, तो विदेशी निवेश में अनिश्चितता होगी.
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उन्होंने कहा, "अगर टैरिफ रातोंरात बदल सकते हैं, तो निवेश करने के बारे में बहुत अनिश्चितता होगी. मेरा मानना है कि राष्ट्रपति के दिमाग में तीन लाभ हैं - यह खेल के मैदान को समतल करेगा, यह राजस्व का स्रोत होगा और नौकरियों का स्रोत होगा."
राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के तुरंत बाद, अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति ट्रंप ने दोहराया कि अगर ब्रिक्स राष्ट्र वैश्विक व्यापार में डॉलर के इस्तेमाल में कटौती करने की दिशा में कोई कदम उठाते हैं तो वे उन पर 100 फीसदी आयात शुल्क लगा देंगे, जिसमें भारत भी शामिल है.