
डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति चुनाव जीतकर व्हाइट हाउस में दोबारा इस वादे के साथ आए कि वो महंगाई कम करेंगे और वर्किंग क्लास की इनकम बढ़ाएंगे. लेकिन कनाडा, मैक्सिको, चीन समेत दुनिया के देशों पर टैरिफ लगाने के बाद ट्रंप खुद स्वीकार चुके हैं कि अमेरिकी में थोड़े समय के लिए महंगाई बढ़ सकती है. इस बात को लेकर अमेरिका के लोग और ट्रंप के वोटर्स खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं.
अमेरिका के रिटेलर्स पड़ोसी देशों कनाडा और मैक्सिको से माल खरीदकर अमेरिका में बेचते हैं. दोनों देशों से खरीदी जाने वाली वस्तुओं पर ट्रंप ने 25% का टैरिफ लगा दिया है. टैरिफ किसी देश से आयात की जाने वाली वस्तुओं पर लगाया जाने वाला कर है जिसे सीमा शुल्क भी कहा जाता है. कनाडा और मैक्सिको पर टैरिफ के बाद अमेरिकी रिटेलर्स को भी कीमतें बढ़ानी पड़ेंगी क्योंकि उनके लिए कनाडा और मैक्सिको से सामान खरीदना बहुत महंगा हो जाएगा.
अमेरिका की बड़ी रिटेल कंपनी Target Corporation सर्दियों में फलों और सब्जियों के लिए मैक्सिको पर निर्भर है. कंपनी के सीईओ ब्रायन कोर्नेल का कहना है कि इस हफ्ते में उन्हें फल-सब्जियों की कीमतें बढ़ानी होगी.
उन्होंने कहा, 'हम पूरी कोशिश कर रहे हैं कि कीमतें कम से कम बढ़ाएं लेकिन हमें यह कहना है कि एकाध दिनों में हमारे उपभोक्ताओं को बढ़ी हुई कीमतों का सामना करना पड़ेगा. 25% टैरिफ लगेगा तो कीमतें ऊपर ही जाएंगी.'
ट्रंप से नाराज हुए अमेरिका के लोग
ट्रंप ने जहां कनाडा और मैक्सिको पर 25% का टैरिफ लगाया है, वहीं चीन पर भी 10% टैरिफ लगा दिया है. विदेशों से खरीदे जाने वाले सामानों पर भारी टैरिफ लगाने के पीछे ट्रंप का तर्क है कि इससे दूसरे देशों की कंपनियां अमेरिका में आकर अपना प्रोडक्ट बनाने की सोचेंगी क्योंकि यहां आकर प्रोडक्ट बनाने के लिए कोई टैरिफ नहीं देना होगा. इससे अमेरिका की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी और नौकरियां बढ़ेंगी.
लेकिन ट्रंप के टैरिफ प्लान से अमेरिका के आम लोग बेहद नाराज हैं क्योंकि इससे देश में महंगाई और बढ़ने की अच्छी-खासी संभावना है. अमेरिकी लोग सोशल मीडिया के जरिए टैरिफ को लेकर ट्रंप पर अपना गुस्सा जाहिर कर रहे हैं.
एक्स पर @KeefeyBeats नाम के एक अकाउंट से किए गए पोस्ट में लिखा गया, 'मेरे जाननेवालों में से जिन लोगों ने भी ट्रंप को वोट किया, वो बस इसलिए क्योंकि खाने-पीने की वस्तुएं काफी महंगी हो गई हैं. लेकिन उन्होंने (ट्रंप ने) टैरिफ लगा दिया है जो कि एक औसत अमेरिकी के सालाना घरेलू खर्च को अतिरिक्त 2,000 डॉलर तक बढ़ा देगा. मुझे समझ नहीं आ रहा कि अब भी कोई कैसे ट्रंप का समर्थन कर सकता है.'
हैरी एंटेन नाम के एक अमेरिकी ने यूएस न्यूज ब्रॉडकास्टर सीएनएन का एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा, 'अमेरिका के लोग टैरिफ को पसंद नहीं कर रहे. 1-2% अमेरिकी ही ऐसे हैं जो मानते हैं कि ट्रंप को टैरिफ लगाना चाहिए. और हां, अमेरिकियों को फर्क पड़ता है. यहां के लोग टेलर स्विफ्ट से ज्यादा टैरिफ शब्द को गूगल कर रहे हैं.'
@helisbor नामक एक अकाउंट से फॉक्स न्यूज का वीडियो ट्वीट कर लिखा गया, 'कम से कम 79% अमेरिकी जानते हैं कि टैरिफ की कीमत अमेरिकियों को ही चुकानी होगी. ट्रंप हमें महामंदी की तरफ धकेल रहे हैं.'
सीएनएन के एक कार्यक्रम में बोलते हुए एक एक्सपर्ट ने कहा कि अमेरिका कंस्ट्रक्शन के अधिकतर सामान कनाडा से खरीदता है और टैरिफ के बाद घर की कीमतें बढ़ जाएंगी.
उन्होंने कहा, 'अगर आपने ट्रंप को यह सोचकर वोट किया है कि उनके प्रशासन में घर की कीमतें कम होंगी तो आपको निराशा होगी... सीमेंट, धातु जैसे घर बनाने का मेटेरियल हम कनाडा से खरीदते हैं. टैरिफ के बाद ये सब महंगे होंगे जिससे घर की कीमतें बढ़ेंगी. और अभी तो हम इन देशों की तरफ से प्रतिक्रिया में लगाए जाने वाले टैरिफ की बात ही नहीं कर रहे. इन सबसे सिर्फ और सिर्फ आम लोगों को परेशानी होगी. कीमतें बढ़ेंगी.'
ट्रंप के टैरिफ और बयानों पर कनाडाई लोगों की प्रतिक्रिया
कनाडा और मैक्सिको पर ट्रंप का टैरिफ मंगलवार से लागू हो गया. इससे दोनों देशों में राजनीतिक तनाव तो बढ़ा ही है साथ ही ट्रंप के बयानों ने कनाडा के लोगों में भी अमेरिका के प्रति शत्रुता पैदा कर दिया है. टैरिफ को लेकर अमेरिका और कनाडा दोनों ही देशों के आम लोग नाराज हैं लेकिन ये नाराजगी सबसे अधिक कनाडा में देखी जा रही है जिसमें लोगों का गुस्सा भी मिला है.
मल्टीनेशनल मार्केट रिसर्च कंपनी Ipsos के एक हालिया सर्वे नतीजों में यह बात सामने आई है कि 11 प्रतिशत कनाडाई लोगों ने देश के सामने सबसे बड़ा मुद्दा अमेरिका के साथ देश के संबंधों को बताया. कनाडा में अभी आवास और अर्थव्यवस्था का मुद्दा सबसे अहम बना हुआ है और अब अमेरिका-कनाडा रिश्ते का मुद्दा देश का तीसरा सबसे बड़ा मुद्दा बन गया है.
कनाडा की विक्टोरिया यूनिवर्सिटी में अंतरराष्ट्रीय संबंधों के प्रोफेसर और लिबरल पार्टी के सांसद उम्मीदवार विल ग्रीव्स ने कहा, 'इसमें कोई संदेह नहीं है कि यह इस समय कनाडा की राजनीति का सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा है.' कनाडा में इस साल संघीय चुनाव होने हैं.
कनाडा में अमेरिकी सामानों का बहिष्कार
ट्रंप ने सत्ता में आते ही एक प्रस्ताव दिया था कि कनाडा अमेरिका का 51वां राज्य बन जाए. उन्होंने इस प्रस्ताव को कई बार दोहराया है और कनाडा के निवर्तमान प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को गवर्नर कहकर संबोधित कर चुके हैं.
ट्रंप के इन बयानों और टैरिफ का मुद्दा कनाडा में व्यापक मुद्दा बन चुका है. वहां के लोग अमेरिकी वस्तुओं का बहिष्कार कर रहे हैं और 'Buy Canadian' यानी कनाडाई समानों को खरीदने की मुहिम पूरे देश में फैल गई है. कनाडा के लोग अमेरिका की यात्रा रद्द कर रहे हैं और कंपनियां इस नई दुश्मनी का फायदा उठाने की कोशिश कर रही हैं.
बहुराष्ट्रीय ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन (Amazon) ने इस मौके का फायदा उठाते हुए अपने स्टोर्स में "मेड इन कनाडा" उत्पादों का स्पेशल कोना ही बना दिया है. पिज्जा कंपनियां रिवर्स टैरिफ डील की पेशकश कर रही हैं और अपेक्षाकृत सस्ती कीमतों पर पिज्जा बेच रही हैं. कनाडा के कॉफी की दुकानें अब अमेरिकानो कॉफी की जगह केनैडियानो कॉफी बेच रही हैं.
कनाडा में 25 साल पुराना बीयर का एक विज्ञापन भी फिर से लोकप्रिय हो रहा है जिसमें कनाडा के गौरव की बात कही जा रही हैं.
कनाडा के लोग अमेरिका को मान रहे अपना दुश्मन
कनाडा के लोग अमेरिका से नाराज हैं और इसका खुलासा कई सर्वे में हो रहा है. कनाडाई पोलस्टर लेगर के फरवरी के सर्वे में पाया गया कि 27 प्रतिशत कनाडाई अमेरिका को "दुश्मन" देश मानते हैं. इसके विपरीत, जनवरी के अंत में एक अन्य पोलस्टर सर्वे में 1 प्रतिशत से भी कम अमेरिकियों ने कनाडा को दुश्मन देश बताया था.
वहीं, 2020 के सर्वे में 5 प्रतिशत से भी कम कनाडाई लोगों ने अमेरिका को दुश्मन बताया था.
क्वीन्स यूनिवर्सिटी में राजनीति अध्ययन के प्रोफेसर डेविड हैग्लंड ने एबीसी न्यूज से बात करते हुए कहा, 'कनाडा-अमेरिका संबंधों को बिगाड़ने के लिए बहुत कुछ करना पड़ता है, लेकिन ट्रंप ऐसा करने में सफल रहे हैं. ट्रंप ने कनाडा की लगभग एक चौथाई जनता को अमेरिका को अपना दुश्मन मानने के लिए राजी ही नहीं किया बल्कि उन्होंने अब तक ट्रंप के समर्थक रहे कनाडाई लोगों को अपना सबसे कठोर आलोचक भी बना लिया है.'