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बांग्लादेश में दुर्गा पूजा पर हो 3 दिन की छुट्टी, हिंदू समुदाय से मुलाकात के बाद गृह सलाहकार ने सरकार से की मांग

शेख हसीना को सत्ता से बेदखल किए जाने के बाद से बांग्लादेश से हिंदू समुदाय पर हमले की लगातार खबरें आ रही हैं. कहा जा रहा है कि समुदाय के लोगों पर हमले किए जा रहे हैं और उनके घरों में आगजनी की जा रही है. अब गृह सलाहकार का कहना है कि वह समुदाय के लिए तीन दिन की दुर्गा पूजा की छुट्टी का प्रस्ताव रखेंगे.

(सांकेतिक तस्वीर - PTI) (सांकेतिक तस्वीर - PTI)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 12 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 6:35 PM IST

बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद दावा है कि यहां हिंदू समुदाय पर लगातार हमले हो रहे हैं और उनके घरों को जलाया जा रहा है. इस बीच समुदाय के एक समूह ने गृह मंत्रालय के सलाहकार से मुलाकात की. उन्होंने त्योहार के मौके पर तीन दिनों की छुट्टी के प्रस्ताव रखने की बात कही है. दुर्गा पूजा बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के लिए सबसे अहम धार्मिक त्योहार है.

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गृह मामलों के सलाहकार ब्रिगेडियर जनरल (सेवानिवृत्त) एम सखावत हुसैन ने कहा है कि दुर्गा पूजा मनाने के लिए कम से कम तीन दिन की छुट्टी का प्रस्ताव रखा जाएगा. उन्होंने बताया कि उन्होंने इस मामले के बारे में हिंदू समुदाय के नेताओं से बातचीत की है और इस मामले पर मंत्रालय में चर्चा की जाएगा और फिर फैसले का ऐलान किया जाएगा.

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दुर्गा पूजा के लिए तीन दिन की छुट्टी की सिफारिश

बांग्लादेश के गृह सलाहकार सखावत हुसैन ने दुर्गा पूजा के महत्व पर जोर दिया, उन्होंने जोर देकर कहा कि उत्सव में पूरी तरह से हिस्सा लेने के लिए एक दिन की छुट्टी पर्याप्त नहीं है. उन्होंने तीन दिन की छुट्टी के लिए एक मजबूत सिफारिश पेश करने की वकालत की. उन्होंने यह भी कहा कि त्योहार की महत्वता क देखते हुए अगर तीन दिन की छुट्टी नहीं भी होती तो कम से कम दो दिन की छुट्टी दी जानी चाहिए.

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अल्पसंख्यकों पर हमला करने वालों को बताया अपराधी

धार्मिक मामलों के सलाहकार एएफएम खालिद हुसैन ने धार्मिक अल्पसंख्यकों के पूजा स्थलों पर हमलों की निंदा की और ऐसा करने वालों को अपराधी करार दिया. उन्होंने आश्वासन दिया कि इन अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाया जाएगा और कहा कि उनकी चिंताओं पर चर्चा करने के लिए धार्मिक अल्पसंख्यक नेताओं के साथ एक बैठक आयोजित की जाएगी.

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अल्पसंख्यकों पर हमले रोकने की कोशिश

इनके अलावा, धार्मिक मामलों का मंत्रालय एक हॉटलाइन शुरू करने पर काम कर रहा है, जिससे लोग धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा की घटनाओं की तुरंत रिपोर्ट कर सकेंगे. मसलन, इस पहले से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि अल्पसंख्यकों पर हमले रुके और ऐसा करने वालों पर सख्त कार्रवाई हो.

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