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तबाही झेल रहे तुर्की के कहरामनमारस शहर में फिर आया भूकंप, इस बार 4.7 थी तीव्रता

पिछले भूकंप की तबाही के निशान अभी मिटे नहीं हैं कि तुर्की में एक बार फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. इस बार भूकंप तुर्की के कहरामनमारस (Kahramanmaraş) शहर में आया है. भूकंप की तीव्रता 4.7 मैग्नीट्यूड दर्ज की गई है. फिलहाल यह पता लगाने की कोशिशें जारी है कि इस बार के भूकंप ने कितना नुकसान पहुंचाया है.

सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 13 फरवरी 2023,
  • अपडेटेड 6:58 AM IST

भूकंप से तबाही झेल रहे तुर्की के कहरामनमारस (Kahramanmaraş) शहर में फिर से भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. इस बार भूकंप की तीव्रता 4.7 मैग्नीट्यूड दर्ज की गई है. USGS अर्थक्वेक के मुताबिक भूकंप के झटके तुर्की के कहरामनमारस के दक्षिण-पूर्व (SSE) से 24 किमी दक्षिण में महसूस किए गए.

बता दें कि इससे पहले तुर्की में भूकंप के झटके 6 फरवरी को महसूस किए गए थे. पहला झटका सुबह 4.17 बजे आया. रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 7.8 मैग्नीट्यूड थी. भूकंप का केंद्र दक्षिणी तुर्की का गाजियांटेप था. इससे पहले की लोग इससे संभल पाते कुछ देर बाद ही भूकंप का एक और झटका आया, रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 6.4 मैग्नीट्यूड थी. भूकंप के झटकों का यह दौर यहीं नहीं रुका. इसके बाद 6.5 तीव्रता का एक और झटका लगा. 

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भूकंप के इन झटकों ने मालाटया, सनलीउर्फा, ओस्मानिए और दियारबाकिर सहित 11 प्रांतों में तबाही मचा दी. शाम 4 बजे भूकंप का एक और यानी चौथा झटका आया. इस झटके ने ही सबसे ज्यादा तबाही मचाई. इसके ठीक डेढ़ घंटे बाद शाम 5.30 बजे भूकंप का 5वां झटका आया था. तुर्की में 6 फरवरी को आए भूकंप से मरने वालों की तादाद 33 हजार से ज्यादा हो चुकी है.

भूकंप की मार झेल रहे तुर्की और सीरिया की मदद के लिए कई देश आगे आए हैं. भारत ने मेडिकल टीम के साथ ही NDRF की टीमों को भी तुर्की पहुंचा दिया है तो वहीं भारत के अलावा कई देशों ने मदद भेजी है. वर्ल्ड बैंक ने तुर्की को 1.78 बिलियन डॉलर देने का ऐलान किया है. वहीं, अमेरिका ने तुर्की और सीरिया की मदद के लिए 85 मिलियन डॉलर की सहायता की घोषणा की है.

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इस कठिन वक्त में तुर्की की मदद के लिए आगे आते हुए भारत ने 'ऑपरेशन दोस्त' नाम से एक मिशन ही लॉन्च कर दिया है, जिसका मकसद भूकंप की मार झेल रहे तुर्की को मदद मुहैया कराना है. भारत ने  NDRF की 3 टीमों को रेस्क्यू ऑपरेशन में शामिल होने के लिए तुर्की भेजा है. इसके साथ ही भारतीय सेना की एक मेडिकल टीम भी इस वक्त तुर्की में ही है. भारतीय सेना ने हताए शहर में फील्ड हॉस्पिटल बनाया है. जहां लगातार घायलों का इलाज किया जा रहा है.

1999 में हुई थी 18 हजार लोगों की मौत

तुर्की की भौगोलिक स्थिति के चलते यहां अक्सर भूकंप आते रहते हैं. 1999 में आए भूकंप में 18,000 लोगों की मौत हो गई थी. वहीं अक्टूबर 2011 में आए भूकंप में 600 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी. बता दें कि सीमावर्ती सीरिया में भी भूकंप ने तबाही मचाई, जिसकी खौफनाक तस्वीरें सामने आईं.

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