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'चाहे हमें घास की रोटियां...' भुट्टो के वो बोल और अब मुट्ठी भर आटे के लिए मारामारी, बदहाल पाकिस्तान की कहानी

पाकिस्तान के आर्थिक हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं. भीषण बाढ़ की मार झेलने के बाद अब यह देश कमर तोड़ती महंगाई का सामना कर रहा है. यहां जरूरत के हर सामान की कीमतें आसमान छू रहे हैं. पीओके के गिलगित और बाल्टिस्तान में सबसे बुरे हालात हैं. यहां लोगों को आटा तक नसीब नहीं हो रहा है.

पाकिस्तान में बढ़ता जा रहा आर्थिक संकट (फोटो: एएफपी) पाकिस्तान में बढ़ता जा रहा आर्थिक संकट (फोटो: एएफपी)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 14 जनवरी 2023,
  • अपडेटेड 4:12 PM IST

पाकिस्तान श्रीलंका में आए आर्थिक संकट से भी बुरे हालात से गुजर रहा है. सबसे बुरे हालात गिलगित और बाल्टिस्तान में हैं. यहां महंगाई इस कदर बढ़ती जा रही है कि आटे के दाम आसमान छू रहे हैं. एक मुट्ठी आटे के लिए मारामारी मची हुई है.

बलूचिस्तान की राजधानी क्वेटा में सैकड़ों बाइक सवार आटे से लदे ट्रक का पीछा करते देखे जा रहे हैं. आटे की कीमत 150 रुपये प्रति किलो के पार चली गई है. यहां के लोगों का अपनी सरकार के खिलाफ गुस्सा बढ़ता जा रहा है. लोग सड़कों पर उतर कर भारत में शामिल करने की मांग कर रहे हैं. पाकिस्तान की बदहाली के वीडियो वायरल हो रही हैं.

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ये वही पाकिस्तान है जिसके पूर्व प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो ने भारत से हार के बाद कहा था- चाहे हमें घास की रोटियां खानी पड़ें, लेकिन हम एटम बम बनाकर ही दम लेंगे. पाकिस्तान ने भले ही जैसे-तैसे परमाणु बम हासिल कर लिया हो लेकिन ऐसा करने में उसके यहां घास की रोटी खाने की नौबत आ पड़ी है.

पीओके में 12 दिन से हो रहा प्रदर्शन

गिलगित-बाल्टिस्तान में पाकिस्तान सरकार के खिलाफ पिछले 12 दिनों से विरोध प्रदर्शन जारी है. यहां लोग पाकिस्तान के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं. वे करगिल रोड खोलने की मांग कर रहे हैं. साथ ही भारत में लद्दाख के साथ जोड़ने की बात कर रहे हैं.

लोगों ने देश में गेहूं समेत अन्य खाद्य सामाग्री पर सब्सिडी की बहाली, लोड-शेडिंग, अवैध जमीन पर कब्जा समेत प्राकृतिक संसाधनों के शोषण जैसे कई मुद्दों को उठा रहे हैं. लोगों का दावा है कि पाकिस्तानी सेना गिलगित-बाल्टिस्तान की जमीन और संसाधनों पर जबरदस्ती कब्जा कर रही है. 

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पाकिस्तान की मदद को आगे आए देश

सऊदी अरब: पाकिस्तान की मदद के लिए अब तक कुल तीन अरब डॉलर की आर्थिक मदद देने का ऐलान कर चुका है. वह पाकिस्तान को चार फीसदी की दर पर एक साल के लिए तीन अरब डॉलर का कर्ज दे चुका है.  

चीन: पाकिस्तान की मदद के लिए चीन ने एक अरब डॉलर की अतिरिक्त मदद देने का वादा किया है.

अमेरिका: पाकिस्तान की मदद के लिए अमेरिका ने 10 करोड़ डॉलर की राशि देने की बात कही है. 

ब्रिटेन: पाकिस्तान को अतिरिक्त 90 लाख पाउंड की मदद देने का वादा किया है. 

जर्मनी: पाकिस्तान को 8.8 करोड़ यूरो की मदद दे चुका है. यह मदद बाढ़ से पाकिस्तान को उबारने की दिशा में खर्च करने के लिए है. 

जापान: एशियाई देश जापान पाकिस्तान के बाढ़ प्रभावित इलाकों में पुनर्वास योजनाओं के लिए 8.8 करोड़ डॉलर की मदद दे रहा है.

एक साल में कहां से कहां पहुंच गए दाम

जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान में 6 जनवरी 2022 के मुकाबले 6 जनवरी 2023 को प्याज की कीमत 36.7 रुपये प्रति किलो से बढ़कर 220.4 रुपये प्रति किलो, बॉयलर चिकन की औसत कीमत 210.1 रुपये प्रति किलो से 383.5 रुपये प्रति किलो, नमक का दाम 32.9 रुपये प्रति किलो से 49.1 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गया था.

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बासमती चावल की कीमत इस अवधि में 100.3 रुपये से बढ़कर 146.6 रुपये प्रति किलो, सरसों के तेल का दाम 374.6 रुपये प्रति लीटर से उछलकर 532.5 रुपये और दूध की कीमत 114.8 रुपये प्रति लीटर की जगह 149.7 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गई है. ब्रेड के पैकेट 89 रुपये में बिक रहे हैं. 

महंगाई 25 फीसदी के करीब पहुंची

पाकिस्तान ब्यूरो ऑफ स्टेटिस्टिक्स (PBS) के ताजा आंकड़ों पर गौर करें तो देश में महंगाई (Pakistan Inflation) की तस्वीर साफ हो जाती है. यहां बता दें कि पाकिस्तान में दिसंबर 2021 में 12.30 फीसदी के मुकाबले बीते दिसंबर 2022 में महंगाई दर लगभग दोगुनी बढ़कर 24.5 फीसदी हो गई है. आंकड़ों में ये इजाफा खासतौर पर खाद्य सामानों की कीमतों में आए उछाल के चलते देखने को मिला है. सालभर में ही पाकिस्तान में खाद्य महंगाई (Pakistan Food Inflation) दर 11.7 फीसदी से बढ़कर 32.7 फीसदी तक पहुंच गई है.

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