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इक्वाडोर पुलिस ने टेलीविजन स्टेशन पर मारा छापा, बंधकों को बचाया, 13 गिरफ्तार

पुलिस ने मंगलवार (9 जनवरी) को इक्वाडोर में एक टीवी स्टूडियो पर छापा मारा. देश भर में हिंसा की लहर के दौरान विस्फोटकों से लैस बंदूकधारियों ने स्टेशन पर धावा बोल दिया, जिसके बाद राष्ट्रपति डेनियल नोबोआ ने 22 गिरोहों को आतंकवादी संगठनों के रूप में नामित किया, जिनकी सेना को तलाश करनी थी.

पुलिस और इसी तरह इक्वाडोर पुलिस ने कई हथियारबंद लोगों को गिरफ्तार किया है जो एक सार्वजनिक टेलीविजन चैनल के सेट में घुस गए थे। (फोटो क्रेडिट: गेटी इमेजेज) पुलिस और इसी तरह इक्वाडोर पुलिस ने कई हथियारबंद लोगों को गिरफ्तार किया है जो एक सार्वजनिक टेलीविजन चैनल के सेट में घुस गए थे। (फोटो क्रेडिट: गेटी इमेजेज)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 10 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 10:47 PM IST

इक्वाडोर में एक टीवी स्टूडियो के लाइव प्रोग्राम में कुछ बंदूकधारी घुस आए थे और लोगों को डराना-धमकाना शुरू कर दिया था. जिस समय यह घटना हुई, उस समय चैनल लाइव टेलिकास्ट कर रहा था.इक्वाडोर के टीवी स्टेशन TC के लाइव प्रोग्राम में नकाबपोश हथियारबंद लोगों ने बंदूकें लहराईं और कर्मचारियों को फर्श पर बैठने के लिए भी मजबूर किया. बताया जा रहा है कि इस दौरान गोलियों की आवाज भी सुनाई दी.

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पुलिस ने मंगलवार (9 जनवरी) को इक्वाडोर में एक टीवी स्टूडियो पर छापा मारा. देश भर में हिंसा की लहर के दौरान विस्फोटकों से लैस बंदूकधारियों ने स्टेशन पर धावा बोल दिया, जिसके बाद राष्ट्रपति डेनियल नोबोआ ने 22 गिरोहों को आतंकवादी संगठनों के रूप में नामित किया, जिनकी सेना को तलाश करनी थी. पुलिस ने उन 13 लोगों को गिरफ्तार कर लिया जो लाइव प्रसारण के दौरान टीसी के स्टूडियो में घुस गए थे, जबकि अन्य जगहों पर कम से कम सात पुलिस अधिकारियों का अपहरण कर लिया गया था और कई विस्फोट हुए थे.

इक्वाडोर में हालात काफी बिगड़ गए हैं. यहां नकाबपोश लोग एक टेलीविजन चैनल के सेट पर घुस गए. इन्होंने लाइव प्रसारण के दौरान बंदूकें और विस्फोटक दिखाकर लोगों को डराने की कोशिश की. इसपर राष्ट्रपति डेनियल नोबोआ ने तुरंत हमलावरों के खिलाफ सैन्य कार्रवाई करने का आदेश दिया. साथ ही एलान कर बताया कि देश 'आंतरिक सशस्त्र संघर्ष' में प्रवेश कर गया है.

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गुआयाकिल में टीसी के स्टूडियो के अधिग्रहण का प्रसारण लगभग 20 मिनट तक किया गया. पुरुष बालाक्लावा पहने हुए थे और ज्यादातर काली बंदूकें पहने हुए थे और फर्श पर बैठे हुए कर्मचारियों का स्वागत कर रहे थे. गोलियों की आवाज और चीख-पुकार सुनी गई और कुछ आक्रमणकारियों ने कैमरे की ओर इशारा किया.

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