
ऑस्ट्रेलिया में चुनाव तारीखों का ऐलान हो गया है. प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज़ ने 3 मई को संघीय चुनाव का ऐलान किया है, साथ ही लेवर पार्टी को वोट करने की अपील भी की है. इस ऐलान के साथ ही यह भी साफ हो गया है कि अब चुनाव में सिर्फ 5 सप्ताह का ही समय बचा है.
चुनाव की तारीख की पुष्टि के बाद, अल्बनीज़ ने गवर्नर-जनरल सैम मोस्टिन से मुलाकात की और संसद को भंग करने की प्रक्रिया पूरी की. चुनाव अभियान के दौरान, अल्बनीज़ मुद्रास्फीति (Inflation) को कंट्रोल करने, बजट में घोषित कर कटौती, स्वास्थ्य नीति, 'फ्यूचर मेड इन ऑस्ट्रेलिया' योजना पर ध्यान केंद्रित करेंगे.
ऑस्ट्रेलिया में त्रिशंकु संसद के आसार
फिलहाल एंथनी अल्बनीज़ की लेबर पार्टी के पास निचले सदन में 78 सीटें हैं, जो दो सीटों की बहुमत से सरकार चल रही है. हालांकि, अधिकतर ओपिनियन पोल ऑस्ट्रेलिया में अबकी बार त्रिशंकु संसद की ओर इशारा कर रहे हैं, लेकिन अल्बनीज़ को भरोसा है कि उनकी सरकार पूर्रे बहुमत के साथ वापस आ सकती है.
पीटर डटन ने भी कसी कमर
विपक्षी नेता पीटर डटन, 2022 के चुनाव में स्कॉट मॉरिसन की सरकार की हार के बाद, गठबंधन को सत्ता में वापस लाने की उम्मीद कर रहे हैं. चुनाव अभियान के दौरान, विपक्षी नेता ने पेट्रोल उत्पाद शुल्क में कटौती का वादा किया है, जिससे मोटर चालकों को महत्वपूर्ण बचत होगी.
विपक्षी नेता ने 'ऑस्ट्रेलिया को वापस पटरी पर लाने' के लिए 12-सूत्रीय योजना पेश की है, जिसमें कोयले से चलने वाले बिजलीघरों को परमाणु रिएक्टरों से बदलने, आवास को मुक्त करने के लिए आव्रजन में कटौती और सार्वजनिक सेवा सहित 'बेकार' सरकारी खर्च में कटौती करने का उनका प्रस्ताव शामिल है. गुरुवार को अपने बजट उत्तर भाषण में, डटन ने 12 महीनों के लिए ईंधन उत्पाद शुल्क को आधा करने और कीमतों को कम करने के लिए गैस की आपूर्ति बढ़ाने का भी वादा किया.
डटन ने अल्बनीज़ को बताया कमजोर पीएम
डटन ने अल्बनीज़ के चरित्र पर भी निशाना साधा है, प्रधानमंत्री को यहूदी-विरोधी से लेकर शी जिनपिंग के सामने खड़े होने तक के मुद्दों पर कमज़ोर बताया है. बताते चलें कि ऑस्ट्रेलियाई संसद में विपक्ष के पास 54 सीटें हैं, जिसका मतलब है कि 150 सीटों वाले प्रतिनिधि सभा में बहुमत हासिल करने के लिए उन्हें कड़ी मेहनत करनी होगी.
दिलचस्प होने जा रहा ऑस्ट्रेलिया का चुनाव
दूसरी ओर, लेबर सरकार ने हाल ही में A$17.1 बिलियन के कर कटौती विधेयक को पारित किया है, जिसका उद्देश्य परिवारों और व्यवसायों को समर्थन प्रदान करना है. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह चुनाव अभियान दिलचस्प होने वाला है, जिसमें दोनों प्रमुख दल मतदाताओं को लुभाने के लिए विभिन्न नीतिगत प्रस्ताव पेश करेंगे.