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लॉकडाउन खत्म करो!: बेकाबू आग में 10 की मौत, बीजिंग में भड़का कोरोना पाबंदियों के खिलाफ विरोध

समाचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में लोगों को उरुमकी की सड़कों पर एंटी कोविड नीति का विरोध करते हुए दिखाया गया है. प्रोटेस्ट में दावा किया गया कि कोविड-19 के सख्त नियमों के चलते आग में फंसे लोगों के बचाव कार्यों में बाधा हुई.

चीन में विरोध प्रदर्शन चीन में विरोध प्रदर्शन
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 27 नवंबर 2022,
  • अपडेटेड 8:46 AM IST

उत्तर-पश्चिमी चीन के शिंजियांग क्षेत्र में एक इमारत में आग लगने से 10 लोगों की मौत हो गई. इसके बाद से चीन की कोविड नीति के प्रति लोगों का गुस्सा भड़क गया है. बीजिंग कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए अपनी कठोर नीति को लेकर जनता के गुस्से का सामना कर रहा है. आधी रात को उरुमकी रोड पर भारी संख्या में प्रदर्शनकारी इकट्ठा हुए. ये लोग फूल, मोमबत्तियाँ और "उरुमकी, 24 नवंबर, मरने वालों को शांति मिले" वाले पोस्टर लेकर प्रदर्शन कर रहे थे. यहां पुलिस ने पेपर स्प्रे का उपयोग कर प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई की.

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कोरोना लॉकडाउन से विरोध में सड़कों पर उतरे लोग

समाचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में लोगों को उरुमकी की सड़कों पर एंटी कोविड नीति का विरोध करते हुए दिखाया गया है. प्रोटेस्ट में दावा किया गया कि कोविड-19 के सख्त नियमों के चलते आग में फंसे लोगों के बचाव कार्यों में बाधा हुई. इसके अलावा इमारत में मौजूद लोग समय पर बच नहीं सके क्योंकि इमारत आंशिक रूप से बंद थी. बता दें कि उत्तर पश्चिम क्षेत्र की राजधानी उरुमकी में गुरुवार को एक आवासीय इमारत में आग लगने से कम से कम दस लोगों की मौत हो गई और नौ अन्य घायल हो गए थे.

आग की घटना के बाद भड़का प्रोटेस्ट

आग की घटना के बाद प्रदर्शनकारियों ने 'लॉकडाउन खत्म करो' के नारे लगाए. गुरुवार को एक घातक आग के बाद लंबे समय से चल रहे लॉकडाउन पर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा. समाचार एजेंसी एपी ने बताया कि लोगों ने आरोप लगाया कि कोविड नियमों के कारण हुई बाधाओं ने आग को बदतर बना दिया और आपातकालीन कर्मचारियों को आग बुझाने में लगभग तीन घंटे लग गए.

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'लोगों में खुद को बचाने की क्षमता नहीं थी'

उरुमकी में अधिकारियों ने शनिवार को उन आरोपों का खंडन करने के लिए एक प्रेस वार्ता आयोजित की, जिसमें कहा गया था कि कोविड नियमों के चलते आग लगी इमारत में बचाव कार्यों में बाधा हुई थी. साथ ही उन्होंने इस वार्ता में कहा कि इमारत में कोई बैरिकेड्स नहीं थे और निवासियों को निकलने की अनुमति भी थी. यहां जनता का गुस्सा तब और बढ़ गया जब शहर के अधिकारियों ने आग में होने वाली मौतों के लिए अपार्टमेंट टावर के निवासियों को ही  जिम्मेदार बता दिया. उरुमकी के अग्निशमन विभाग के प्रमुख ली वेन्शेंग ने ये तक कहा दिया, "कुछ लोगों की खुद को बचाने की क्षमता बहुत कमजोर थी."

लेकिन सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे पोस्ट कुछ और ही कहानी बयां कर रहे हैं. इसमें कथित तौर पर दिखाया गया है कि कई लोग कोविड -19 नियमों के कारण अपने घरों में बंद थे. उरुमकी पुलिस ने वीबो पर एक शुक्रवार की पोस्ट में कहा कि उन्होंने आग से हताहतों की संख्या के संबंध में 'ऑनलाइन अफवाहें फैलाने' के लिए एक महिला को हिरासत में लिया है.

चीन में बढ़ता कोविड और लॉकडाउन 

चीन जीरो-कोविड पॉलिसी के चलते बड़े पैमाने पर जनता के गुस्से का सामना कर रहा है. जीरो-कोविड पॉलिसी का मतलब है लॉकडाउन, मास टेस्टिंग, लंबा क्वारंटाइन, और जहां कहीं भी वायरस संक्रमण पाया जाए उसे खत्म करने के लिए सीमा पर नियंत्रण. शुक्रवार को, चीन में कोरोना के 34,909  मामले दर्ज किए गए, गुरुवार को ये 31,000 से अधिक थे.

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