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'इजरायल-फिलिस्तीन के लिए Two-State Solution ही उपाय...', तुर्की बोला शांति के लिए है प्रतिबद्ध

तुर्की खुद अतीत में फिलिस्तीनियों का समर्थन करता रहा है, इस्लामिक समूह हमास के सदस्यों की मेजबानी की है और जिसने इज़राइल पर हमला किया था और two-state solution का समर्थन किया था. तुर्की ने शनिवार को कहा कि वह तनाव कम करने में मदद करने के लिए तैयार है.

तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन (फाइल फोटो) तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 11 अक्टूबर 2023,
  • अपडेटेड 5:25 PM IST

इजरायल-फिलिस्तीनी में जारी संघर्ष के बीच तुर्की ने इस मसले में कूटनीति बढ़ाने को कहा है. तुर्की के राष्ट्रपति रेसप तैयप एर्दोगन ने रविवार को कहा कि तुर्की, इजरायल और फिलिस्तीनी बलों के बीच लड़ाई में शांति स्थापित करने के लिए राजनयिक प्रयासों को तेज करने के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन उन्होंने कहा कि इस मामले में शांति हासिल करने का एकमात्र तरीका two-state solution है. 

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तुर्की खुद करता रहा है फिलिस्तीन का समर्थन
बता दें कि तुर्की खुद अतीत में फिलिस्तीनियों का समर्थन करता रहा है, इस्लामिक समूह हमास के सदस्यों की मेजबानी की है और जिसने इज़राइल पर हमला किया था और two-state solution का समर्थन किया था. तुर्की ने शनिवार को कहा कि वह तनाव कम करने में मदद करने के लिए तैयार है. इस्तांबुल में बोलते हुए, एर्दोगन ने दोनों पक्षों से ऐसे कदम उठाने की अपील की, जिससे संघर्ष बढ़े, साथ ही कहा कि इजरायल-फिलिस्तीनी संघर्ष मध्य पूर्व में सभी समस्याओं की जड़ था.

निष्पक्ष समाधान के लिए तत्पर है तुर्की
एर्दोगन ने कहा, "जब तक इस समस्या का समाधान निष्पक्ष तरीके से नहीं हो जाता, हमारा क्षेत्र शांति की चाह में जीता रहेगा." "स्थायी क्षेत्रीय शांति केवल फिलिस्तीनी-इजरायल मुद्दे का अंतिम समाधान ढूंढकर ही संभव होगी. इस संबंध में टू-स्टेट सॉल्यूशन ही खास मायने रखता है. उन्होंने कहा कि 1967 में निर्धारित सीमाओं के अनुरूप एक स्वतंत्र फ़िलिस्तीनी राज्य का गठन, जिसकी क्षेत्रीय अखंडता अक्षुण्ण हो और यरूशलेम को इसकी राजधानी बनाना अब "एक जरूरत है जिसमें देरी नहीं की जा सकती."

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तुर्की के विदेश मंत्री हकन फिदान ने कई देशों के समकक्षों से की बात
एर्दोगन ने कहा, "चूंकि न्याय में देरी हो रही है, दुर्भाग्य से इसकी कीमत फिलिस्तीनियों, इजरायलियों और हमारे पूरे क्षेत्र को चुकानी पड़ती है." यह लड़ाई तब हुई जब अंकारा यरूशलेम की स्थिति और इजरायल-फिलिस्तीनी संघर्ष पर वर्षों की कटुता के बाद इजरायल के साथ संबंधों को सुधारने के लिए काम कर रहा था. शनिवार को लड़ाई शुरू होने के बाद से, तुर्की के विदेश मंत्री हकन फिदान ने इस मामले पर चर्चा करने के लिए अपने अमेरिकी, फिलिस्तीनी, स्पेनिश, कतरी, सऊदी, ईरानी, ​​​​मिस्र और जॉर्डन के समकक्षों के साथ फोन किया है.

तनाव रोकने के लिए जो हो सकेगा तुर्की करेगा
एर्दोगन ने रविवार को "आग में घी डालने" के खिलाफ चेतावनी दी और कहा कि तुर्की तनाव कम करने और हिंसा को रोकने के लिए जो कुछ भी कर सकता है वह करने के लिए तैयार है. उन्होंने कहा, "शांति बहाल करने के लिए हमने जो कूटनीतिक प्रयास शुरू किए हैं, उन्हें तेज करते हुए हम उन्हें जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम क्षेत्र के सभी पक्षों से ईमानदारी से शांति में योगदान देने का आह्वान करते हैं." रविवार को, अंकारा में इज़राइल के दूत ने कहा कि मध्यस्थता पर चर्चा करना जल्दबाजी होगी और हमास के हमले से पता चलता है कि समूह की तुर्की या अन्य जगहों पर कोई उपस्थिति नहीं होनी चाहिए.

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