
आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान को यूरोपीय संघ (EU) से राहत की खबर मिली है. पाकिस्तान को उच्च जोखिम वाले देशों (High Risk Third Countries) की सूची से हटा दिया गया है. ईयू के इस फैसले का प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने स्वागत करते हुए इसे पाकिस्तान के लिए सकारात्मक कदम बताया है.
फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) के पिछले साल के फैसले के अनुरूप ईयू ने मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद का वित्तपोषण करने के संबंध में उच्च जोखिम वाले देशों की सूची से पाकिस्तान को हटा दिया है. बता दें कि पिछले साल एफएटीएफ ने पाकिस्तान को ग्रे सूची से बाहर निकाल दिया था.
पाकिस्तान के वाणिज्य मंत्रालय ने जारी बयान में कहा कि 2018 में पाकिस्तान को उच्च जोखिम वाले देशों की सूची में शामिल करने से देश पर दबाव पड़ा था, जिससे ईयू के साथ कारोबार करने में पाकिस्तान की कंपनियां पर बहुत असर पड़ा. 2018 में पाकिस्तान को इस सूची में शामिल करने से उस पर अतिरिक्त प्रतिबंध लगे थे.
बता दें कि इस सूची में उन देशों को शामिल किया जाता है, जिन्हें यूरोपीय संघ अपने मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग ढांचे के खिलाफ लड़ाई में कमजोर मानता है.
प्रधानमंत्री शरीफ ने एक ट्विटर पोस्ट में कहा कि उच्च जोखिम वाले देशों की यूरोपीय संघ की अपडेटेड सूची से पाकिस्तान को हटाना एक बड़ा घटनाक्रम है जिससे हमारे कारोबारियों और संस्थाओं को सुविधा होगी.
ईयू के मुताबिक, निकारगुआ, पाकिस्तान और जिम्बाब्वे को इस सूची से बाहर किया गया है. पाकिस्तान के वाणिज्य मंत्रालय ने बताया कि इस लिस्ट से बाहर होने से अब पाकिस्तान, यूरोपीय संघ के सदस्य देशों की कंपनियों के साथ आसानी से कारोबार कर सकेंगे.