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चीन के पूर्व नौसेना अधिकारी की ताइवान में घुसपैठ, स्पीडबोट लेकर ताइपे के करीब पहुंचा

चीन दावा करता है कि ताइवान उसका ही हिस्सा है. बीजिंग ताइवान को एक विद्रोही प्रांत बताता है और उसे अपनी मुख्य भूमि में मिलाने की बात कहता है, चाहे ऐसा बलपूर्वक ही क्यों न करना पड़े. वहीं, ताइवान खुद को एक स्वतंत्र राष्ट्र मानता है और चीन को विस्तारवादी बताता है, जो उस पर कब्जा करना चाहता है.

पूर्व चीनी नौसैनिक अधिकारी स्पीडबोट से ताइवान के तट पर पहुंचा. (Photo: AP) पूर्व चीनी नौसैनिक अधिकारी स्पीडबोट से ताइवान के तट पर पहुंचा. (Photo: AP)
aajtak.in
  • ताइपे,
  • 12 जून 2024,
  • अपडेटेड 7:59 AM IST

चीन की नौसेना के एक पूर्व अधिकारी ने रविवार को ताइवान के जल क्षेत्र में घुसपैठ कर दी. वह अपनी स्पीडबोट लेकर सीधे राजधानी ताइपे के बाहर एक घाट तक पहुंच गया. चीन के साथ बार-बार तनाव और उच्च सुरक्षा उपायों के बीच एक चीनी व्यक्ति द्वारा अपने क्षेत्र में घुसपैठ की ताइवान के शीर्ष राजनेताओं ने कड़ी आलोचना की है. ताइवान में घुसने की कोशिश करने वाले चीन के पूर्व नौसेना अधिकार ने अपना नाम रुआन बताया.

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ताइवान कोस्ट गार्ड ने बताया कि ताइपे के करीब तामसुई नदी में प्रवेश करने के बाद संदिग्ध चीनी नागरिक ने अपनी स्पीडबोट से एक नौका को टक्कर मार दी. रुआन ने बताया कि उसने एक दिन पहले चीन के फुजोऊ से ताइवान के लिए अपना सफर शुरू किया था. उसकी स्पीडबोट में ताइवान कोस्ट गार्ड को कुछ संदिग्ध सामान नहीं मिला है. ताइवान कोस्ट गार्ड के अनुसार, उस व्यक्ति ने कहा कि उसे 'अनुचित बयान देने' के लिए चीनी अधिकारियों द्वारा प्रताड़ित गया था और वह ताइवान भागना चाहता था.

उस पर इमिग्रेशन एक्ट के उल्लंघन सहित विभिन्न ताइवानी कानूनों के उल्लंघन का आरोप लगा है. ताइवान के रक्षा मंत्री वेलिंगटन कू ने मंगलवार को कहा कि इस संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है कि स्पीडबोट से हमारे क्षेत्र में घुसपैठ के पीछे चीन की कोई रणनीति हो. ताइपे के मेयर होउ यू-यी ने इसे एक गंभीर सुरक्षा चूक बताया, खासकर यह देखते हुए कि स्पीडबोट घुसपैठ कर जिस घाट पर पहुंची थी, वहां से ताइपे 10 मिनट से भी कम की दूरी पर है. 

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उन्होंने कहा, 'राष्ट्रीय सीमा सुरक्षा में कोई चूक बर्दाश्त नहीं की जा सकती. यह घटना इंगित करती है कि कोस्ट गार्ड और फर्स्ट-लाइन सिक्योरिटी रिपोर्टिंग मैकेनिज्म को प्रभावी ढंग से मैनेज नहीं किया गया.' बता दें कि पिछले महीने डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (डीपीपी) के स्वतंत्रता समर्थक नेता लाई चिंग-ते ने ताइवान में राष्ट्रपति चुनाव जीता. इसके बाद चीन ने ताइवान के आसपास अपनी सेना, नौसेना, वायु सेना और रॉकेट फोर्स को शामिल करते हुए सैन्य अभ्यास तेज कर दिया है.

बता दें कि चीन दावा करता है कि ताइवान उसका ही हिस्सा है. बीजिंग ताइवान को एक विद्रोही प्रांत बताता है और उसे अपनी मुख्य भूमि में मिलाने की बात कहता है, चाहे ऐसा बलपूर्वक ही क्यों न करना पड़े. वहीं, ताइवान खुद को एक स्वतंत्र राष्ट्र मानता है और चीन को विस्तारवादी बताता है, जो उस पर कब्जा करना चाहता है. ताइवान अपनी अलग पहचान और लोकतांत्रिक व्यवस्था बनाए रखना चाहता है. इसकी अधिकांश आबादी एक संप्रभु एवं स्वतंत्रता का समर्थन करती है. 

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