
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. जहां एक ओर गिरफ्तारी से बचने के लिए वे पाकिस्तान की अदालतों के चक्कर काट रहे हैं, तो दूसरी ओर उनके करीबी सहयोगी एक के बाद एक कर उनका साथ छोड़ रहे हैं. इमरान खान को ताजा झटका उनकी सरकार में मंत्री रहे फवाद चौधरी ने दिया. फवाद ने कहा कि मैंने राजनीति से ब्रेक लेने का फैसला किया है. मैं पीटीआई के सभी पदों से इस्तीफा देता हूं और इमरान खान से अलग हो रहा हूं.
इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद 9 मई को पाकिस्तान में हुई हिंसा के बाद अब तक करीब दो दर्जन नेताओं ने पीटीआई से इस्तीफा दे दिया है. इस्तीफा देने वाले नेताओं में डॉक्टर शिरीन मजारी, फैयाजुल हसन चौहान, मलिक अमीन असलम, महमूद मौलवी, आमिर कयानी, जय प्रकाश, आफताब सिद्दीकी और संजय गंगवानी ने नाम शामिल हैं. इसके अलावा पिछले कुछ दिनों में सरदार तनवीर इलियास, बिलाल गफ्फार, करीम गबोल, मलिक जवाद , बलूचिस्तान के खनिज मंत्री मुबीन खिलजी, मेजर ताहिर सादिक और बेटी इमान ताहिर, मलिक अमीन असलम, सैयद जुल्फिकार अली शाह भी इस्तीफा दे चुके हैं.
दरअसल, इमरान खान 9 मई को अल कादिर ट्रस्ट केस में गिरफ्तार हुए थे. इसके बाद पीटीआई कार्यकर्ताओं और इमरान के समर्थकों ने देशभर में विरोध प्रदर्शन किए थे. इस दौरान देशभर में जमकर हिंसा हुई थी. सैन्य ठिकानों पर भी हमला किया गया था. इस हिंसा के लिए पीटीआई के तमाम कार्यकर्ताओं और नेताओं को गिरफ्तार किया गया था. इसमें फवाद चौधरी भी शामिल हैं. फवाद को हाईकोर्ट से जमानत मिल गई. फवाद समेत इमरान की पार्टी के कई नेताओं ने रिहाई के बाद 9 मई की हिंसा की निंदा करते हुए पीटीआई से इस्तीफा दे दिया. हालांकि यह भी कहा जा रहा है कि सैन्य दबाव के चलते और पुलिस की कार्रवाई से बचने के लिए ये नेता इमरान का साथ छोड़ रहे हैं.
वहीं, इमरान खान का कहना है कि उनके सहयोगी नेताओं पर पार्टी से इस्तीफा देने का दबाव डाला जा रहा है. इमरान ने पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी पर कहा कि पाकिस्तान के इतिहास में मैंने ऐसी कार्रवाई पहले कभी नहीं देखी. इमरान ने दावा किया कि नेताओं से कहा जा रहा है कि अगर आप पीटीआई में रहते हैं तो आपको उत्पीड़न और हिंसा का सामना करना पड़ेगा. आपको जेल में बंद रहना पड़ेगा. अगर आप पार्टी से इस्तीफा देते हैं, तो आपको रिहा कर दिया जाएगा.
इमरान खान ने कहा, ''जमीनी कार्यकर्ताओं और नेताओं को सरकार द्वारा निशाना बनाया जा रहा है. उन्होंने सभी को जेल में डाल दिया है, मुझे यह भी नहीं पता कि अब किससे संपर्क करना है? "
इमरान ने ट्वीट कर कहा, ''हम सभी ने पाकिस्तान में जबरन शादी के बारे में सुना है, लेकिन पीटीआई के लिए एक नई घटना सामने आई है, 'जबरन तलाक'. साथ ही सोच रहा हूं कि देश के तमाम मानवाधिकार संगठन कहां गायब हो गए हैं.''
उधर, पाकिस्तान की सरकार 9 मई को हुई हिंसा के चलते इमरान खान की पार्टी पीटीआई पर बैन लगाने की तैयारी कर रही है. पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा कि सरकार प्रमुख संस्थानों पर हमला करने के लिए पीटीआई पर प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रही है और इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है. हालांकि, माना जा रहा है कि अगर सरकार पीटीआई को बैन करती है, तो इमरान के समर्थकों और सरकार में टकराव और अधिक बढ़ सकता है.
पीटीआई के वकील अली जफर ने कहा कि इस तरह के किसी भी कदम को अदालत में चुनौती दी जाएगी. उन्होंने कहा कि कुछ व्यक्तियों द्वारा किए गए कृत्यों के लिए पूरी पार्टी को दोषी नहीं ठहराया जा सकता है.
इमरान खान 2018 में सेना के समर्थन से प्रधानमंत्री बने थे. हालांकि, सैन्य मामलों में हस्तक्षेप के बाद इमरान और सेना के बीच रिश्ते खराब होते चले गए. इसके बाद इमरान को पार्टी में हुई बगावत के बाद इस्तीफा देना पड़ा था और शहबाज शरीफ के नेतृत्व में गठबंधन सरकार बनी थी. इसके बाद से इमरान खान देशभर में समर्थकों को इकट्ठा करते हुए, आम चुनावों के लिए प्रचार कर रहे हैं.
इस दौरान इमरान खान के खिलाफ भ्रष्टाचार समेत 100 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं. ऐसे ही एक मामले अल कादिर ट्रस्ट केस में 9 मई को उन्हें गिरफ्तार किया गया था. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद उन्हें तीन दिन बाद रिहा कर दिया गया. इसके बाद से वे अलग अलग केसों में राहत के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटा रहे हैं. हाल ही में इमरान ने दावा किया था कि उन्हें पाकिस्तानी सेना ने ऑफर किया था कि वे अगर देश छोड़कर भाग जाते हैं, तो उन्हें राहत दे दी जाएगी. हालांकि, इमरान ने कहा कि वे आखिरी समय तक पाकिस्तान की जनता के लिए लड़ेंगे.