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आबादी घटने से परेशान चीन, लाखों न्यूली वेड कपल्स से पूछ रहा- कब होगा बच्चा?

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने पिछले हफ्ते कम्युनिस्ट पार्टी की बैठक में घोषणा की कि देश बर्थ रेट को बढ़ावा देने और देश की जनसंख्या विकास रणनीति में सुधार करने के लिए एक नीति बनाएगा. चीन ने स्वीकार किया है कि उसकी आबादी घटने के कगार पर है.

प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 28 अक्टूबर 2022,
  • अपडेटेड 1:56 PM IST

विश्व की सबसे अधिक आबादी वाला देश चीन इन दिनों धीरे धीरे अपनी जनसंख्या के घटने से चिंता में आ गया है. ये चिंता कितनी अधिक है यह तब समझ आया जब यहां एक नव विवाहित महिला ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट लिखा. इसमें उसने बताया कि क्षेत्रीय प्रशासन की ओर से उन्हें एक फोन आया था जिसमें उनसे पूछा गया कि वे कब गर्भवती होंगी. इसके बाद महिला के इस पोस्ट के जवाब में लगभग 10 हजार लोगों ने कमेंट कर लिखा कि उन्हें भी बिल्कुल इसी तरह का कॉल आया था. हालांकि बाद में प्रशासन की ओर से उस पोस्ट को हटा दिया गया. 

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'शादीशुदा हैं तो अब तक बच्चे की प्लानिंग क्यों नहीं की?'

एक अन्य महिला ने अपनी सहकर्मी को आए ऐसे कॉल के बारे में बताया. फोन पर अधिकारी ने महिला से कहा कि सरकार चाहती है कि नवविवाहित  एक साल के भीतर प्रेग्नेंट हों और उनसे बार- बार इस तरह के कॉल करने को कहा गया है. एक अन्य महिला ने कमेंट में लिखा कि उसकी शादी बीते साल अगस्त में हुई थी और तब से उसे  प्रेग्नेंट होने के लिए दो बार फोन आ चुका है. उसने बताया कि फोन पर अधिकारी उसे कहते हैं कि- आप शादीशुदा हैं तो अब तक बच्चे की प्लानिंग क्यों नहीं की? बच्चे को जन्म देने के लिए समय निकालें.

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने पिछले हफ्ते कम्युनिस्ट पार्टी की बैठक में घोषणा की कि देश बर्थ रेट को बढ़ावा देने और देश की जनसंख्या विकास रणनीति में सुधार करने के लिए एक नीति बनाएगा. चीन ने स्वीकार किया है कि उसकी आबादी घटने के कगार पर है.

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घटने लगी चीन की आबादी

बताते चलें कि वर्ल्ड पापुलेशन प्रॉस्पेक्ट्स 2019  के अनुसार, अभी चीन 1.44 अरब की आबादी के साथ पहले स्थान पर है, जबकि दूसरे स्थान पर काबिज भारत की आबादी 1.39 अरब है. दुनिया की कुल आबादी में चीन की 19 फीसदी और भारत की 18 फीसदी हिस्सेदारी है. रिपोर्ट के अनुसार, साल 2023 तक भारत की आबादी बढ़कर चीन से ज्यादा हो जाएगी.  रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन की आबादी साल 2019 से साल 2050 के दौरान 3.14 करोड़ यानी करीब 2.2 फीसदी कम हो जाएगी.

पॉपुलेशन कंट्रोल के लिए चीन ने लागू की थी कई नीतियां

गौरतलब है कि भारी जनसंख्या से परेशान होकर चीन ने 1970 और 80 के दशक में नई नीतियों को लागू किया था, इससे बर्थ रेशियो पर काफी विपरीत प्रभाव पड़ा, इस वजह से जनसंख्या में भी तेजी से बदलाव महसूस किए गए. लेकिन एक समय के बाद ये भी देखा गया कि इस वजह से विकास की प्रक्रिया भी बहुत कम हो गई.

10 अरब के पार निकल जाएगी दुनिया की आबादी

संयुक्त राष्ट्र के इकोनॉमिक एंड सोशल अफेयर्स डिपार्टमेंट (UN Department of Economic and Social Affairs) के पूर्वानुमान के अनुसार, दुनिया की आबादी अभी 1950 के बाद सबसे धीमी रफ्तार से बढ़ रही है. पूर्वानुमान के अनुसार, पूरी दुनिया की बात करें तो साल 2030 तक दुनिया की आबादी 8.5 अरब हो जाएगी. इसी तरह साल 2050 तक दुनिया की कुल आबादी 9.7 अरब पर और 2080 के दशक में करीब 10.4 अरब पर पहुंच जाएगी. रिपोर्ट के अनुसार, इसके बाद 2100 ईस्वी तक दुनिया की आबादी इसी स्तर पर बनी रहेगी.

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