
खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश का मामला गरमा गया है. आरोपी भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका सुनवाई हुई. जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि हम इस मामले में आदेश पारित नहीं कर सकते हैं. आपको संबंधित अदालत के समक्ष जाना होगा. कोर्ट ने पूछा- यह याचिका किसने दायर की है?
इस पर निखिल के वकील सीए सुंदरम ने कहा कि यह परिवार के एक सदस्य द्वारा दायर की गई है. वकील ने कहा कि निखिल चेक गणराज्य की जेल में बंद है. समस्या यह है कि हमारे साथ कोई अनुवादक नहीं है. सरकार से कोई मदद नहीं मिली है. याचिका में कहा गया है कि निखिल को अवैध रूप से हिरासत में रखा गया है. अब उसके अमेरिका में प्रत्यर्पण की तैयारी है. उसकी रिहाई की जानी चाहिए.
बता दें कि बीते दिनों भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता पर खालिस्तानी आतंकी और सिख फॉर जस्टिस के संस्थापक गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया गया था. अमेरिका के इस आरोप पर भारत ने जांच कमेटी गठित कर दी थी. दरअसल, पन्नू के पास अमेरिका और कनाडा की नागरिकता है. जबकि भारत ने उसे आतंकवादी घोषित कर रखा है. बुधवार को अमेरिकी अटॉर्नी के कार्यालय ने बताया कि निखिल गुप्ता नाम के शख्स को चेक गणराज्य ने गिरफ्तार किया था और उसका अमेरिका में प्रत्यर्पण किए जाने की तैयारी है.
'हस्तक्षेप करे भारत सरकार'
निखिल ने याचिका में कहा है कि इस मामले में मदद के लिए विदेश मंत्रालय और गृह मंत्रालय के अधिकारी आगे आएं और चेक गणराज्य में अपने समकक्ष अधिकारियों से बातचीत करें. सुप्रीम कोर्ट इस संबंध में भारत सरकार को हस्तक्षेप के लिए आदेश जारी करे. याचिका में आगे कहा गया है कि इस वक्त याचिकाकर्ता के जीवन को खतरा है. याचिकाकर्ता कानून का पालन करने वाला भारतीय नागरिक है. चेक गणराज्य की राजधानी प्राग की जेल में बंद है. वहां उसके जीवन को गंभीर खतरा है.
'दो सरकारों के प्रतिशोध का सामना कर रहा निखिल?'
निखिल गुप्ता का कहना है कि उस व्यक्ति पर खालिस्तानी नेता गुरपतवंत पन्नू को मारने की 'सरकारी साजिश' में शामिल होने का आरोप है. जबकि वो जून से चेक गणराज्य की जेल में है. परिवार ने सुप्रीम कोर्ट में यह कहते हुए याचिका दायर की कि 30 जून, 2023 से निखिल चेक गणराज्य की अवैध हिरासत में है. वो अमेरिकी और भारतीय सरकारों के बीच कथित राजनीतिक प्रतिशोध का सामना कर रहा है. उसका कहना है कि प्राग में प्रक्रिया में कुछ खामी की वजह से प्रत्यर्पण कार्यवाही प्रभावित हुई है. जिसमें गिरफ्तारी वारंट की कमी, निष्पक्ष प्रतिनिधित्व की कमी और बुनियादी अधिकार से इनकार शामिल है. उसका मुकदमा वहां निष्पक्ष नहीं रह गया है.
बताते चलें कि खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या साजिश रचने के आरोप में भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता के खिलाफ अमेरिका ने कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है. चेक गणराज्य के न्याय मंत्रालय ने निखिल गुप्ता की गिरफ्तारी और अंतरिम हिरासत की पुष्टि की है. यह एक्शन अमेरिका की अपील पर लिया गया है. अमेरिकी अधिकारियों का आरोप है कि एक अज्ञात भारतीय सरकारी कर्मचारी के निर्देशन में निखिल गुप्ता ने अमेरिका में पन्नू को मारने की साजिश रची. निखिल गुप्ता (52) को चेक कानून प्रवर्तन अधिकारियों ने इस साल जून में गिरफ्तार किया था.
चेक न्याय मंत्रालय के प्रवक्ता व्लादिमीर रेपका के अनुसार, निखिल गुप्ता को संयुक्त राज्य अमेरिका की अपील पर गिरफ्तार किया गया था, जिसने बाद में प्रत्यर्पण अनुरोध प्रस्तुत किया था. गुप्ता के खिलाफ आरोप है कि वह पन्नू की कॉन्ट्रैक्ट किलिंग की साजिश में शामिल है. अमेरिका ने अगस्त, 2023 में प्रत्यर्पण के लिए अपील की थी. शुरुआती जांच में प्राग की अदालत ने गुप्ता के प्रत्यर्पण को स्वीकार कर लिया था. हालांकि यह निर्णय अभी कानूनी रूप से बाध्यकारी नहीं है.