Advertisement

FATF: PAK पर ब्लैकलिस्ट होने का बढ़ा खतरा, 10 में 9 रेटिंग में फिसड्डी

रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान सरकार ने आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैय्यबा, जमात-उद-दावा, फलह-ए-इंसानियत फाउंडेशन और इसके सरगना हाफिज सईद के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं की है. एपीजी फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) का  क्षेत्रीय निकाय है.

पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान (फाइल फोटो) पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान (फाइल फोटो)
गीता मोहन
  • नई दिल्ली,
  • 06 अक्टूबर 2019,
  • अपडेटेड 9:20 AM IST

  • अगेल हफ्ते एफएटीएफ की बैठक, ब्लैकलिस्ट करने पर होगा फैसला
  • एफएटीएफ पाकिस्तान को जून 2018 से संदिग्ध सूची में डाल चुका है

एशिया/पैसिफिक ऑन मनी लॉन्ड्रिंग (एपीजी) ने शनिवार को मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग पर अपनी रिपोर्ट जारी की है. यह रिपोर्ट फाइनेंसियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) के सालाना अधिवेशन से एक हफ्ते पहले जारी की गई है जिसमें पाकिस्तान की 'ग्रे लिस्ट' की स्थिति पर फैसला होना है. बैठक में इस पर भी निर्णय होगा कि पाकिस्तान को 'ब्लैकलिस्ट' करने की दिशा में ठोस कारण हैं या नहीं.

Advertisement

10 में 9 रेटिंग में फिसड्डी पाक

एपीजी की रिपोर्ट में पाकिस्तान हर मोर्चे पर फिसड्डी साबित हुआ है. मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग के खिलाफ कार्रवाई के 10 मानदंडों में पाकिस्तान 9 में फिसड्डी साबित हुआ है जबकि एक में उसे 'मध्यम' स्थान प्राप्त हुआ है.

इस बात का खुलासा एपीजी की म्यूचुअल इवॉल्यूशन रिपोर्ट में हुआ है. इस रिपोर्ट में कहा गया कि युनाइटेड नेशन्स सिक्योरिटी काउंसिल रिजोल्यूशन 1267 को लागू करने के लिए सही कदम नहीं उठाए गए. पाकिस्तान सरकार ने आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैय्यबा, जमात-उद-दावा (जेयूडी) व फलह-ए-इंसानियत फाउंडेशन (एफआईएफ) और इनके सरगना हाफिज सईद के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं की है. एपीजी, फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) का  क्षेत्रीय निकाय है.

ब्लैकलिस्ट होने का खतरा बढ़ा

अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, इंग्लैंड के दबाव के बाद एफएटीएफ पाकिस्तान को जून 2018 से संदिग्ध सूची में डाल चुका है. एपीजी की ओर से पाकिस्तान के खिलाफ प्रतिकूल तथ्य पाए जाने के बाद अक्टूबर 2019 से उसे नकारात्मक रडार पर रखा जाएगा. इसके मायने हैं कि पाक के लिए दिक्कतें और बढ़ेंगी. वो संदिग्ध सूची में बना रहेगा और उसे संभवत: काली सूची में डालने की प्रक्रिया भी शुरू हो जाएगी.

Advertisement

228 पेज की इस रिपोर्ट के आधार पर ही अगले हफ्ते पाकिस्तान की एफएटीएफ रैंकिंग पर फैसला होगा. पाकिस्तान ज्यादातर मापदंडों में फिसड्डी पाया गया है, खासकर जब हाफिज सईद जैसे वैश्विक आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात हो.

रिपोर्ट में क्या हैं तथ्य?

रिपोर्ट में साफ कहा गया है कि यूएनएससीआर 1267 कमेटी की रिपोर्ट में 2008 में जेयूडी और 2012 में एफआईएफ का नाम शामिल होने के बावजूद ये दोनों संगठन पाकिस्तान में खुलेआम जनसभाएं करते हैं और फंड जुटाते हैं. पाकिस्तानी मीडिया में ऐसी कई रिपोर्ट सामने आई हैं जिनमें मानवीय राहत और सहायता के नाम पर एफआईएफ को चंदा वसूलते देखा गया है. इन संगठनों की ओर से एंबुलेंस सेवाएं जारी रखने पर भी सवाल उठाए गए कि इनकी फंडिंग के खिलाफ कारगर कार्रवाई की गई है या नहीं.

पेरिस में होने वाली एफएटीएफ की बैठक में भारत का पक्ष मजबूत रह सकता है लेकिन पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट करने की उसकी कोशिश उतनी आसान नहीं दिखती क्योंकि पीपल्स बैंक ऑफ चाइना के जिंयाग्मिन लिउ फिलहाल एफएटीएफ के प्रेसिडेंट हैं.  

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement