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चीन में 3 साल के बच्चे की मौत से भड़के लोग, पिता का आरोप- लॉकडाउन नियमों ने ली जान

यह मामला चीन के गांसू प्रांत का है, जहां कोरोना की वजह से पिछले कई महीनों से लॉकडाउन लगा है. पीड़ित पिता का आरोप है कि लॉकडाउन के चलते उनके तीन साल के बच्चे की मौत हो गई. इसके लिए उन्होंने चीन की बेहद सख्त कोविड-19 नीतियों को जिम्मेदार ठहराया है. 

सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 03 नवंबर 2022,
  • अपडेटेड 12:35 PM IST

चीन में कोरोना का कहर एक बार फिर लौट आया है. आलम यह है कि चीन के वुहान सहित कई शहरों में दोबारा लॉकडाउन लगाना पड़ा है, लेकिन यह लॉकडाउन एक परिवार पर दुखों का पहाड़ बनकर टूटा है. आरोप है कि चीन में लगाए गए लॉकडाउन की वजह से तीन साल के एक बच्चे की मौत हो गई है. बच्चे के पिता ने ही यह आरोप लगाया है.

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यह मामला चीन के गांसू प्रांत का है, जहां कोरोना की वजह से पिछले कई महीनों से लॉकडाउन लगा है. पीड़ित पिता का आरोप है कि लॉकडाउन के चलते उनके तीन साल के बच्चे की मौत हो गई. इसके लिए उन्होंने चीन की बेहद सख्त कोविड-19 नीतियों को जिम्मेदार ठहराया है. 

पिता का कहना है कि लॉकडाउन की वजह से उनके बेटे को समय पर इलाज नहीं मिल पाया, जिससे उसकी मौत हो गई. इस मामले के सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर लोग सरकार के खिलाफ अपना गुस्सा जाहिर कर रहे हैं.

चीन के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म वीबो पर पीड़ित पिता तुओ शीले ने कहा, मुझे निजी तौर पर लगता है कि कोरोना से मेरे बच्चे की मौत हुई है. 

तुओ ने बताया कि बीते मंगलवार आधीरात को गैस के धुएं की वजह से ठीक से नहीं दिखने पर उनकी पत्नी फिसलकर गिर गई थी, इसके बाद उनका ध्यान अपने बेटे की तरफ गया, जिसकी अचानक तबीयत खराब हो गई थी. तुओ ने बताया कि उसने कई बार एंबुलेंस और पुलिस को कॉल करने की कोशिश की, लेकिन बात नहीं बन पाई.

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उन्होंने बताया कि 30 मिनट के बाद मेरे बेटे की तबीयत और बिगड़ गई. तब मैंने खुद ही बेटे को सीपीआर ट्रीटमेंट दिया. इसके बाद वह बेटे को लेकर कम्युनिटी कंपाउड के एंट्रेंस तक लेकर दौड़े. लेकिन वहां मौजूद गार्ड ने उन्हें बाहर नहीं जाने दिया. इसके बजाए उसे एंबुलेंस को कॉल करने को कहा.  

तुओ का कहना है कि एंबुलेंस का इंतजार करने के बजाए वह कंपाउंड का बैरियर तोड़कर बेटे के साथ बाहर निकल गए. इस बीच कुछ स्थानीय लोगों ने टैक्सी का इंतजाम किया और बेटे को अस्पताल पहुंचवाया. डॉक्टरों ने बच्चे को बचाने की पूरी कोशिश की लेकिन सफल नहीं हो पाए.

तुओ एक छोटी मीट शॉप के मालिक हैं. 32 साल के तुओ कहते हैं कि कुछ स्थानीय लोगों को छोड़कर हमारी किसी ने मदद नहीं की. हमें चेकपॉइन्ट पर बेवजह रोक भी लिया गया. लॉकडाउन की वजह से इन लापरवाहियों और देरी की वजह से मेरे बेटे ने दम तोड़ दिया.

'कोरोना के 3 साल जितनी ही मेरे बेटे की जिंदगी थी'

चीन की यह घटना सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है. तिपहिया ट्रक में तुओ का अपने बेटे वेनशुआन को सीपीआर देते वीडियो वायरल हो रहा है. 

इसके बाद ट्विटर पर 'थ्री ईयर्स ऑफ कोविड वॉज हिज एनटायर लाइफ' सोशल मीडिया पर ट्रेंडिंग टॉपिक बन गया है. एक यूजर ने कहा है कि दुखद है कि सिर्फ मास्क ही इस बच्चे की यादें बनकर रह गई है. कई यूजर्स कह रहे हैं कि क्या प्रशासन में किसी का विश्वास बचा है? 

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बता दें कि चीन की जीरो कोविड पॉलिसी का भारी विरोध हो रहा है. इस पॉलिसी के तहत किसी इलाके में कोरोना का एक केस भी सामने आने पर उस पूरे इलाके में कर्फ्यू जैसे हालात हो जाते हैं. 

 

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