Advertisement

युद्ध के बीच इजरायल के लिए रवाना हुए भारतीय, लाखों की सैलरी पर करेंगे यह काम

भारत और इजरायल के बीच हुए एक समझौते के तहत भारतीय कामगारों का पहला जत्था इजरायल रवाना हो गया है. हमास से जंग छिड़ने के बाद इजरायल ने गाजा और कब्जे वाले वेस्ट बैंक के श्रमिकों के परमिट को रद्द कर दिया है. इससे इजरायल में श्रमिकों की कमी हो गई है.

इजरायल रवाना होने से पहले भारतीय श्रमिक (फोटो-@NaorGilon) इजरायल रवाना होने से पहले भारतीय श्रमिक (फोटो-@NaorGilon)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 03 अप्रैल 2024,
  • अपडेटेड 12:02 PM IST

हमास और इजरायल में जारी जंग के बीच मंगलवार को भारतीय कामगारों का एक जत्था इजरायल के लिए रवाना हो गया है. भारत में इजरायल के राजदूत नाओर गिलोन के मुताबिक, इस जत्थे में 60 से ज्यादा भारतीय हैं. नाओर गिलोन ने  सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट करते हुए लिखा है कि इजरायल जाने वाले भारतीय श्रमिकों के पहले बैच को रवाना करने से पहले एक कार्यक्रम आयोजित किया गया. 

Advertisement

इजरायल ने पिछले साल भारत और अन्य देशों से हजारों श्रमिकों की भर्ती करने की घोषणा की थी. हमास से जारी युद्ध के कारण इजरायल ने हजारों फिलिस्तीनी कामगारों पर प्रतिबंध लगा दिया है. ऐसे में इजरायल में कामगारों की कमी हो गई. दिसंबर 2023 में इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ फोन पर बातचीत के दौरान भारतीय श्रमिकों को इजरायल भेजने का आह्वान किया था.

नाओर गिलोन ने लिखा है, "G2G समझौते के तहत इजरायल जाने वाले 60 से ज्यादा भारतीय कंस्ट्रक्शन वर्कर्स के लिए विदाई कार्यक्रम आयोजित किया गया था. यह  NSDC INDIA सहित कई लोगों की कड़ी मेहनत का परिणाम है. मुझे यकीन है कि ये वर्कर भारत और इजरायल के लोगों के बीच जुड़ाव को और मजबूत बनाएंगे

दोनों देशों के बीच संबंधों को बढ़ावा देने के लिए साल 2018 में भारत और इजरायल के बीच गवर्नमेंट टू गवर्नमेंट यानी G2G समझौता किया गया था. 

Advertisement

NSDC INDIA पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल के तहत वित्त मंत्रालय द्वारा स्थापित एक सार्वजनिक लिमिटेड कंपनी है और भारतीय श्रमिकों को कौशल विकास और व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान करती है. हालांकि, दूसरे देशों में काम करने वाले भारतीय विदेश मंत्रालय की निगरानी में रहते हैं. लेकिन विदेश मंत्रालय की ओर से इस पर कोई बयान नहीं आया है. 

इजरायल गए मजदूरों की लाखों में सैलरी 

पिछले कुछ महीनों में NSDC INDIA और इजरायल की कंपनियों ने हरियाणा और उत्तर प्रदेश के सैकड़ों कामगारों की परीक्षा ली थी. यह सभी कामगार चिनाई, बढ़ई, टाइलिंग और बार-बेंडिंग से जुड़े थे. इसके बाद नवंबर 2023 में भारत और इजरायल ने कंस्ट्रक्शन और होम-बेस्ड वर्क क्षेत्र में भारतीय श्रमिकों के अस्थाई रोजगार की सुविधा पर एक समझौते पर हस्ताक्षर किया.

NSDC की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, फ्रेमवर्क वर्कर और बार-वेंडर्स के लिए तीन-तीन हजार नौकरियां हैं. इसके अलावा टाइलिंग और प्लेटिंग के लिए दो हजार नौकरियां हैं. विज्ञापन के अनुसार, इसके लिए एक लाख 37 हजार से ज्यादा की महीने सैलरी है. हालांकि, जाने-आने का किराया, टैक्स, हेल्थ इंश्योरेंस और सोशल सिक्यूरेटी इंश्योरेंस का भुगतान श्रमिकों को करना होगा.

ट्रेड यूनियनों ने जताया विरोध

युद्ध के बीच इजरायल की कंपनियों द्वारा भारतीय मजदूरों की भर्ती को लेकर यहां के ट्रेड यूनियनों ने विरोध भी जताया है. आलोचकों का कहना है कि युद्ध के बीच इजरायल द्वारा भारतीय श्रमिकों की भर्ती करना जोखिमों से भरा है. सरकार को श्रमिकों की सुरक्षा और भलाई को प्राथमिकता देने की जरूरत है. हालांकि, जोखिमों के बावजूद भारतीय श्रमिक इजरायल में काम करने के अवसर को गरीबी से उबरने और अपनी आर्थिक स्थिति को ठीक करने के रूप में देख रहे हैं.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement