
भारत और इजरायल के बीच हुए गवर्नमेंट टू गवर्नमेंट (G2G) समझौते के तहत भारत से श्रमिकों का पहला बैच रवाना हो गया है. हमास के साथ चल रहे युद्ध के बीच इजरायल जा रहे भारतीय श्रमिकों की सुरक्षा एक बड़ी चिंता है जिसे लेकर भारत सरकार ने इजरायल से बात की है. विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि इजरायली अधिकारियों से आग्रह किया गया है कि वो भारतीय श्रमिकों की सुरक्षा के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करें.
साप्ताहिक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, 'हमारे लिए, उनकी (भारतीय श्रमिकों की) सुरक्षा बहुत जरूरी है. हमने इजरायली अधिकारियों से आग्रह किया है कि वो श्रमिकों की सुरक्षा और भलाई के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करें, जो कि बेहद महत्वपूर्ण है.'
प्रवक्ता ने इजरायल में भारतीय सैनिकों का आंकड़ा देते हुए आगे कहा, 'लगभग 18,000 भारतीय श्रमिक इजरायल में हैं. श्रमिकों की सुरक्षा हमारे लिए बेहद अहम है इसलिए इजरायल में भारतीय दूतावास नियमित रूप से उनके संपर्क में है. जी टू जी समझौते के तहत श्रमिकों का पहला बैच इजरायल पहुंच चुका है.'
इजरायल के सीमावर्ती इलाकों में रह रहे भारतीय नागरिकों की बात करते हुए जायसवाल ने कहा कि भारत सरकार ने इजरायली अधिकारियों से उनकी सुरक्षा को गंभीरता से लेने और मदद के लिए हर संभव प्रयास करने का आग्रह किया है.
उन्होंने कहा, 'इजरायल में फिलहाल बड़ी संख्या में भारतीय नागरिक रह रहे हैं. हमने इजरायल के लोगों और इजरायली अधिकारियों से आग्रह किया है कि वो हमारे लोगों की सुरक्षा को गंभीरता से लें और इसके लिए जो हो सके, करें.'
इजरायल में क्यों हुई श्रमिकों की कमी?
हमास के साथ युद्ध से पहले इजरायल में बड़ी संख्या में फिलिस्तीनी श्रमिक कंस्ट्रक्शन के क्षेत्र में काम करते थे. लेकिन युद्ध के बाद इजरायल ने फिलिस्तीनी श्रमिकों पर प्रतिबंध लगा दिया जिसके बाद वहां श्रमिकों की कमी हो गई. इस कमी को देखते हुए इजरायल भारत जैसे देशों से श्रमिकों की भर्ती कर रहा है. इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने भी फोन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से श्रमिकों को भेजने का आग्रह किया था.
भारतीय श्रमिक G2G समझौते के तहत इजरायल जा रहे हैं जो दोनों देशों के बीच साल 2018 में किया गया था. समझौते में भारत से चिनाई, बढ़ई, टाइलिंग और बार-वेंडिंग जैसे कामों के लिए श्रमिक इजरायल जाने वाले थे.
लेकिन युद्ध के बाद अब इजरायल में कंस्ट्रक्शन वर्कर्स की कमी हो गई जिसे देखते हुए नवंबर 2023 में भारत और इजरायल ने कंस्ट्रक्शन और घरेलू काम में भारतीय श्रमिकों के अस्थाई रोजगार फैसिलिटी पर एक समझौता किया.
डेढ़ लाख की मोटी मासिक सैलरी पर इजरायल में काम करेंगे भारतीय श्रमिक
भारतीय श्रमिकों को इजरायल में एक लाख 37 हजार से ज्यादा की मासिक सैलरी मिलेगी. श्रमिकों से लगभग एक साल से ज्यादा का कॉन्ट्रैक्ट किया जा रहा है जिसमें 1,37000 के अलावा 16,515 रुपये बोनस भी मिलेगा यानी उनकी कुल मासिक सैलरी डेढ़ लाख रुपये महीना होगी.
साथ ही श्रमिकों को मेडिकल इंश्योरेंस, खाना-पीना, रहना इजरायल की तरफ से मिलेगा.
हमास के हमले के बाद इजरायल ने शुरू किया गाजा पर हमला
इजरायल और हमास के बीच पिछले साल युद्ध शुरू हुआ था. फिलिस्तीनी संगठन हमास ने 7 अक्टूबर 2023 को अचानक इजरायल पर हमला कर दिया जिसमें 1,200 से अधिक लोग मारे गए और सैकड़ों लोगों को बंधक बना लिया गया था.
इस हमले के बाद इजरायल ने हमास के कब्जे वाले गाजा में जवाबी कार्रवाई शुरू की जो अब तक जारी है. इजरायल की जवाबी कार्रवाई में अब तक 33,000 से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए हैं. मरने वालों में सबसे अधिक बच्चे और महिलाएं शामिल हैं.