
ईरान में 400 से ज्यादा दिनों तक कैद रहने वाले पांच भारतीय नाविक आज मुंबई लौटेंगे. ईरान ने इन नाविकों को फरवरी, 2020 में गिरफ्तार किया था और आरोप साबित नहीं होने के बाद 9 मार्च 2021 यानी 403 दिन बाद बरी कर दिया था. उसके बाद भी ये वापस नहीं लौट पाए क्योंकि ईरानी प्रशासन ने इनके कागजात वापस नहीं किए थे.
ईरान में फंसे इन नाविकों ने वीडियो जारी कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मदद मांगी थी. वीडियो में अनिकेत नाम का नाविक कहता है, "माननीय प्रधानमंत्री मोदी, हम यह वीडियो वतन वापसी के लिए बना रहे हैं. हम यह वीडियो चाबहार से बना रहे हैं जो कि ईरान में है. यह वही चाबहार है जहां भारत 200 मिलियन डॉलर का एक बंदरगाह बना रहा है."
इससे पहले इंडियन वर्ल्ड फोरम के अध्यक्ष पुनीत सिंह चंडोक ने पीएम मोदी को भारतीय नाविकों की दुर्दशा के बारे में जानकारी दी थी, जिन्हें चाबहार सेंट्रल जेल में 403 दिनों तक बिना किसी आरोप के न्यायिक हिरासत में रखा गया था. इसके बाद नाविकों के परिवार के सदस्यों ने अपने कानूनी सलाहकार के माध्यम से दिल्ली हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की जिसमें भारतीय अधिकारियों से कानूनी सहायता के साथ-साथ अपनी पहचान साबित करने के लिए एक दस्तावेज जारी करने की मांग की गई थी.
आज भारत लौट रहे हैं पांचों नागरिक
आज तीन साल बाद उन पांचों नाविकों को भारत वापस लाया जा रहा है. उनका प्रत्यावर्तन भारत सरकार द्वारा वहन किया जा रहा है और इंडियन वर्ल्ड फोरम द्वारा सुविधा प्रदान की जा रही है. दिल्ली हाई कोर्ट के निर्देश के बाद तेहरान में भारतीय दूतावास ने उनके रहने और खाने की सुविधा प्रदान की थी.
ईरान ने भारतीय नाविकों को क्यों पकड़ा
पीएम से मदद मांगने वाले नाविकों में अनिकेत येनपुरे (मुंबई, महाराष्ट्र), मंदार वर्लीकर (मुंबई, महाराष्ट्र), नवीन सिंह (बागेश्वर, उत्तराखंड), प्रणव कुमार (सारण, बिहार) और थमिज़सेलवन रेंगसामी (नागपट्टिनम, तमिलनाडु) शामिल हैं. उनपर ईरान में नशीले पदार्थ की तस्करी का आरोप लगा था. फिर 403 दिनों तक उन्हें न्यायिक हिरासत में रखा गया. इसके बाद 9 मार्च 2021 को उन्हें स्थानीय कोर्ट ने बेगुनाह पाया और बरी किया. उन्हें छोड़ तो अगले दिन ही दिया था लेकिन कागजात नहीं लौटाए गए. इसके साथ-साथ उनके ईरान नहीं छोड़ने को कहा गया था.