
विदेश मंत्री एस जयशंकर इस वक्त यूरोप के दौरे पर हैं. जिनेवा में उन्होंने भारतीय समुदाय के साथ बातचीत की और कांग्रेस पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि आज हमें चीन से आयात इसलिए करना पड़ रहा है क्योंकि हमने 60, 70 और 80 के दशक में मैन्युफैक्चरिंग पर ध्यान नहीं दिया.
'तीसरी बार किसी सरकार का चुनकर आना ही एक स्टेटमेंट'
जयशंकर ने कहा, 'अगर लोग मेरी राजनीति के बारे में टिप्पणी करना चाहते हैं तो मुझे कोई समस्या नहीं है, लेकिन उन्हें भी अपनी राजनीति पर मेरी टिप्पणियों के लिए तैयार रहना चाहिए. छह दशकों के बाद लगातार तीसरी बार कोई सरकार चुनी गई. यह अपने आप में एक स्टेटमेंट है.'
उन्होंने कहा, 'बहुत से लोग पूछते हैं कि हम चीन से इतना अधिक आयात क्यों कर रहे हैं. इसका एक कारण यह है कि हमने 60, 70 और 80 के दशक के दौरान मैन्युफैक्चरिंग को नजरअंदाज किया.'
'1984 में हाईजैक हुए प्लेन में मेरे पिता भी थे'
जयशंकर ने कहा, 'मैंने यह नहीं देखा. 1984 में एक हाईजैक हुआ था. मैं इसे डील करने वाली टीम का हिस्सा था. मुझे पता चला कि मेरे पिता भी फ्लाइट में हैं. गनीमत रही कि कोई हताहत नहीं हुआ. उस वक्त जो टीम काम कर रही थी, मैं उसका हिस्सा था.'
BRICS पर क्या बोले जयशंकर?
गुरुवार को यूरोपीय देश स्विट्जरलैंड के शहर जेनेवा में बोलते हुए उन्होंने इस तर्क को खारिज किया कि रूस, चीन और भारत जैसे देशों का संगठन BRICS गैर जरूरी संगठन है. दरअसल, उनसे सवाल किया गया कि जी-20 में पहले से ही ब्रिक्स के सभी देश शामिल थे तो फिर नए संगठन की जरूरत क्यों पड़ी.
इस सवाल पर विदेश मंत्री ने अमेरिका समेत पश्चिमी देशों के संगठन जी-7 का हवाला देते हुए कहा कि जी-20 के रहते हुए जब ये ब्लॉक बन सकता है तो ब्रिक्स क्यों नहीं. साथ ही उन्होंने कहा कि आप लोगों यानी जी-7 के देशों ने किसी अन्य देश को अपने ब्लॉक में आने की अनुमति नहीं दी इसलिए भारत जैसे देशों ने अपना नया ब्लॉक ही बना लिया.
2009 में बना था ब्रिक्स
एस. जयशंकर ने यह बात थिंक टैंक जेनेवा सेंटर फॉर सिक्योरिटी पॉलिसी में राजदूत जीन-डेविड लेविटे के साथ बातचीत में कही. ब्रिक्स की स्थापना 2009 में ब्राजील, रूस, भारत और चीन ने मिलकर की थी जिसमें बाद में दक्षिण अफ्रीका भी शामिल हो गया था. इस साल जनवरी में, पांच नए देश - ईरान, सऊदी अरब, मिस्र, यूएई और इथियोपिया - इस समूह में शामिल हुए. ग्लोबल जीडीपी में ब्रिक्स देशों का हिस्सा 27%है.