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भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर (Foreign Minister S Jaishankar) ने सोमवार को इजरायल के यरूशलम में ‘भूदान ग्रोव (Bhoodan Grove)’ पट्टिका का अनावरण किया.
विकास के लिए गांव को बुनियादी इकाई मानने की महात्मा गांधी की अवधारणा को ध्यान में रखते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ‘भूदान और ग्रामदान’ जैसे सर्वोदय अभियान के समाजवादी विचारों के क्रियान्वयन के तरीके खोजने के दौरान इजरायल के अनेक जगहों पर गए. उन्होंने इजरायल के सामुदायिक और सहकारिता संस्थानों -किबुत्जिम और मोशाविम के अलग स्वरूपों के सामाजिक ढांचे का भी अध्ययन किया.
बता दें कि देश में सर्वोदय अभियान के नेता जयप्रकाश नारायण सितंबर 1958 में इजराइल के नौ दिवसीय दौरे पर गए थे. उनके दौरे के बाद 27 सदस्यीय सर्वोदय दल छह महीने के अध्ययन दौरे पर वहां गया था. भारत लौटने के दौरान इस दल ने 22 मई 1960 को ‘यरूशलम फॉरेस्ट’ में ‘भूदान ग्रोव’ के लिए पौधारोपण किया था.
विदेश मंत्री जयशंकर ने नारायण और भूदान कर्मियों के दौरे को इतिहास का एक ऐसा पहलू बताया जिसे वह महत्व नहीं मिला जिसका कि वह हकदार था. उन्होंने कहा कि इस पट्टिका का अनावरण बहुत उचित समय पर हो रहा है क्योंकि पिछले साल आचार्य विनोबा भावे की 125वीं जयंती थी.
विदेश मंत्री ने यहूदी नरसंहार के दौरान मारे गए लाखों यहूदी लोगों की याद में बनाए गए स्मारक याद वाशेम पर पुष्पांजलि अर्पित की. वे अपने इजरायली समकक्ष याऐर लापिड से भी मुलाकात करेंगे. बता दें, विदेश मंत्री एस जयशंकर रविवार को पांच दिवसीय यात्रा पर इजरायल पहुंचे हैं. इस दौरान वह भारत और इजरायल के बीच द्विपक्षीय सहयोग के नए क्षेत्रों की संभावनाएं तलाशने का प्रयास करेंगे. विदेश मंत्री के रूप में एस जयशंकर की यह पहली इजरायल यात्रा है.