
मिस्र की करीब दो हजार साल पुरानी एक संरक्षित ममी का चेहरा बनाकर फोरेंसिक विशेषज्ञों ने सबको चौंका दिया है. एक्सपर्ट्स ने महिला का जो संभवित फोटो जारी किया है, वह वाकई हैरान कर देने वाला है. इस महिला को मिस्र की मिस्टीरियस लेडी के रूप में भी जाना जाता है. दरअसल, मिस्र का प्राचीन इतिहास से खास कनेक्शन रहा है.
पुरातत्वविदों के लिए मिस्र किसी सोने की खदान से कम नहीं रहा है. अक्सर वहां से ऐसी-ऐसी प्राचीन जानकारियां खोजकर निकाली गई हैं, जिन्होंने इतिहास को और ज्यादा अच्छे से जानने में शोधकर्ताओं की मदद की है. ऐसा ही कुछ इस रहस्यमयी महिला के मामले में भी देखने को मिला है.
कौन है ये मिस्र की रहस्यमयी महिला ?
मिस्र की यह रहस्यमयी महिला एक प्राचीन मिस्र सभ्यता से ताल्लुक रखती थी. जिस समय इस महिला की मौत हुई, उस समय यह गर्भवती थी. काफी समय से इस महिला की असली पहचान करने की कोशिश भी की जा रही थी. शोधकर्ताओं ने अलग-अलग तरीकों से महिला की पहचान जानने की कोशिश भी की थी. इस बार महिला का चेहरा बनाकर काफी कुछ जानकारी हासिल की गई है.
ममी को लेकर किए गए शोध से यह भी पता चलता है कि मौत के बाद महिला के आंतरिक अंगों को निकाल दिया गया था. हालांकि, महिला के गर्भ में पल चले भ्रूण को नहीं निकाला गया. इसके पीछे की वजह प्राचीन मिस्र के विश्वास भी हैं. और इसी वजह से बच्चे को पेट में ही छोड़ दिया गया. रिपोर्ट की मानें तो दुनिया की यह ऐसी पहली ममी है, जिसके जिसके शरीर में भ्रूण संरक्षित था.
वार्सो ममी प्रोजेक्ट के तहत शोधकर्ताओं का लक्ष्य है कि वह ममी बनाए गए लोगों का फिर मानवीय करण करके यह देखने की कोशिश करें कि उस समय यह सभी लोग कैसे दिखते होंगे. ऐसे में काफी कोशिशों के बाद अब दो फोरेंसिक एक्सपर्ट्स ने मिस्र की रहस्यमयी महिला के चेहरे की 2डी और 3डी तकनीक का इस्तेमाल करते हुए तस्वीर बनाई है.
मौत के समय 20 से 30 साल की रही होगी महिला
शोधकर्ताओं के अनुसार, महिला की मौत जिस समय हुई, उसकी उम्र 20 से 30 साल रही होगी. साथ ही शोधकर्ताओं का कहना है कि ऐसी संभावनाएं हैं कि जिंदा रहते समय वह कैंसर से जूझ रही होगी.
इटालियन फोरेंसिक एक्सपर्ट्स और प्रोजेक्ट के मेंबर चंतल मिलानी ने इस बारे में कहा कि इंसान की हड्डियों और कंकाल से उसके चेहरे की काफी जानकारी मिल जाती है. हालांकि, इससे किसी की हूबहू तस्वीर नहीं निकाली जा सकती है, यह बस एक अंदाजा है.
शोधकर्ताओं ने रहस्यमयी महिला की ममी के फिर से मानवीयकरण के बाद उसके चेहरे की तस्वीर कटोवाइस के सिलेसिया म्यूजियम में प्रदर्शनी में जारी की.
वार्सो ममी प्रोजेक्ट ह्यूमन ने अपने बयान में कहा कि प्राचीन मिस्र में चेहरा किसी की पहचान का एक अभिन्न हिस्सा था. इसलिए हम उन चेहरों को एक बार फिर बनाने की कोशिश करके उन सभी लोगों की पहचान को संरक्षित करना चाहते हैं.