
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने गुरुवार को पाकिस्तान की नेशनल असेंबली के सदस्य के रूप में शपथ ली. पाकिस्तान की नेशनल असेंबली का यह 16वां सत्र है. नवाज शरीफ तीन बार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री रह चुके हैं. प्रधानमंत्री के रूप में उनका पहला कार्यकाल 1990-93 था. दूसरी बार 1997-99 के लिए और तीसरी बार 2013-17 तक के लिए देश के प्रधानमंत्री रहे.
नवाज शरीफ सात साल के लंबे अंतराल के बाद संसद चुने गए हैं. नवाज शरीफ रिकॉर्ड चौथी बार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बनने के लिए लंदन से चुनाव लड़ने आए थे. लेकिन पाकिस्तान के आम चुनाव में उनकी पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) पूर्ण बहुमत हासिल नहीं कर सकी. जिसके बाद पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज ने पार्टी सुप्रीमो नवाज शरीफ की बजाय शहबाज शरीफ को पाकिस्तान के अगले प्रधानमंत्री पद के लिए नामित किया है. गुरुवार को भारी नारेबाजी के बीच नवाज शरीफ ने शपथ ली.
पीएमएल-एन पार्टी की ओर से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शेयर किए गए वीडियो में देखा जा सकता है कि नवाज शरीफ 16वीं नेशनल असेंबली के रूप में शपथ ले रहे हैं. इस दौरान बैकग्राउंड में म्यूजिक बज रहा है- जिसमें 'शेर आया' का नारा लगाया जा रहा है.
इमरान खान की पार्टी को सत्ता से बाहर रखने के लिए गठबंधन
8 फरवरी को पाकिस्तान में हुए आम चुनाव में नेशनल असेंबली के 266 सीटों पर चुनाव हुए थे. सरकार बनाने के लिए किसी भी पार्टी को 133 सीटें चाहिए थे. चुनाव परिणाम में सबसे ज्यादा पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के समर्थित निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत हासिल की है.
पाकिस्तान के चुनाव आयोग के मुताबिक, सबसे ज्यादा 101 सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत हासिल की है. इनमें ज्यादातर उम्मीदवार इमरान खान की पार्टी PTI के समर्थित हैं. उसके बाद पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) को 75 सीटें, पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) को 54 सीटें मिलीं. मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट-पाकिस्तान (PQM-P) को 17 सीटें मिलीं. अन्य पार्टियों को भी 17 सीटें मिलीं हैं.
किसी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिलने से त्रिशंकु संसद की स्थिति बन गई. इमरान खान फिलहाल जेल में बंद हैं. लेकिन इमरान खान की पार्टी को सत्ता से दूर रखने के लिए पीएमएल-एन और पीपीपी को चार छोटे दलों के साथ गठबंधन करना पड़ा.