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भारत में कबतक रहेंगी शेख हसीना? बढ़ते वक्त के साथ क्या खड़ा होगा नया कूटनीतिक संकट

शेख हसीना भारत में शरण लिए हुए हैं. इसका असर भारत-बांग्लादेश के बीच कूटनीतिक संबंधों पर पड़ने की आशंका है. बांग्लादेश में उनके खिलाफ प्रदर्शन तेज हो रहे हैं, जिसमें उनके प्रत्यर्पण की भी मांग की जा रही है.

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना (फाइल फोटो) बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना (फाइल फोटो)
शिवानी शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 21 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 5:51 PM IST

भारत में शरण लेने के बाद से बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के अगले कदम को लेकर स्थिति साफ होती नहीं दिख रही है. शेख हसीना 5 अगस्त से भारत में हैं. यहां वह बांग्लादेश में बढ़ती हिंसा और अपनी जान को खतरे के चलते शरण ले रही हैं. हालांकि, दो सप्ताह से अधिक समय बीत जाने के बाद भी शेख हसीना का भारत में रहना कूटनीतिक चुनौती बनता जा रहा है. वह अब तक ब्रिटेन या किसी अन्य यूरोपीय देश में शरण पाने में असफल रही हैं.

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भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने संसद को बताया था कि शेख हसीना भारत में हैं और उन्हें मदद की जरूरत है. लेकिन, हसीना के लंबे समय तक भारत में रूकने से सरकार के लिए कूटनीतिक दिक्कतें पैदा हो रही हैं. खासकर तब जब बांग्लादेश ने उनकी प्रत्यर्पण की मांग शुरू कर दी है. हालांकि, अभी तक बांग्लादेश ने औपचारिक रूप से प्रत्यर्पण का अनुरोध नहीं किया है. विशेषज्ञों के अनुसार ऐसा करने के बावजूद भारत इसे मानने के लिए बाध्य नहीं है.

भारत फिलहाल एक ऐसे नाजुक मोड़ पर खड़ा है जहां उसे अंतरराष्ट्रीय कूटनीतिक संबंधों और हसीना के मानवीय मामलों के बीच संतुलन साधना पड़ रहा है. हसीना की भारत में रहने की समय सीमा फिलहाल तय नहीं है. इससे भारत-बांग्लादेश संबंधों के भविष्य पर कई सवाल खड़े हो गए हैं.

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ढाका में एक भाषण के दौरान, बीएनपी के महासचिव मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर ने शेख हसीना को बांग्लादेश में प्रत्यर्पित करने की मांग की है. ऐसा करते हुए मिर्जा फखरुल का कहना था कि शेख हसीना को न्याय का सामना करना चाहिए. उन्होंने भारत से अपील करते हुए कहा, 'हम आपसे यह अनुरोध करते हैं कि आप उन्हें बांग्लादेश की सरकार को कानूनी तरीके से सौंप दें. इस देश की जनता ने उनके खिलाफ मुकदमा चलाने का फैसला लिया है. उन्हें इसका सामना करने दें.'

रिपोर्ट्स के अनुसार, मिर्जा फखरुल ने शेख हसीना पर भारत में रहकर बांग्लादेश में चल रहे आंदोलन को कमजोर करने की साजिश रचने का भी आरोप लगाया है.

यह मांग ऐसे समय में आई है जब एक दिन पहले ही शेख हसीना के खिलाफ एक अपराध न्यायाधिकरण में हत्या के मामले में शिकायत दर्ज की गई थी. इसके अलावा, शेख हसीना और उनके कार्यकाल के अधिकारियों के खिलाफ पूरे बांग्लादेश में कई अन्य मामले भी दर्ज किए गए हैं.

देशभर में शेख हसीना के खिलाफ मुकदमा चलाने की मांग को लेकर प्रदर्शन तेज हो रहे हैं. जिसके बाद उनके संभावित प्रत्यर्पण को लेकर बांग्लादेश में राजनीतिक माहौल गर्म होता जा रहा है.

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