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प्रिंस सलमान का जाली हस्ताक्षर और मच गया हाहाकार! पूर्व सऊदी अधिकारी का बड़ा दावा

सऊदी अरब के पूर्व अधिकारी साद अल-जाबरी ने क्राउन प्रिंस मोहम्मद को लेकर बड़ा आरोप लगाया है. उनका आरोप है कि क्राउन प्रिंस ने पिता का जाली हस्ताक्षर किया जिससे यमन में विनाशकारी युद्ध शुरू हुआ था.

मोहम्मद बिन सलमान पर बड़ा आरोप लगा है (Photo- AFP) मोहम्मद बिन सलमान पर बड़ा आरोप लगा है (Photo- AFP)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 20 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 2:05 PM IST

सऊदी अरब के वास्तविक शासक क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान पर बड़ा आरोप लगा है. सऊदी अरब के पूर्व खुफिया अधिकारी साद अल-जाबरी ने क्राउन प्रिंस पर आरोप लगाया है कि उन्होंने शाही फरमान पर अपने पिता किंग सलमान का जाली हस्ताक्षर किया. इसी शाही फरमान पर हस्ताक्षर के बाद यमन में सऊदी अरब के युद्ध की शुरुआत हुई.

साद अल-जाबरी ने बीबीसी को दिए इंटरव्यू और उसके बाद समाचार एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस को दिए बयान में दावा किया है कि क्राउन प्रिंस ने शाही फरमान पर अपने पिता किंग सलमान की जानकारी के बिना हस्ताक्षर किया.

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अल-जाबरी फिलहाल कनाडा में निर्वासित जीवन बिता रहे हैं और सऊदी सरकार के साथ लंबे समय से उनकी दुश्मनी चल रही है. उनके दो बच्चे सऊदी अरब की जेल में बंद हैं जिसे लेकर जाबरी का कहना है कि सऊदी सरकार उनके बच्चों को कैद कर उन्हें देश लौटने पर मजबूर करना चाहती हैं. 

उन्होंने आरोप लगाया है कि क्राउन प्रिंस उनकी हत्या कराना चाहते हैं. एपी की रिपोर्ट के मुताबिक, जाबरी ने कहा, 'उन्होंने मेरी हत्या की योजना बनाई. जब तक मुझे मार नहीं दिया जाता, उन्हें चैन नहीं मिलेगा. मुझे इसे लेकर कोई शक नहीं है.'

उन्होंने कहा कि वो अपने बच्चों को कैद से छुड़ाने के लिए हर संभव कोशिश करेंगे. साथ ही ये भी कहा कि वो देश विरोधी नहीं हैं बल्कि उच्च रैंक के अधिकारी हैं जो सऊदी अरब की रक्षा के लिए समर्पित हैं.

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जाली हस्ताक्षर और बदल गई यमन युद्ध की रणनीति

अल-जाबरी ने दावा किया है सऊदी गृह मंत्रालय के अंदर एक विश्वसनीय सूत्र ने उन्हें बताया कि मोहम्मद बिन सलमान, जो उस वक्त रक्षा मंत्री थे, उन्होंने किंग सलमान की जगह शाही फरमान पर हस्ताक्षर किया. इस बारे में किंग सलमान को जानकारी भी नहीं थी.

अल-जाबरी ने ये भी बताया कि तत्कालीन गृह मंत्री प्रिंस मोहम्मद बन नायफ ने यमन युद्ध की रणनीति बनाने के लिए एक बैठक का आयोजन किया था जिसमें भी कई तरह की असहमति देखने को मिली.

यमन युद्ध को लेकर वास्तविक प्लान तत्कालीन ओबामा प्रशासन के साथ मिलकर बना था जिसमें यमन में हवाई हमला करना था न कि जमीनी कार्रवाई. अल-जाबरी ने बताया कि हालांकि, क्राउन प्रिंस ने शाही फरमान पर अपने पिता का फर्जी हस्ताक्षर किया जिससे सऊदी अरब यमन में जमीनी हमले के प्लान पर आगे बढ़ा.

क्या बोला सऊदी अरब?

सऊदी सरकार ने अल-जाबरी के दावे को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि वो 'बदनाम पूर्व अधिकारी' हैं. वहीं, अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने इस पर टिप्पणी से इनकार कर दिया है.

यमन युद्ध में डेढ़ लाख से अधिक लोगों की मौत

यमन में विनाशकारी युद्ध की शुरुआत 2015 में हुई जिसमें 150,000 से अधिक लोग मारे गए और एक बड़ा मानवीय संकट खड़ा हो गया है. युद्ध की शुरुआत में प्रिंस सलमान ने आश्वासन दिया था कि ये जल्द ही खत्म हो जाएगा लेकिन इसे लगभग एक दशक हो गए हैं और यह अब भी जारी है.

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