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'थेरेपिस्ट को मैंने अपना सच बताया और...', नॉवेलिस्ट के खिलाफ महिला ने की शिकायत

फ्रांस के उपन्यासकार कामेल दाउद के उपन्यास को लेकर उन पर दो शिकायतें दर्ज की गई हैं. आरोप है कि उनके काल्पनिक उपन्यास की मुख्य पात्र उनकी थेरेपिस्ट पत्नी की मरीज थी. मरीज ने अपनी कहानी कामेल की पत्नी को बताई थी और उपन्यास के मुख्य पात्र की कहानी भी वही है.

फ्रांसीसी-अल्जीरियाई उपन्यासकार कामेल दाउद (Photo- Reuters) फ्रांसीसी-अल्जीरियाई उपन्यासकार कामेल दाउद (Photo- Reuters)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 22 नवंबर 2024,
  • अपडेटेड 8:06 PM IST

फ्रांस के सबसे प्रतिष्ठित साहित्यिक पुरस्कार विजेता फ्रांसीसी-अल्जीरियाई लेखक कामेल दाउद और उनकी पत्नी,  जो कि एक थेरेपिस्ट हैं, के खिलाफ अल्जीरिया में दो शिकायतें दर्ज की गई हैं. इन शिकायतों में आरोप लगाया गया है कि कामेल ने अपने अवॉर्ड विनिंग उपन्यास के लिए एक मरीज की जिंदगी की कहानी को आधार बनाया.

कामेल फ्रांस के सबसे प्रतिष्ठित साहित्यिक पुरस्कार जीतने वाले पहले अल्जीरियाई उपन्यासकार हैं. उन्हें यह अवॉर्ड इसी साल अपने उपन्यास 'Houris' के लिए मिला है. उपन्यास एक युवती की काल्पनिक कहानी पर आधारित है. 1992-2002 के देश में चल रहे गृहयुद्ध के दौरान एक इस्लामिक कट्टरपंथी ने युवती के गले पर हमला कर दिया था जिस वजह से युवती की आवाज चली गई.

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अल्जीरियाई सरकार और इस्लामिक समूहों के बीच संघर्ष में दो लाख लोग मारे गए थे, हजारों लापता हो गए और उन्हें यातना, यौन हिंसा का सामना करना पड़ा. इस दौरान जीवित बची एक युवती ने कहा कि कामेल के उपन्यास की कहानी उसके अनुभवों पर आधारित है.

पीड़िता ने क्या बताया?

पीड़िता सादा अर्बाने ने बोलने में मदद करने वाली एक मशीन का इस्तेमाल करते हुए अल्जीरियाई टीवी को बताया कि उपन्यास के मुख्य पात्र Aube की कहानी, उनकी है क्योंकि उन्होंने इलाज के दौरान इसे अपनी थेरेपिस्ट को सुनाया था, जो कि अब उपन्यासकार की पत्नी हैं. उपन्यास अल्जीरिया में प्रकाशित नहीं हुआ है.

उनकी वकील फातिमा बेनब्राहम ने बुधवार को समाचार एजेंसी एएफपी से बात करते हुए कहा, 'उपन्यास के प्रकाशित होने के ठीक बाद, हमने कामेल दाउद और उनकी पत्नी Aicha Dehdouh के खिलाफ दो शिकायतें दर्ज कीं.'

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बेनब्राहम ने बताया कि एक शिकायत अल्जीरिया में आतंकवाद पीड़ितों की मदद के लिए बने एक राष्ट्रीय मंच ने की और दूसरी शिकायत खुद पीड़िता अर्बाने ने की. ये दोनों ही शिकायतें अल्जीरिया के ओरान की अदालत में दायर की गईं, जहां लेखक और उनकी पत्नी रहते हैं.

उपन्यासकार पर कितने आरोप लगे?

वकील ने बताया कि इन शिकायतों में चिकित्सा गोपनीयता का उल्लंघन के साथ साथ, आतंकवाद पीड़ितों की बदनामी और राष्ट्रीय सुलह कानून, जो कि गृहयुद्ध के समय के पब्लिकेशन पर रोक लगाता है, का उल्लंघन का आरोप लगाया गया है.

राष्ट्रीय सुलह कानून संघर्ष के बारे में कही जाने वाली बातों पर कठोर प्रतिबंध लगाता है और इसमें कहा गया है कि जो कोई भी राष्ट्रीय त्रासदी के दर्द का इस्तेमाल अल्जीरिया को कमजोर करने के लिए करेगा, उसे जेल या जुर्माने की सजा दी जा सकती है.

बेनब्राहम ने बताया कि लेखक के खिलाफ ये शिकायतें पहली बार अगस्त में दर्ज की गई थीं, दाउद के अवॉर्ड जीतने से कुछ समय पहले. उन्होंने कहा, 'हम इस बारे में बात नहीं करना चाहते थे, इसलिए यह नहीं कहा जाएगा कि हमने पुरस्कार के लिए लेखक का नामांकन रोकने के लिए ऐसा किया.'

'लेखक और उनकी पत्नी को निशाना बनाया जा रहा'

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पब्लिशिंग हाउस एडिशन गैलीमार्ड ने कामेल दाउद के उपन्यास को प्रकाशित किया है. इसके मालिक एंटोनी गैलीमार्ड ने कामेल दाउद और उनकी पत्नी का बचाव करते हुए कहा कि उन पर सुनियोजित ढंग से हमले किए जा रहे हैं.

गैलीमार्ड ने कहा, 'हालांकि उपन्यास 1990 के दशक के गृहयुद्ध के दौरान अल्जीरिया में घटित दुखद घटनाओं से प्रेरित है, लेकिन इसका प्लॉट, इसके कैरेक्टर और इसकी नायिका पूरी तरह से काल्पनिक हैं. अपने उपन्यास के प्रकाशित होने के बाद से ही कामेल दाउद सरकार के करीबी मीडिया द्वारा चलाए जा रहे खराब मीडिया कैंपेन का हिस्सा रहे हैं और इसके बारे में हर कोई वाकिफ है.'

गैलीमार्ड ने आगे कहा कि उनकी किताब पर प्रतिबंध लगा दिया गया है और उनके प्रकाशको को अल्जीरिया के पुस्तक मेले में आने से मना कर दिया गया है. अब उनकी पत्नी को निशाना बनाया जा रहा जिन्होंने उपन्यास में कोई भूमिका नहीं निभाई है. उन्होंने कहा कि कामेल की पत्नी की पेशेवर ईमानदारी पर हमला किया जा रहा है.

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