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FATF की PAK को चेतावनी पर फ्रांस खुश, कहा-अमेरिका का भी मिला साथ

एफएटीएफ के टेरर फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग के 27 मानकों में से 22 पर पाकिस्तान खरा नहीं उतर सका. इसके बाद एफएटीएफ ने कहा कि अगर पाकिस्तान फरवरी 2020 तक एक्शन प्लान पूरा नहीं करता है तो उसे ब्लैक लिस्ट कर दिया जाएगा.

FATF की ओर से पाकिस्तान को फरवरी तक मिली चेतावनी (फाइल) FATF की ओर से पाकिस्तान को फरवरी तक मिली चेतावनी (फाइल)
गीता मोहन
  • नई दिल्ली,
  • 18 अक्टूबर 2019,
  • अपडेटेड 9:31 PM IST

  • पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट करने की कोशिश की- फ्रेंच सूत्र
  • पाकिस्तान 27 मानकों में से महज 5 मानकों पर खरा उतरा
  • अगले साल फरवरी तक सुधार करे पाकिस्तान: FATF

फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की ओर से पाकिस्तान को अंतिम चेतावनी दिए जाने पर फ्रांस ने खुशी जताई है. फ्रांस के डिप्लोमैट से जुड़े सूत्रों का कहना है कि फ्रांस इस चेतावनी से बेहद खुश है. हमारी कोशिश थी कि इस बात की पड़ताल की जाए कि पाकिस्तान ने आतंकवाद पर अंकुश के लिए अब तक क्या किया और उसने क्या नहीं किया है.

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फ्रेंच डिप्लोमैट से जुड़े सूत्रों के अनुसार, एफएटीएफ के फैसले से हम खुश हैं, हमने दृढ़तापूर्वक बात की है. हमारी कोशिश यह जानने की थी कि पाकिस्तान ने अब तक क्या किया है और उसकी ओर से क्या नहीं किया गया है. उन्होंने आगे बताया कि पाकिस्तान 27 में से महज 5 पैमानों पर ही खरा उतरा. यह पाकिस्तान को लेकर कई मामलों में चिंताजनक है.

ब्लैकलिस्ट की कोशिश नाकाम रही

फ्रेंच सूत्र का कहना है कि हम स्थिति में बदलाव चाहते हैं और चाहते हैं कि पाकिस्तान खुद में बदलाव लाते हुए तय सीमा में उचित एक्शन ले. हमने पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट करने की कोशिश की थी, लेकिन इस मसले पर आम सहमति नहीं बन सकी. हमने सभी एफएटीएफ सदस्यों से आम सहमति बनाने की कोशिश की, लेकिन यह नहीं हो सका, इसलिए हम गंभीर चेतावनी देने पर ही ध्यान केंद्रित करना चाहते थे.

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डिप्लोमैट से जुड़े सूत्रों का कहना है कि आतंकवाद के खिलाफ सभी मोर्चों पर संघर्ष करने को लेकर यह एक बड़ी राजनीतिक जीत है. अब इससे यह जाना जा सकेगा कि उन्होंने क्या किया और आगे क्या किए जाने की जरूरत है. इस नाजुक लक्ष्य के लिए समयसीमा तय की जानी चाहिए.

पाकिस्तान को दिया सख्त संदेश

उन्होंने आगे कहा कि हमने यूरोपीय साथियों के साथ गंभीरता के साथ काम किया और अमेरिका ने भी सख्ती से हमारा साथ दिया.

इससे पहले फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा कि वो फरवरी 2020 तक सुधार के सख्त कदम उठाए. अगर ऐसा नहीं होता तो पाकिस्तान को ब्लैक लिस्ट में डाला जा सकता है.

एफएटीएफ के टेरर फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग के 27 मानकों में से 22 पर पाकिस्तान खरा नहीं उतर सका. इसके बाद एफएटीएफ ने कहा कि अगर पाकिस्तान फरवरी 2020 तक एक्शन प्लान पूरा नहीं करता है तो उसे ब्लैक लिस्ट  कर दिया जाएगा.

पाक को किन देशों ने बचाया?

36 सदस्य देशों वाले एफएटीएफ चार्टर के मुताबिक किसी भी देश को ब्लैक लिस्ट नहीं करने के लिए कम से कम तीन देशों के समर्थन की आवश्यकता होती है. पाकिस्तान फिलहाल 'ग्रे लिस्ट' (वॉच लिस्ट) में है और वो इससे बाहर आने की कोशिश में जुटा है.

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एफएटीएफ ने मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकी फंडिंग के खिलाफ कार्रवाई पूरी करने के लिए पाकिस्तान को पहले अक्टूबर तक का समय दिया था.

हालांकि एफएटीएफ की निर्णायक बैठक में चीन, तुर्की और मलेशिया ने पाकिस्तान के जरिए उठाए गए कदमों की सराहना की जबकि भारत ने पाक को ब्लैक लिस्ट करने की सिफारिश की थी. भारत का कहना था कि इसने हाफिज सईद को अपने फ्रीज खातों से धन निकालने की अनुमति दी है.

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