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राहुल गांधी की सांसदी जाने पर जर्मनी ने दी नसीहत, मोदी सरकार ने दिया दो टूक जवाब

जर्मनी की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए विदेश मंत्रालय ने कहा है कि पता नहीं वे (जर्मनी) इस तरह की टिप्पणियों से क्या हासिल करते हैं. भारत उनके विचारों की प्रतीक्षा नहीं कर रहा है. मानहानि केस में 2 साल की सजा मिलने के बाद लोकसभा सचिवालय ने राहुल गांधी की सदस्यता रद्द कर दी है.

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फोटो-रॉयटर्स) भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फोटो-रॉयटर्स)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 07 अप्रैल 2023,
  • अपडेटेड 11:36 AM IST

लोकसभा से राहुल गांधी की सदस्यता रद्द करने पर जर्मनी ने कहा था कि राहुल गांधी के मामले में न्यायिक स्वतंत्रता और मौलिक लोकतांत्रिक सिद्धांतों के मानक लागू होने चाहिए.  

जर्मनी के इस बयान के लगभग एक सप्ताह बाद भारत सरकार ने जवाब दिया है. भारतीय विदेश मंत्रालय ने जर्मनी की इस टिप्पणी पर कहा है कि भारत उनके विचार जानने के लिए प्रतीक्षा नहीं कर रहा है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि मुझे नहीं पता कि वे इस तरह की टिप्पणियों से क्या हासिल करना चाहते हैं.

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इससे पहले केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने भी जर्मनी पर पलटवार करते हुए कहा था, "भारतीय न्यायपालिका विदेशी हस्तक्षेप से प्रभावित नहीं हो सकती. आंतरिक मामलों में किसी भी तरह की विदेशी टिप्पणी को भारत बर्दाश्त नहीं करेगा." 

सूरत की एक सेशंस कोर्ट ने राहुल गांधी को 2019 में कर्नाटक में एक चुनाव प्रचार रैली के दौरान 'मोदी सरनेम' टिप्पणी पर मानहानि केस में दो साल की सजा सुनाई है. इसके बाद लोकसभा सचिवालय ने राहुल गांधी की सदस्यता रद्द कर दी है.

भारत ने दिया दो टूक जबाव

गुरुवार को एक प्रेस कांफ्रेस के दौरान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची से जब पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर चल रहे अभियोग मामले पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह अमेरिका का आंतरिक मामला है. 

उन्होंने राहुल गांधी की सदस्यता को लेकर जर्मनी की टिप्पणियों का जिक्र करते हुए कहा, "हम समय-समय पर देखते हैं कि कुछ देश भारत के आंतरिक मामलों पर टिप्पणियां करते हैं. जर्मनी इसका ताजा उदाहरण है. मुझे नहीं पता कि वो इस तरह की टिप्पणियों से क्या हासिल करना चाहते हैं. लेकिन भारत उनके विचारों की प्रतीक्षा नहीं कर रहा है. और न ही इस तरह की टिप्पणियों से भारतीय संस्थानों के कामकाज पर कोई असर पड़ता है."

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क्या कहा था जर्मनी ने 

जर्मन विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा था, "हमारी जानकारी के अनुसार, राहुल गांधी इस फैसले के खिलाफ अभी अपील कर सकते हैं. इस अपील के बाद यह स्पष्ट हो जाएगा कि क्या यह फैसला कायम रहेगा. और यह भी स्पष्ट हो जाएगा कि राहुल गांधी की संसदीय सदस्यता बर्खास्त करने का कोई आधार है या नहीं. लेकिन हम उम्मीद करते हैं कि राहुल गांधी पर कार्रवाई करते समय न्यायिक स्वतंत्रता के मानक और मौलिक लोकतांत्रिक सिद्धांत के अधिकारों को ध्यान रखा जाएगा."

अमेरिकी ने भी की थी टिप्पणी

राहुल गांधी की सदस्यता रद्द करने के मामले पर अमेरिकी विदेश मंत्रालय के उप प्रवक्ता वेदांत पटेल ने कहा था कि कानून और न्यायिक स्वतंत्रता के लिए सम्मान किसी भी लोकतंत्र की आधारशिला है. भारतीय अदालतों में चल रहे राहुल गांधी के मामलों पर हमारी नजर है. 

राहुल गांधी की क्यों गई सांसदी?

राहुल गांधी ने 2019 में कर्नाटक चुनाव प्रचार के दौरान मोदी सरनेम को लेकर टिप्पणी की थी. इस मामले में सूरत पश्चिम से बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का केस दर्ज कराया था. सूरत की एक सेशंस कोर्ट ने राहुल गांधी को इस मामले में दोषी ठहराते हुए दो साल की सजा सुनाई है. दोषी ठहराए जाने के एक दिन बाद लोकसभा सचिवालय ने उनकी सदस्यता को रद्द कर दी. राहुल गांधी केरल के वायनाड संसदीय क्षेत्र से सांसद थे. 
 

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