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पीएम मोदी का पुतला जलाने वालों को भेजा जाएगा जेल, नेपाल सरकार का आदेश

नेपाल गृह मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि हमारी परंपरा रही है कि हम पड़ोसी देश के साथ विवाद को आपसी बातचीत और डिप्लोमेटिक तरीके से सुलझाते रहे हैं. भविष्य में भी किसी भी विवाद के निपटारे के लिए बातचीत का ही सहारा लिया जाएगा.

पीएम मोदी के खिलाफ प्रदर्शनकारियों पर नेपाल सख्त (फाइल फोटो) पीएम मोदी के खिलाफ प्रदर्शनकारियों पर नेपाल सख्त (फाइल फोटो)
सुजीत झा
  • पटना,
  • 05 सितंबर 2021,
  • अपडेटेड 5:25 PM IST
  • पीएम मोदी के खिलाफ हो रहा है प्रदर्शन
  • नेपाली युवक जला रहे हैं मोदी का पुतला
  • नेपाल सरकार ने सख्ती के दिए आदेश

नेपाल सरकार ने पीएम मोदी के खिलाफ प्रदर्शन करने वालों पर सख्ती करने के आदेश दिए हैं. नेपाल में नई सरकार बनने के बाद सत्तारूढ़ गठबंधन दल माओवादी और समाजवादी पार्टी के समर्थकों और कार्यकर्ताओं द्वारा भारत विरोधी प्रदर्शन किए जाने और भारतीय प्रधानमंत्री का पुतला जलाए जाने की घटना को नेपाल सरकार ने बेहद गंभीरता से लिया है.

सरकार की तरफ से गृह मंत्रालय ने 24 घंटे के भीतर लगातार दो बार वक्तव्य जारी करते हुए बिना वजह भारत विरोधी प्रदर्शन करने और प्रधानमंत्री मोदी का पुतला जलाए जाने पर सख्त ऐतराज जताते हुए कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी है.

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गृह मंत्रालय की तरफ से एक विज्ञप्ति जारी की गई है जिसमें कहा गया कि अगर किसी शख्स ने पीएम मोदी का पुतला जलाया तो उसे जेल भेज दिया जाएगा. आदेश में कहा गया, 'पिछले कुछ दिनों से देखा जा रहा है कि हमारे मित्र राष्ट्र के प्रधानमंत्री की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाया जा रहा है. उनके खिलाफ नारेबाजी की जा रही है, जुलूस प्रदर्शन किया जा रहा है, पुतला दहन किया जा रहा है. इस तरह की निंदनीय घटना को लेकर गृह मंत्रालय गंभीर आपत्ति जाहिर करता है.'

 

 

गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, 'नेपाल अपनी भूमि पर किसी भी हालत में अपने मित्र राष्ट्र के विरोध में प्रयोग नहीं होने देने के लिए प्रतिबद्ध है. पड़ोसी देश के स्वाभिमान और सम्मान को आंच पहुंचे इस तरह की किसी भी हरकत को माफ नहीं किया जा सकता है.

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गृह मंत्रालय ने चेतावनी जारी करते हुए पड़ोसी देश के खिलाफ होने वाले नारे जुलूस प्रदर्शन और विरोध सभा नहीं करने की अपील करते हुए इस तरह की हरकत करने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करने की बात कही है.

नेपाल के गृह मंत्रालय ने कहा है कि सरकार की प्राथमिकता पड़ोसी देशों के साथ संबंधों को सुधार करते हुए उसे और मजबूत करना है. सरकार पड़ोसी देशों के साथ कूटनीतिक वार्ता के माध्यम से सभी समस्याओं को सुलझाना चाहती है.

दरअसल नेपाल सरकार ने पहली बार चीन के साथ सीमा विवाद रहने की बात स्वीकार करते हुए चीन द्वारा अतिक्रमित नेपाली भूमि के बारे में जांच के लिए एक उच्च स्तरीय कमिटी का गठन किया है. सरकार के इस निर्णय के साथ ही नेपाल में सत्तारूढ़ माओवादी और एकीकृत समाजवादी पार्टी के छात्र संगठनों ने पुरानी बातें निकाल कर भारत विरोधी प्रदर्शन शुरू करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का पुतला जलाने का काम किया था.

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माना जा रहा है चीन ने अपने खिलाफ हुए देउवा सरकार के इस निर्णय के बाद लोगों का ध्यान भटकाने और सरकार पर दबाब देने के लिए फंडिंग कर भारत विरोधी प्रदर्शनों को हवा दी है.

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गृह मंत्रालय के विज्ञप्ति में इसलिए यह उल्लेख है कि नेपाल अपनी सरजमीं को पड़ोसी देशों के खिलाफ उपयोग होने नहीं देगा. सरकार के पास इस बात की पुख्ता जानकारी है कि काठमांडू स्थित चीनी दूतावास के अधिकारी नेपाल के राजनीतिक दल और कुछ बड़े मीडिया घरानों को फंडिंग कर भारत विरोधी प्रदर्शन करवा रही है.

 

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