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ग्रीनलैंड के चुनाव में जीत गई ट्रंप की कट्टर विरोधी पार्टी! कब्जे की धमकियों के बीच आए नतीजे

ग्रीनलैंड में सेंटर राइट पार्टी डेमोक्रेटिक पार्टी की जीत हुई है. वहीं, ट्रंप का समर्थन करने वाली एक पार्टी को महज 1.1 प्रतिशत वोट मिले हैं. डेमोक्रेटिक पार्टी पहले विपक्ष में थी और उसकी जीत ग्रीनलैंड के लिए अहम मानी जा रही है.

डोनाल्ड ट्रंप की धमकी के बीच ग्रीनलैंड में डेमोक्रेटिक पार्टी की जीत हुई है (Photo- Reuters/AFP) डोनाल्ड ट्रंप की धमकी के बीच ग्रीनलैंड में डेमोक्रेटिक पार्टी की जीत हुई है (Photo- Reuters/AFP)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 12 मार्च 2025,
  • अपडेटेड 12:03 PM IST

ग्रीनलैंड की केंद्र-दक्षिणपंथी (Centre Right) विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी (Demokraatit party) ने संसदीय चुनाव में जीत हासिल कर ली है. डोनाल्ड ट्रंप की ग्रीनलैंड को हथियाने की धमकी के बीच ग्रीनलैंड में डेमोक्रेटिक पार्टी की जीत हुई है जो अमेरिकी राष्ट्रपति की कट्टर विरोधी मानी जाती है. ग्रीनलैंड ने इस चुनाव से ट्रंप को साफ संदेश दे दिया है कि वो अमेरिका में शामिल नहीं होना चाहता क्योंकि ट्रंप की समर्थक Qulleq पार्टी को चुनाव में महज 1.1% वोट मिले हैं.

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समाचार एजेंसी रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, व्यापार समर्थक मानी जाने वाली पार्टी डेमोक्रेटिक ने मंगलवार को हुए चुनाव में 29.9% वोट हासिल किए. यह पार्टी डेनमार्क से ग्रीनलैंड की आजादी की पक्षधर है लेकिन इसका कहना है यह प्रक्रिया धीमी होनी चाहिए. वहीं, ग्रीनलैंड की जल्द से जल्द आजादी की समर्थक विपक्षी नालेराक पार्टी ने 24.5% वोट हासिल किए हैं.

जीत के बाद डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता और पूर्व उद्योग एवं खनिज मंत्री जेन्स-फ्रेडरिक नीलसन ने कहा, 'लोग बदलाव चाहते हैं... हम अपने कल्याण के लिए अधिक से अधिक बिजनेस चाहते हैं. हम एकदम से कल ही आजादी हासिल नहीं कर लेना चाहते बल्कि हम आजादी के लिए पहले एक मजबूत नींव तैयार करना चाहते हैं.'
नीलसन की पार्टी ग्रीनलैंड की अन्य विपक्षी पार्टियों के साथ मिलकर एक गठबंधन सरकार बनाएगी.

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ग्रीनलैंड के सत्तारूढ़ गठबंधन को कितना वोट मिला?

ग्रीनलैंड की सत्तारूढ़ Inuit Ataqatigiit पार्टी और उसकी सहयोगी पार्टी Siumut ने संयुक्त रूप से 36 प्रतिशत वोट हासिल किए. दोनों को 2021 के चुनाव में 66.1 प्रतिशत वोट मिला था. ये दोनों ही पार्टियां ग्रीनलैंड की आजादी के लिए धीमी प्रक्रिया अपनाने की पक्षधर रही हैं.

खनिजों से भरपूर ग्रीनलैंड द्वीप के 72 मतदान केंद्रों पर मंगलवार को वोट देने के लिए भारी संख्या में लोग पहुंचे. ग्रीनलैंड में 40,500 लोग मतदान के लिए पात्र हैं और भीड़ को देखते हुए मतदान की समय-सीमा को आधे घंटे के लिए बढ़ा दिया गया.

ग्रीनलैंड को हथियाने की ट्रंप की धमकी

जनवरी में दूसरी बार अमेरिका के राष्ट्रपति बने डोनाल्ड ट्रंप ने डेनमार्क के स्वायत्त क्षेत्र ग्रीनलैंड को अमेरिका का हिस्सा बनाने का वादा किया है. ट्रंप का कहना है कि ग्रीनलैंड अमेरिका की सुरक्षा हितों के लिए जरूरी है और इसलिए वो इसे खरीदकर अमेरिका में शामिल करेंगे.

ग्रीनलैंड एक विशाल द्वीप है लेकिन इसकी आबादी महज 57,000 है. आकर्टिक क्षेत्र में प्रभुत्व के लिए यह द्वीप भू-राजनीतिक दौड़ में फंस गया है. ग्रीनलैंड में बर्फ की चोटियां पिघल रही हैं जिससे वहां के दुर्लभ प्राकृतिक संसाधनों को निकालना आसान बनता जा रहा है और सामानों की ढुलाई के लिए नए शिपिंग मार्ग भी बनते जा रहे हैं.

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ट्रंप के प्रति कैसा है डेमोक्रेटिक पार्टी का रुख

डेमोक्रेटिक पार्टी डोनाल्ड ट्रंप की आलोचक रही है. ग्रीनलैंड को अमेरिका में शामिल करने के ट्रंप की धमकी को डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता नीलसन ने 'ग्रीनलैंड की राजनीतिक आजादी के लिए खतरा' बताया है. चुनाव से पहले नीलसन ने कहा था कि उन्हें उम्मीद है, चुनाव के जरिए ग्रीनलैंड के लोग ट्रंप को साफ संदेश देंगे कि 'ग्रीनलैंड बिकाऊ नहीं है.'

उन्होंने कहा था, 'हम अमेरिकन नहीं बनना चाहते हैं. और न ही हम डेनमार्क के नागरिक बनना चाहते हैं. हम ग्रीनलैंड के नागरिक बनना चाहते हैं और हम भविष्य में अपनी आजादी चाहते हैं. हम अपना देश खुद बनाना चाहते हैं न कि उनके (ट्रंप के) मुताबिक. लेकिन ट्रंप इस बात को नहीं समझते कि ग्रीनलैंड बिकाऊ नहीं है. मुझे समझ नहीं आ रहा है कि उन्होंने ग्रीनलैंड के लोगों को सुरक्षा देने और उन्हें अमीर बनाने की बात कैसे कह दी?'

ग्रीनलैंड पर अमेरिका की नजर, रूस, चीन भी लाइन में

एक तरफ ट्रंप ग्रीनलैंड को खरीदकर अमेरिका में मिलाने की इच्छा जता चुके हैं तो वहीं, रूस और चीन भी इस पर नजर गड़ाए हुए हैं. दोनों ही देशों ने आकर्टिक क्षेत्र में अपनी सैन्य गतिविधियां तेज कर दी हैं.

ग्रीनलैंड पहले डेनमार्क का उपनिवेश था जो 1953 में एक अलग क्षेत्र के रूप में सामने आया. 1979 में जब इसकी पहली संसद बनी तो इसे कुछ स्वायत्तता प्राप्त हुई, लेकिन डेनमार्क अभी भी विदेशी मामलों, रक्षा और मौद्रिक नीतियों को नियंत्रित करता है. डेनमार्क ग्रीनलैंड को हर साल लगभग 1 अरब डॉलर देता है.

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2009 में, ग्रीनलैंड ने जनमत संग्रह के जरिए पूर्ण स्वतंत्रता की घोषणा करने का अधिकार हासिल कर लिया था लेकिन फिर उसने ऐसा नहीं किया. ग्रीनलैंड को चिंता थी कि डेनमार्क के आर्थिक समर्थन के बिना उसका जीवन स्तर गिर जाएगा.

जनवरी में हुए एक सर्वेक्षण से पता चला कि ग्रीनलैंड के अधिकांश निवासी स्वतंत्रता के समर्थन में हैं, लेकिन उनमें इस बात को लेकर मतभेद हैं कि आजादी जल्दी मिलनी चाहिए या इस प्रक्रिया को धीमी गति से आगे बढ़ना चाहिए.

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