
अगस्ता वेस्टलैंड का मामला आजकल तूल पकड़े हुए है और हर कोई इससे वाकिफ है लेकिन इस वीवीआईपी चॉपर डील का सौदा लेने वाली कंपनी के दो पूर्व मालिक किस तरह अपनी जिंदगी काट रहे हैं, ये शायद ही कोई जानता हो.
इंडिया टुडे अगस्ता वेस्टलैंड और फिनमेकेनिया के पूर्व सीईओ ग्यूसेप ओरसी के घर तक जा पहुंचा, जहां वो गुमनामी में अपनी जिंदगी गुजार रहे हैं. 70 साल के ओरसी के बारे में पूछे जाने पर उनके पड़ोसी ने कहा, 'जिस व्यक्ति से मिलने की आप कोशिश कर रहे हैं, उनसे मिलना आसान नहीं है. वो एटिक में रहते हैं और उनके घर में अलग से एंट्रेंस और लिफ्ट है.'
पड़ोसियों को नहीं ओरसी की जानकारी
मिलान से 60 किलोमीटर दूर सेस्टो कैलेंदे में 13बी बिल्डिंग की सांतवी मंजिल पर काफी हरियाली नजर आती है लेकिन पड़ोस में रहने वाला शायद ही कोई इंसान उन्हें जानता हो. ज्यादातर लोगों को ओरसी के बारे में नहीं पता. इतना ही नहीं, ओरसी के घर के बाहर उनके नाम का बोर्ड भी नहीं लगा. हालांकि सूत्रों ने बताया कि ओरसी यहां कई साल से रह रहे हैं.
इटैलियन एयरफोर्स में थे पायलट
कभी ऊंचाईयां छूने वाले ओरसी को पिछले महीने भ्रष्टाचार के आरोप में साढ़े चार साल की सजा सुनाई गई है. ओरसी उन वरिष्ठ अधिकारियों में से एक हैं, जिनके नाम वीवीआईपी चॉपर डील घोटाले में सामने आए और उन्हें सजा दी गई. इटैलियन एयरफोर्स के पूर्व पायलट और इंजीनियर ओरसी ने 70 के दशक में अगस्ता को बतौर निदेशक जॉइन किया था. मिलान कोर्ट में ओरसी के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप साबित हुए. उसके बाद से ही उनका डाउनफॉल शुरू हो गया था.
ओरसी की राह पर चल ब्रूनो स्पागनोनिली
ओरसी के घर से महज 500 मीटर की दूरी पर अगस्ता वेस्टलैंड की ट्रेनिंग एकेडमी है. उससे थोड़ा आगे चलने पर कंपनी की हेलीपोर्ट भी नजर आता है. ओरसी के बाद उनके जूनियर ब्रूनो स्पागनोनिली ने उनकी जगह संभाल ली. स्पागनोनिली ने न सिर्फ ओरसी की कुर्सी संभाली बल्कि वो खुद भी भ्रष्टाचार की राह पर उनके पीछे चल पड़े.
नाम है गुमनाम
भ्रष्टाचार के मामले में उन्हें भी चार साल कैद की सजा सुनाई गई. इंडिया टुडे ने मिलान के बाहरी क्षेत्र में स्थित फारा नोवारेसे में स्पागनोनिली का भी घर ढूंढ
निकाला. यहां ब्रून के रिश्तेदार फ्रांसो स्पागनोनिली का घर है. घर का नाम फ्रांसो के नाम पर है लेकिन ब्रूनो का नाम कहीं नहीं है. एक स्थानीय ने बताया, 'पिंक वाला घर
उन्हीं का है.' सामने से दो हिस्सों में बंटा ये घर पीछे से एक लॉन के जरिए जुड़ा हुआ है. उनके पड़ोसियों से लेकर कोई भी अधिकारी इस बारे में बात करने को तैयार
नहीं था क्योंकि ब्रूनो का केस क्रिटिकल था. पड़ोस में रहने वाली एक लड़की ने बताया, 'वो एक संवेदनशील इंसान हैं.'
बदल दिया गया फिनमेकेनिका का नाम
इटली सरकार के अर्थव्यवस्था और वित्त मंत्रालय के पास फिनमेकेनिका में 30 फीसदी हिस्सेदारी है. घोटाले के बाद कंपनी ने कई तरह के सुधारों का वादा किया है.
2012-2014 के दरमियान ओरसी और स्पागनोनिली को गिरफ्तार किया गया था. घोटाले के बाद कंपनी का नाम बदलने का फैसला किया हुआ और 28 अप्रैल को
फिनमेकेनिका का नाम बदलकर 'लियोनार्डो' कर दिया गया. 15 देशों में फैली इस कंपनी में करीब 47000 कर्मचारी हैं.