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Muslims की तीसरी सबसे पवित्र मस्जिद Al Aqsa से Ground Report, जंग के बाद तनावपूर्ण हुआ माहौल

इजरायल और हमास के बीच जंग का आज आठवां दिन है. इस बीच आजतक की टीम मुस्लिमों की तीसरी सबसे पवित्र और प्रसिद्ध मस्जिद अल-अक्सा पहुंची. यहां चप्पे-चप्पे पर इजरायली फोर्स तैनात है. हर 20 मीटर पर लोगों को रोककर उनकी जांच की जा रही है.

अल अक्सा मस्जिद से काफी दूरी पर नमाज पढ़ते फिलिस्तीनी. अल अक्सा मस्जिद से काफी दूरी पर नमाज पढ़ते फिलिस्तीनी.
आशुतोष मिश्रा
  • यरुशलम,
  • 14 अक्टूबर 2023,
  • अपडेटेड 6:50 AM IST

सुनसान सड़क और सड़क के दूसरी तरफ किनारे पर खड़े 70-80 लोग. सड़क के चारों तरफ बंदूक लेकर खड़े इजरायली सेना के जवान. यह नजारा है इजरायल के सबसे अहम शहर यरुशलम (Jerusalem) का. अहम इसलिए भी, क्योंकि यरुशलम में मुसलमानों की तीसरी सबसे पवित्र मस्जिद अल-अक्सा के साथ-साथ यहूदियों का सबसे पवित्र स्थान टेंपल माउंट भी है. मस्जिद और टेंपल माउंट ठीक अगल-बगल होने के कारण वैसे भी यह इलाका हमेशा संवेदनशील माना जाता है, लेकिन इजरायल और हमास के बीच शुरू हुई जंग के बाद यहां सख्ती और ज्यादा बढ़ा दी गई है. चप्पे-चप्पे पर इजरायली सेना के जवान तैनात हैं. सड़क से गुजरने वाले हर शख्स की गहन तलाशी ली जा रही है. इन हालातों के बीच आजतक की टीम भी अल-अक्सा मस्जिद के पास पहुंची और हालात का जायजा लिया.

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इजरायल और हमास की जंग के बीच 13 अक्टूबर को पहला जुमा (शुक्रवार) पड़ा. हर बार की तरह इस बार भी बड़ी तादाद में मुस्लिम समुदाय के लोग नमाज पढ़ने के लिए अल-अक्सा मस्जिद पहुंचे, लेकिन बुजुर्गों, बच्चों और महिलाओं को छोड़कर किसी को भी मस्जिद के अंदर नमाज पढ़ने की अनुमति नहीं मिली. लोगों को वापस लौटाने के कारण कई बार यहां तनावपूर्ण स्थिति भी बनी, लेकिन लोगों को वापस लौटा दिया गया. जुमे के दिन जैसे ही हर बार की तरह यहां भीड़ जुटने लगी, इजरायली सेना के जवानों ने उन्हें तितर-बितर कर दिया. इस पूरे इलाके में इजरायली सेना रॉइट गेयर पहनकर मौजूद हैं.

हर 20 मीटर पर तलाशी ले रही इजरायली सेना

आजतक की टीम ने यहां नमाज पढ़ने के लिए पहुंचे लोगों से बात की. फिलिस्तीन के एक शख्स ने कहा,'इजरायल और हमास की जंग में गाजा के बुजुर्ग, महिलाएं और बच्चे बेवजह पिस रहे हैं, जबकि इनका कोई कसूर नहीं है. लोग उम्मीद कर रहे हैं कि जल्द ही शांति व्यवस्था स्थापित हो जाएगी.' एक दूसरे शख्स ने मस्जिद की तरफ इशारा करते हुए कहा,'आप देख रहे हैं, सड़कें पूरी तरह से खाली हैं. यहां 70 से ज्यादा लोग मौजूद हैं. आज लोगों को नमाज पढ़ने नहीं दिया गया. गाजा पर हमले रुकने वाले नहीं हैं. उम्मीद है स्थिति बेहतर होगी.' नमाज पढ़ने आई एक महिला ने आरोप लगाया कि यहां आते समय उन्हें कई बार रास्ते में रोका गया. उनसे हर बार यह पूछा जाता था कि वह कहां से हैं. फिलिस्तीनी महिला ने आगे बताया कि वह अपने बच्चों के साथ यहां आई है. हर 20 मीटर पर इजरायली सैनिक यहां लोगों को रोककर उनसे एक ही बात पूछ रहे हैं कि वह  कहां से हैं? आपको यहां नमाज पढ़ने की इजाजत नहीं है. हालात ठीक नहीं हैं.

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इजरायली सेना ने गाजा की तरफ किया कूच

बता दें कि पिछले 7 दिनों से जारी इजरायल और हमास की जंग अब जमीनी हमले की तरफ बढ़ रही है. इजरायल की सेना ने गाजा-पट्टी की तरफ कूच शुरू कर दी है. इस बीच हमास के साथ-साथ लेबनान का आतंकी संगठन हिजबुल्लाह भी इजरायल के खिलाफ खड़ा हो गया है. इजरायल में नेतन्याहू की पार्टी की एक सांसद ने तो गाजा के खिलाफ सीधे परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करने की बात कही है. इतना ही नही इस जंग में अब ईरान, इजरायल को सीधी चेतावनी दे रहा है कि अगर गाजा पर इसी तरह बमबारी जारी रही तो कई मोर्चों पर जंग शुरू हो सकती है.

हमास ने हमले को कैस दिया अंजाम

माडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हमले को अंजाम देने के लिए आतंकी संगठन हमास ने पूरा प्लान पहले ही तैयार कर लिया था. प्लान को हमास की 5 यूनिट्स ने अंजाम दिया. सबसे पहले 7 अक्टूबर की सुबह 6.30 बजे मिसाइल यूनिट के जरिए 3 हजार रॉकेट दागे गए. इतने बड़े हवाई हमले से इजरायल के लोग सकते में आ गए. फिर एयरबॉर्न यूनिट के जरिए पैराग्लाइडर से आतंकी इजरायल में घुसे. फिर कमांडो यूनिट ने जमीन पर बाड़ काटी और गाजा पट्टी से आतंकी इजरायल में दाखिल हुए. इस दौरान हमास की ड्रोन यूनिट हमला करने और सूचना जुटाने में जुटी रही. इजरायल का अनुमान है हमास के करीब 1000 लड़ाकों ने घुसपैठ की.

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