
मध्य अमेरिका के ग्वाटेमाला में सबसे सक्रिय ज्वालामुखियों में शामिल ‘वोल्कन डे फुगो’ में हुए विस्फोट में 25 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई और सैकड़ों लोग घायल हो गए. धमाका इतना जोरदार था कि राख और लावा शहर के ऊपर फैलते हुए 8 किलोमीटर तक फैल गया. अफसरों की मानें तो 44 साल बाद फ्यूगो में ऐसा ज्वालामुखी विस्फोट हुआ है.
ज्वालामुखी से निकली राख और धुआं करीब 12,346 फीट तक उठते देखे गए. धमाके से तीन जगह अल रोडियो, अलोतेनांगो और सैन मिगुएल सबसे ज्यादा क्षतिग्रस्त हुए हैं. बचाव और राहत का कार्य जारी है.
राष्ट्रीय आपदा संयोजक सर्गियो कैबानास ने बताया कि ग्वाटेमाला सिटी से करीब 44 किलोमीटर दूर कल ज्वालामुखी फटने की घटना के बाद कई लोग लापता हो गए. फ्यूगो में यह साल का दूसरा धमाका है. विमानन अधिकारियों ने राख से विमानों को होने वाले खतरे को देखते हुए राजधानी का अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा बंद कर दिया है.
राष्ट्रपति जिमी मोरालेस ने विभागों के साथ मींटिग कर देश में आपातकाल लगाने पर भी विचार किया है. लावे की बहती नदी ने आसपास के
इलाकों में रहने वाले कई किसानों के घर और फसले बर्बाद कर दी हैं. पलायन के चलते अबतक 2000 से ज्यादा लोग इलाका छोड़ कर जा चुके हैं.