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पाकिस्तान में गुरु नानक महल में तोड़फोड़!

अखबर की रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि प्रांतीय राजधानी लाहौर से करीब 100 किलोमीटर दूर नारोवाल शहर में बने इस महल में 16 कमरे थे और हर कमरे में कम से कम तीन नाजुक दरवाजे और कम से कम चार रोशनदान थे.

पाकिस्तान में गुरु नानक महल में तोड़फोड़ का दावा (फोटो - @journorama) पाकिस्तान में गुरु नानक महल में तोड़फोड़ का दावा (फोटो - @journorama)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 27 मई 2019,
  • अपडेटेड 7:32 AM IST

पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में कुछ स्थानीय लोगों ने औकाफ विभाग के अधिकारियों की कथित मौन सहमति से सदियों पुराने ‘गुरु नानक महल’ का एक बड़ा हिस्सा तोड़ दिया और उसकी कीमती खिड़कियां और दरवाजे बेच दिए.

पाकिस्तान के अखबार डॉन की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है कि इस चार मंजिला इमारत की दीवारों पर सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक के अलावा हिंदू शासकों और राजकुमारों की तस्वीरें थीं. रिपोर्ट के अनुसार ऐसा बताया जाता है कि ‘बाबा गुरु नानक महल’ चार सदी पहले बनाया गया था और इसमें भारत समेत दुनियाभर से सिख आया करते हैं.

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रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि प्रांतीय राजधानी लाहौर से करीब 100 किलोमीटर दूर नारोवाल शहर में बने इस महल में 16 कमरे थे और हर कमरे में कम से कम तीन नाजुक दरवाजे और कम से कम चार रोशनदान थे. औकाफ विभाग के अधिकारियों की कथित मौन सहमति से स्थानीय लोगों के एक समूह ने महल को आंशिक रूप से ध्वस्त कर दिया और उसकी कीमती खिड़कियां, दरवाजे और रोशनदान भी बेच दिए. प्राधिकारियों को इस महल के ‘मालिक’ के बारे में कोई जानकारी नहीं है. हालांकि, इस मीडिया रिपोर्ट को लेकर भी स्थिति स्पष्ट नहीं है और इसे भ्रामक भी बताया जा रहा है.

वहीं, स्थानीय निवासी मोहम्मद असलम ने बताया कि इस पुरानी इमारत को बाबा गुरु नानक महल कहा जाता है और हमने उसे महलां नाम दिया है. भारत समेत दुनियाभर से सिख यहां आया करते थे.

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एक अन्य स्थानीय निवासी मोहम्मद अशरफ ने कहा, ‘‘औकाफ विभाग को इस बारे में बताया गया कि कुछ प्रभावशाली लोग इमारत में तोड़ फोड़ कर रहे हैं लेकिन किसी भी अधिकारी ने कोई कार्रवाई नहीं की और न ही कोई यहां पहुंचा.’’ अशरफ ने कहा, ‘‘प्रभावशाली लोगों ने औकाफ विभाग की मौन सहमति से इमारत को ध्वस्त कर दिया और उसकी कीमती खिड़कियां, दरवाजे, रोशनदान और लकड़ी बेच दीं.’’

अधिकारियों ने क्या कहा

नरोवाल के उपायुक्त वहीद असगर ने बताया कि राजस्व रिकॉर्ड में इस इमारत का कोई जिक्र नहीं है. यह इमारत ऐतिहासिक लगती है और हम नगरपालिका समिति के रिकॉर्ड की जांच कर रहे हैं.

वहीं, ईटीपीबी सियालकोट क्षेत्र के ‘रेंट कलेक्टर’ राणा वहीद ने कहा, ‘‘हमारी टीम गुरु नानक महल बाटनवाला के संबंध में जांच कर रही है. यह संपत्ति ईटीपीबी की है तो इसमें तोड़ फोड करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. बता दें कि इलाके के लोगों ने प्रधानमंत्री इमरान खान से तोड़फोड़ के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने की अपील की है.

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