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नसरल्लाह के खात्मे के बाद हिज्बुल्लाह को मिला नया चीफ, नईम कासिम को सौंपी कमान

हिज्बुल्लाह ने लिखित बयान जारी कर बताया कि उनकी शूरा काउंसिल ने सहमति से कासिम का चुनाव किया है. नईम को 1991 में हिज्बु्ल्लाह का डिप्टी चीफ नियुक्त किया गया था. नसरल्लाह के हिज्बुल्लाह का चीफ चुने जाने के बाद भी नईम डिप्टी चीफ की जिम्मेदारी निभाते रहे. 

नईम कासिम नईम कासिम
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 29 अक्टूबर 2024,
  • अपडेटेड 2:42 PM IST

इजरायल ने लेबनान में एक्टिव चरमपंथी संगठन हिज्बुल्लाह की कमर तोड़कर रख दी है. ऐसे में हसन नसरल्लाह के खात्मे के बाद एक बार फिर हिज्बुल्लाह को नया सरगना मिल गया है.

हिज्बुल्लाह ने नईम कासिम (Naim Qassem) को संगठन का नया चीफ नियुक्त किया है. वह इससे पहले हिज्बुल्लाह का डिप्टी सेक्रेटरी जनरल था. 

हिज्बुल्लाह ने लिखित बयान जारी कर बताया कि उनकी शूरा काउंसिल ने सहमति से कासिम (71) का चुनाव किया है. नईम को 1991 में हिज्बु्ल्लाह का डिप्टी चीफ नियुक्त किया गया था. नसरल्लाह के हिज्बुल्लाह का चीफ चुने जाने के बाद भी नईम डिप्टी चीफ की जिम्मेदारी निभाते रहे. 

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नईम कासिम को क्यों चुना गया?

हिज्बुल्लाह ने जारी बयान में कहा कि कासिम को संगठन के सिद्धांतों और उद्देश्यों का पालन करने की उनकी ललक को लेकर चुना गया है. नईम को आमतौर पर हिज्बुल्लाह में नंबर टू नेता के तौर पर जाना जाता रहा है. 1980 के दशक की शुरुआत में हिज्बुल्लाह की स्थापना करने वालों में वह भी शामिल थे.

नसरल्लाह के संभावित उत्तराधिकारी का भी किया था खात्मा

इजरायल ने हसन नसरल्लाह के खात्मे के बाद उनके संभावित उत्तराधिकारी को भी मार गिराया था. इजरायली सेना का कहना है कि बेरूत में तीन हफ्ते पहले हवाई हमले में सैफीद्दीन को मार गिराया गया था. नसरल्लाह के रिश्तेदार सैफीद्दीन को हिज्बुल्लाह की जिहाद काउंसिल ने नियुक्त कियाथा. वह हिज्बुल्लाह के वित्तीय और प्रशासनिक मामलों की देखरेख कर रहा था. उन्हें नसरल्लाह के उत्तराधिकारी के तौर पर देखा जा रहा था.

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दम घुटने से हुई थी नसरल्लाह की मौत

हसन नसरल्लाह की मौत जहरीले धुएं की वजह से दम घुटने से हुई थी. वह बेरूत में हिज्बुल्लाह के सीक्रेट बंकर में छिपे हुए थे, जहां 27 सितंबर को इजरायल के हमले में उनकी मौत हो गई. इजरायल के चैनल 12 ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि इजरायली हमले में नसरल्लाह का सीक्रेट बंकर तबाह हो गया था, जिससे 64 साल के नसरल्लाह की जहरीले धुएं में दम घुटने से मौत हो गई.

रिपोर्ट में बताया गया था कि भारी विस्फोट की वजह से जहरीले धुएं के कारण बंकर के भीतर सांस लेना मुश्किल था. बता दें कि हसन नसरल्लाह जिस इमारत में था. उसके आसपास के ब्लॉक में इजरायल ने 80-85 बंकर बस्टर बम गिराए थे. बंकर बस्टर यानी जमीन की गहराई में बने अड्डों को खत्म करने वाले बम. ये सतह के काफी नीचे जाकर भी तबाही मचाते हैं.

नसरल्लाह जिस इमारत में था, वहां पर बम गिरने से 30 फीट गहरा गड्ढा हो गया था. जीबीयू-72 परिवार के बंकर बस्टर बम की खासियत यही होती है, कि ये स्टील, कॉन्क्रीट की मोटी दीवारों को तोड़कर 30 से 60 फीट की गहराई तक हमला कर सकते हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, घटनास्थल से जब नसरल्लाह का शव बरामद किया गया तो उनके शव पर किसी तरह की बाहरी चोट के निशान नहीं थे

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