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काबुल पर कब्जे से पहले पाकिस्तान पहुंचा अफगानिस्तान के नेताओं का डेलिगेशन, स्पीकर भी मौजूद

स्पीकर मीर रहमान रहमानी समेत अफगानिस्तान के राजनीतिक नेतृत्व का उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल रविवार को इस्लामाबाद पहुंचा. अफगानिस्तान के लिए पाकिस्तान के विशेष प्रतिनिधि मोहम्मद सादिक ने ट्वीट कर यह जानकारी दी.

अफगानिस्तान के राजनीतिक नेतृत्व का प्रतिनिधिमंडल रविवार को इस्लामाबाद पहुंचा अफगानिस्तान के राजनीतिक नेतृत्व का प्रतिनिधिमंडल रविवार को इस्लामाबाद पहुंचा
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 15 अगस्त 2021,
  • अपडेटेड 10:14 PM IST
  • अफगानिस्तान सरकार ने तालिबान के आगे घुटने टेके
  • राष्ट्रपति अशरफ गनी ने इस्तीफा दिया, मुल्क भी छोड़ा

तालिबान ने अफगानिस्तान के बड़े शहरों जलालाबाद, मजार ए शरीफ पर कब्जे के बाद अब काबुल में घुसना शुरू कर दिया है. इन सबके बीच स्पीकर मीर रहमान रहमानी समेत अफगानिस्तान के राजनीतिक नेतृत्व का उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल रविवार को इस्लामाबाद पहुंचा. अफगानिस्तान के लिए पाकिस्तान के विशेष प्रतिनिधि मोहम्मद सादिक ने ट्वीट कर यह जानकारी दी.

उन्होंने ट्वीट किया, स्पीकर मीर रहमान रहमानी, सलाह-उद-दीन रब्बानी, मोहम्मद यूनुस कानूनी, उस्ताद मोहम्मद करीम खलीली, अहमद जिया मसूद, अहमद वली मसूद, अब्दुल लतीफ और खालिद नूर समेत अफगानिस्तान के राजनीतिक नेतृत्व के उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल का स्वागत किया. 

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आपसी हित के मामलों पर होगी चर्चा
उन्होंने कहा कि अफगान राजनीतिक प्रतिनिधिमंडल की यात्रा के दौरान आपसी हित के मामलों पर चर्चा की जाएगी. हालांकि अभी इस दौरे का उद्देश्य साफ नहीं है. हालांकि, यह माना जा रहा है कि यह तालिबान के कब्जे से पहले वरिष्ठ नेताओं को सुरक्षित स्थान की पेशकश करने से जुड़ी पाकिस्तान की डील का हिस्सा हो सकता है
 
राष्ट्रपति अशरफ गनी ने मुल्क छोड़ा
इससे पहले अफगानिस्तान सरकार ने तालिबान के आगे घुटने टेक दिए हैं. राष्ट्रपति अशरफ गनी ने इस्तीफा दे दिया है. टोलो न्यूज के मुताबिक, सत्ता हस्तांतरण के बाद देश के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने मुल्क छोड़ दिया है. वो ताजिकिस्तान के लिए रवाना हो गए हैं. 

तालिबान के नंबर-2 नेता मुल्ला बरादर अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी से सत्ता हस्तांतरण के लिए बातचीत करने पहुंचे थे. इससे पहले तालिबान की ओर से कहा गया कि वो शांतिपूर्ण ढंग से बातचीत के जरिए हल चाहते हैं. देश की जनता को डरने की जरूरत है. 

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(इनपुट- राजेश सुंदरम) 


 

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