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पाकिस्तान: जन्माष्टमी पर हिंदू मंदिर में तोड़फोड़, खंडित की गई भगवान कृष्ण की मूर्ति

यह हमला जन्माष्टमी के मौके पर हुआ. जानकारी के मुताबिक, भगवान कृष्ण की मूर्ति को भी नुकसान पहुंचाया गया. एक महीने के अंदर यह दूसरा ऐसा हमला है. खबर सिंध प्रांत की है. वहां संघर जिले के खिप्रो में स्थित मंदिर में तोड़फोड़ हुई है.

पाकिस्तान में मंदिर में तोड़फोड़ (सांकेतिक फोटो) पाकिस्तान में मंदिर में तोड़फोड़ (सांकेतिक फोटो)
aajtak.in
  • इस्लामाबाद,
  • 31 अगस्त 2021,
  • अपडेटेड 10:41 AM IST
  • पाकिस्तान में फिर मंदिर पर हमला हुआ
  • इस बार हमला जन्माष्टमी के मौके पर हुआ

पाकिस्तान में एक हिंदू मंदिर पर फिर हमले की खबर है. यह हमला जन्माष्टमी के मौके पर हुआ. जानकारी के मुताबिक, भगवान कृष्ण की मूर्ति को भी नुकसान पहुंचाया गया. एक महीने के अंदर यह दूसरा ऐसा हमला है. खबर सिंध प्रांत की है. वहां संघर जिले के खिप्रो में स्थित मंदिर में तोड़फोड़ हुई है.

न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, पाकिस्तान में मौजूद समाजसेवक राहत ऑस्टिन ने कुछ फोटोज और वीडियो ट्वीट किए हैं. इसमें दावा किया गया है कि जन्माष्टमी मनाने पर हमलावर भड़के थे, फिर उन्होंने हिंदू भगवान का अपमान करने के लिए यह तोड़फोड़ की.

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इससे पहले गणेश मंदिर में हुई थी तोड़फोड़ 

बता दें कि पाकिस्तान में अगस्त महीने की शुरुआत में भी एक गणेश मंदिर में तोड़फोड़ करके मूर्तियों को खंडित किया गया था. मामले में बाद में कार्रवाई करते हुए पुलिस ने 90 लोगों को गिरफ्तार किया था. वहीं 150 के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था.

तब पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में मंदिर में तोड़फोड़ हुई थी. भीड़ ने मंदिर के कुछ हिस्सों में आग लगाई थी और मूर्तियों को खंडित किया था. तब हालात इतने बिगड़ गए थे कि भीड़ को काबू करने के लिए पाकिस्तान रेंजर्स के जवानों को बुलाया गया था. बाद में मंदिर की मरम्मत कराई गई थी.

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान खुद ऐसे हमलों की निंदा कर चुके हैं, लेकिन उसके बाद भी हालात सुधरते नहीं दिख रहे. गणेश मंदिर पर हुए हमले की निंदा करते हुए इमरान खान ने उच्च अधिकारियों को समन तक किया था. मंदिर को बनवाने में भी सरकार ने ही मदद की थी.

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बता दें कि पाकिस्तान में हिंदू अल्पसंख्यक समुदायों में से एक है. मोटे अनुमान के मुताबिक, पाकिस्तान में 75 लाख के करीब हिंदू फिलहाल मौजूद हैं, जिसमें से ज्यादातर सिंध प्रांत में ही रहते हैं.

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