
पाकिस्तान के सिंध प्रांत में एक हिंदू महिला की हत्या का मामला सामने आने के बाद भारत ने इस्लामाबाद को दो टूक सलाह दी है. भारत का कहना है कि पाकिस्तान को अपने यहां के अल्पसंख्यकों का ख्याल रखना चाहिए और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने गुरुवार को मीडिया को संबोधित करते हुए कहा है कि हमने पाकिस्तान में हुई इस घटना की रिपोर्ट्स पढ़ी हैं. लेकिन इस मामले पर हमारे पास कोई निश्चित जानकारी नहीं है. लेकिन हमने बार-बार कहा है कि पाकिस्तान को अपने अल्पसंख्यकों की रक्षा करनी चाहिए.
बता दें कि पाकिस्तान में 40 साल की एक विधवा हिंदू महिला का बेरहमी से कत्ल कर दिया गया था. महिला की सिर कटी लाश बरामद की गई थी. उसके चेहरे की चमड़ी उधेड़ दी गई थी और किसी धारदार हथियार से महिला के स्तन काट दिए गए थे. महिला के पूरे शरीर पर जगह-जगह कट और चमड़ी छीलने के निशान थे.
इस मामले ने तूल पकड़ लिया है. पाकिस्तान की हिंदू समुदाय से पहली महिला सीनेटर कृष्णा कुमारी ने ट्वीट कर कहा कि 40 साल की विधवा महिला दया भील की निर्ममता से हत्या कर दी गई थी. उसका शव बहुत ही बुरी हालत में बरामद किया गया था. उसके सिर धड़ से अलग कर दिया गया था और पूरे सिर की चमड़ी उधेड़ दी गई थी.
इस मामले पर पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के नेता ने कहा कि महिला के चेहरे और शरीर से चमड़ी उधेड़ी गई थी. महिला के चार बच्चे हैं.
यह पहला मामला नहीं है, जब पाकिस्तान में रहने वाले अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया गया है. अक्टूबर 2022 को पाकिस्तान के दक्षिण-पश्चिमी बलूचिस्तान प्रांत के कलात कस्बे में अल्पसंख्यक समुदाय की एक महिला की अस्थियों को अपवित्र करने का मामला सामने आया था. इसे लेकर हिंदू समुदाय के लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया था. हिंदू महिला की मौत के बाद महिला के रिश्तेदारों ने उसका अंतिम संस्कार श्मशान घाट में कर दिया था. जब महिला के परिजन श्मशान घाट से वापस लौट गए तो कुछ अज्ञात लोगों ने महिला की अस्थियों को बाहर फेंक दिया.
इससे पहले 12 अगस्त 2022 को मिल में काम करने वाली लड़की को चार लोगों ने किडनैप कर लिया था. इसके बाद लड़की के माता-पिता ने दावा किया कि उसकी लड़की का जबरन धर्म बदलवा दिया गया और अपहरणकर्ताओं में से एक ने उससे शादी कर ली. जब उन्होंने पुलिस से इसकी शिकायत की तो सितंबर तक केस दर्ज नहीं किया गया.
इसके बाद पुलिस और मानवाधिकार अधिकारियों ने उसे बलूचिस्तान प्रांत से बरामद किया था और उसे पाकिस्तान के हैदराबाद लाया गया था. इसके बाद लड़की को एक शेल्टर होम में रखा गया क्योंकि उसके पति ने उसके माता-पिता के खिलाफ कोर्ट में मामला दायर कर दिया था.