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US प्रेसिडेंट पद की दौड़ में एक और भारतवंशी शामिल, खुद को कहते हैं 'Pure-blood' कैंडिडेट

हर्षवर्धन सिंह के अमेरिकी राष्ट्रपति के पद की रेस में शामिल होने से अब यूएस में हलचल बढ़़ गई है. बता दें कि निक्की हेली और विवेक रामास्वामी पहले ही खुद को कैंडिडेट घोषित कर चुके हैं. हर्षवर्धन ने अपनी दावेदारी पेश करते हुए कहा कि वह जीवनभर रिपब्लिकन पार्टी के लिए समर्पित रहे हैं.

हर्षवर्धन सिंह. (File Photo) हर्षवर्धन सिंह. (File Photo)
aajtak.in
  • वॉशिंगटन,
  • 30 जुलाई 2023,
  • अपडेटेड 8:55 AM IST

अमेरिकी राष्ट्रपति पद की दौड़ में रिपब्लिकन पार्टी की तरफ से तीसरे भारतवंशी ने दावा ठोक दिया है. इनका नाम हर्षवर्धन सिंह (38) है, जो पेशे से इंजीनियर हैं. हर्षवर्धन से पहले निक्की हेली (Nikki Haley) और विवेक रामास्वामी (Vivek Ramaswamy) भी 2024 में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए रिपब्लिकन पार्टी से दावेदारी जता चुके हैं.

ट्विटर पर एक वीडियो पोस्ट करते हुए हर्षवर्धन ने कहा,'मैं जीवनभर एक समर्पित रूढ़िवादी रिपब्लिकन रहा हूं. मैंने हमेशा अमेरिका फर्स्ट की पॉलिसी को फॉलो किया है. मैंने न्यूजर्सी में रिपब्लिकन पार्टी को फिर से खड़ा करने के लिए काफी मेहनत की है.' हर्षवर्धन ने फेडरल इलेक्शन कमीशन के सामने अपनी उम्मीदवारी दाखिल कर दी है.

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सबसे आगे चल रहा ट्रंप का नाम

इससे पहले 2023 की शुरुआत में दक्षिण कैरोलिना की पूर्व गवर्नर निक्की हेली (51) और करोड़पति उद्यमी रामास्वामी (37) ने साल की शुरुआत में रिपब्लिकन पार्टी से उम्मीदवारी का ऐलान किया था. तीनों ही पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे. हालांकि, अब तक रिपब्लिकन पार्टी में ट्रंप का नाम ही सबसे आगे चल रहा है, लेकिन वह कानूनी अड़चनों का भी सामना कर रहे हैं.

बैठक में ही तय होगा प्रत्याशी

रिपब्लिकन पार्टी के लोग अपने दल का अंतिम उम्मीदवार तय करने के लिए 15 से 18 जुलाई 2024 तक विस्कॉन्सिन (Wisconsin) के मिल्वौकी (Milwaukee) में मुलाकात  करने वाले हैं. इस बैठक में ही फाइनल कैंडिडेट का चयन होगा. सिंह खुद को 'एकमात्र प्योर ब्लड उम्मीदवार' कहते हैं, क्योंकि उन्होंने 'कभी भी कोविड का ​​टीकाकरण नहीं कराया है.

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तीन चुनावों में नहीं मिली कामयाबी

इससे पहले हर्षवर्धन 2017 और 2021 में न्यूजर्सी के गवर्नर, 2018 में हाउस सीट और 2020 में सीनेट के लिए रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार रह चुके हैं. हालांकि, वह इन चुनावों को जीतने में कामयाब नहीं हुए. गवर्नर पद के लिए अपनी हुए हालिया चुनाव में हर्षवर्धन ने खुद को डोनाल्ड ट्रंप जैसे एक ज्यादा रूढ़ीवादी नेता के तौर पर पेश किया था. हालांकि, इस चुनाव में भी वह तीसरे स्थान पर रहे.

पार्टियां कैसे चुनती हैं राष्ट्रपति उम्मीदवार

मेरिका सियासी पार्टियों की कमी नहीं है. लेकिन दो मुख्या पार्टियां डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन पार्टी है. इसके अलावा कई राजनीतिक दल हैं. लेकिन उनका प्रभाव नहीं के बराबर है. इसलिए राष्ट्रपति का चुनाव डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन के बीच ही होता है. राष्ट्रपति चुनाव के लिए दोनों पार्टियां अपने-अपने उम्मीदवार उतारती हैं. पार्टी में इन उम्मीदवारों को चुनने की प्रक्रिया भी लंबी और जटिल होती है. चलिए आपको बताते हैं कि डेमेक्रेटिक और रिपब्लिकन पार्टी कैसे अपने राष्ट्रपति उम्मीदवार का चयन करते हैं.

प्राइमरी और कॉकस

राष्ट्रपति चुनाव के लिए पार्टियां अपना उम्मीदवार चुनने के लिए दो तरीके अपनाती हैं. उम्मीदवार चुनने का पहला तरीका प्राइमरी और दूसरा तरीका कॉकस है.

प्राइमरी सिस्टम से चुनाव

प्राइमरी चुनाव राज्य सरकारों के अंतर्गत कराए जाते हैं. ये खुले और बंद तरीके से होते हैं. इसका मतलब है कि अगर राज्य सरकार चाहती है कि खुले रूप से चुनाव हो तो पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ आम जनता भी वोट कर सकती है. जबकि बंद रूप से चुनाव होता है तो इसमें सिर्फ पार्टी कार्यकर्ता ही उम्मीदवार को चुनते हैं. प्राइमरी सिस्टम से राष्ट्रपति उम्मीदवार चुनने का तरीका ज्यादातर राज्यों में अपनाया जाता है.

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कॉकस सिस्टम से चुनाव

कॉकस सिस्टम में राष्ट्रपति उम्मीदवार के लिए चुनाव पार्टी ही कराती है. इसमें पार्टी कार्यकर्ता एक जगह इकट्ठा होते हैं और अलग-अलग मुद्दों पर चर्चा करते हैं. जो शख्स पार्टी की तरफ से राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार बनना चाहता है तो वो अपनी बात कहता है. समर्थक उसे सुनते हैं. उसके बाद अपनी राय बनाते हैं. उस सभा में मौजूद सभी कार्यकर्ता हाथ खड़ा करके अपने उम्मीदवार को समर्थन देते हैं. हालांकि ये तरीका बहुत ही कम राज्यों में अपनाया जाता है.

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