Advertisement

सरकार का नहीं कर पाएंगे विरोध! हांगकांग की संसद ने पारित किया नया कानून

हांगकांग में एक नया कानून अस्तित्व में आ गया है जो सरकार को विपक्षी आवाजों को कुचलने की और अधिक शक्ति प्रदान करता है. नए कानून के तहत देश विरोधी गतिविधियों के लिए आजीवन कारावास की सजा मिल सकती है.

हांगकांग में नया कानून पारित हांगकांग में नया कानून पारित
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 19 मार्च 2024,
  • अपडेटेड 3:21 PM IST

हांगकांग के सांसदों ने मंगलवार को एक नया नेशनल सिक्योरिटी लॉ पारित किया है जो सरकार को विरोध में उठने वाली आवाजों को कुचलने की और अधिक शक्ति प्रदान करता है. इसे 2019 में लोकतंत्र समर्थक विरोध प्रदर्शनों के कारण बड़े पैमाने पर हुई राजनीतिक कार्रवाई के हालिया कदम के रूप में देखा जा रहा है. 

8 मार्च का लाया गया था बिल

Advertisement

सदन में मंगलवार को एक विशेष सत्र के दौरान सेफगार्डिंग नेशनल सिक्योरिटी लॉ पारित हुआ. यह चार साल पहले बीजिंग की ओर से लाए गए एक कानून के समान है जिसने विपक्षी आवाजों का काफी हद तक खामोश कर दिया है.  

हांगकांग की विधान परिषद (Legislative Council), जो चुनावी बदलाव के बाद बीजिंग के प्रति वफादारों से भरी हुई है, ने इस प्रक्रिया को तेजी से पूरा किया. यह बिल 8 मार्च को लाया गया था. हांगकांग के नेता जॉन ली की ओर से कानून को 'तेजी से' आगे बढ़ाने की अपील के बाद एक समिति ने एक हफ्ते तक रोज बैठकें कीं.

देशद्रोह के लिए आजीवन कारावास की सजा

नए कानून में कई प्रकार की गतिविधियों के लिए कठोर दंड का प्रावधान है जिसे अधिकारी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा मानते हैं. इसमें सबसे गंभीर 'देशद्रोह' है जिसके लिए आजीवन कारावास की सजा हो सकती है. राष्ट्र विरोधी साहित्य रखने जैसे अपराधों के लिए भी कई वर्षों की जेल हो सकती है. कुछ प्रावधान दुनिया में कहीं भी किए गए कृत्यों के लिए आपराधिक मुकदमा चलाने की अनुमति देते हैं. 

Advertisement

आलोचकों ने उठाए सवाल

विधान परिषद के अध्यक्ष एंड्रयू लेउंग ने कहा कि उनका मानना है कि सभी सांसद इस 'ऐतिहासिक मिशन' में भाग लेने के लिए सम्मानित महसूस कर रहे होंगे. उन्होंने कहा, 'मैं चीफ एग्जीक्यूटिव की बात से पूरी तरह सहमत हूं, जितनी जल्दी कानून अस्तित्व में आएगा, उतनी जल्दी देश की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी.' आलोचकों को चिंता है कि नया कानून नागरिक स्वतंत्रता को और कमजोर कर देगा, जिसे बीजिंग ने 50 वर्षों तक संरक्षित करने का वादा किया था जब 1997 में पूर्व ब्रिटिश उपनिवेश चीनी शासन में वापस आया था.

हांगकांग का क्या स्टेटस है?

हांगकांग पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना का एक विशेष प्रशासनिक क्षेत्र है. कुछ साल पहले तक यह चीनी नेता डेंग जियाओपिंग की 'वन कंट्री, टू सिस्टम्स' (एक देश, दो प्रणाली) के आधार पर अपने आंतरिक मामलों को संभालने के लिए स्वतंत्र था. करीब डेढ़ सदी से अधिक के औपनिवेशिक शासन के बाद ब्रिटिश सरकार ने 1997 में हांगकांग को चीन को सौंप दिया था. 

चीन ने क्या वादे किए थे?

1984 की चीन-ब्रिटिश संयुक्त घोषणा ने उन शर्तों को निर्धारित किया जिनके तहत हांगकांग को चीन को वापस किया गया था. 1997 में चीन ने हांगकांग की ज्यादातर चीजों को संरक्षित करने का वादा किया था. बीजिंग ने कहा था कि वह 50 साल तक यानी 2047 तक हांगकांग को अपनी पूंजीवादी व्यवस्था को बनाए रखने, कई स्वतंत्रताओं की अनुमति और उच्च स्तर की स्वायत्तता प्रदान करेगा. 

Advertisement

अपने नियम खुद बनाता है हांगकांग

1997 में ब्रिटेन ने हांगकांग को चीन को सौंप दिया था. चीन ने अगले 50 साल तक इसे संप्रभु रखने का वादा किया था जिसके अंतर्गत 'एक देश, दो सिस्टम' नाम से इसे एक अलग ऑटोनॉमस कंट्री की तरह ट्रीट किया जाता है. यह अपने नियम कानून बनता है. हांगकांग में चीनी मुद्रा नहीं बल्कि अलग मुद्रा हांगकांग डॉलर चलती है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement