Advertisement

भारत से तीन गुना बड़ा डिफेंस बजट, जानिए चीन अपनी सेना को कैसे कर रहा फ्यूचर वॉर के लिए तैयार

चीन जिस हिसाब से रक्षा बजट बढ़ा रहा है, उससे लगता है कि जल्द ही वो वर्ल्ड पावर बन जाएगा. वो जिन चार चीजों में पैसा लगा रहा हैं- वो स्टेल्थ तकनीक, कॉम्बैट टैक्टिक्स, एडवांस वेपन्स और मजबूत थियेटर कमांड. जानिए चीन की तैयारी और वर्तमान ताकत के बारे में...

ये है चीन का नया स्टेल्थ बमवर्षक H-20. इसका परीक्षण चल रहा है. इससे परमाणु बम भी गिरा सकते हैं. ये है चीन का नया स्टेल्थ बमवर्षक H-20. इसका परीक्षण चल रहा है. इससे परमाणु बम भी गिरा सकते हैं.
ऋचीक मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 06 मार्च 2023,
  • अपडेटेड 5:30 PM IST

चीन लगातार आठ साल से अपना रक्षा बजट बढ़ा रहा है. साल 2023 में फिर उसने अपने रक्षा बजट में 7.2 फीसदी का इजाफा किया है. इस बार उसका रक्षा बजट 18.36 लाख करोड़ रुपए का है. यह भारत के रक्षा बजट से करीब तीन गुना बड़ा है. भारत का रक्षा बजट इस साल 5.94 लाख करोड़ रुपए है. भारत ने पिछले साल से अपना रक्षा बजट करीब 13 फीसदी बढ़ाया था लेकिन चीन के आगे कम है. 

Advertisement

चीन का रक्षा खर्च साल 2020 में 6.6 फीसदी बढ़ा था. जो 2021 में बढ़कर 6.8 हो गया. साल 2022 में 7.1 फीसदी बढ़ गया. चीन की योजना है कि वो अपनी सेना को विश्वस्तरीय बना दे. दो साल पहले ही राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा था कि वो अपने देश की सेना को ऐसा बनाएंगे, जो दुनिया के किसी भी कोने या देश में जाकर जंग जीत आए. अब चीन रक्षा बजट इसीलिए बढ़ा रहा है ताकि थियेटर कमांड मजबूत कर सके. स्टेल्थ टेक्नोलॉजी विकसित कर सके. 

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग फ्यूचर के जवानों और हथियारों वाली फौज चाहते हैं. (फोटोः AFP)

चीन अपनी सेना के आधुनिकीकरण में सबसे ज्यादा जिस चीज को महत्ता दे रहा है, वो है कॉम्बैट टैक्टिक्स और एडवांस वेपन. चीन चाहता ही नहीं है कि सैनिकों को ज्यादा मेहनत करनी पड़े. जंग लड़नी पड़े. ये काम उसकी मिसाइलें, फाइट जेट्स, टैंक्स और ऑटोनॉमस हथियार कर दें. इसलिए अब वह दुनिया के सबसे खतरनाक हथियारों को बनाने में लगा है. 

Advertisement

परमाणु हथियारों से लैस मिसाइलें

पिछले साल ही सैटेलाइट तस्वीरों से इस बात का खुलासा हुआ था कि चीन 119 मिसाइल साइलो बना रहा है. ये साइलो परमाणु हथियारों से लैस लंबी दूरी की मिसाइलों के लिए हैं. यानी ICBM. ये मिसाइलें अमेरिका तक मार करने की क्षमता रखती हैं. जहां ये साइलो बनाए गए हैं, वो इलाका पहले रेगिस्तान था. इसे कोविड काल के दौरान ही विकसित किया गया है. जब पूरी दुनिया कोविड से जूझ रही थी. तब चीन अपने हथियारों की ताकत को बढ़ा रहा था. 

परमाणु हथियारों के मामले में चीन पांचवां सबसे ताकतवर देश है. उसके पास 350 परमाणु हथियार है. चीन के पास इस समय 50 से 75 ICBM मिसाइलें हैं. चार परमाणु मिसाइलों से लैस पनडुब्बियां हैं. जिन्हें बढ़ाकर 9 करने की तैयारी है. चीन के पास H-6 नाम बमवर्षक है. ये भी परमाणु हथियार लेजाने में सक्षम है.  

चीन के पास मौजूद सबसे ताकतवर परमाणु ICBM मिसाइल है DF-5. इसकी रेंज करीब 15,000 किलोमीटर है. यानी इसकी जद में अमेरिका के कई शहर आते हैं. चीन का थियेटर कमांड बहुत ज्यादा मजबूत है. उसकी तीनों सेनाएं तेजी से किसी भी दुश्मन पर एक साथ हमला कर सकती हैं. वह भी बेहत सामंजस्य के साथ. 

Advertisement

अत्याधुनिक बमवर्षक बना रहा चीन

चीन एक अत्याधुनिक बमवर्षक बना रहा है, जिसका नाम है जियान H-20 (Xian H-20). यह स्टेल्थ बमवर्षक है, जो लंबी दूरी पर जाकर हमला कर सकता है. एच-20 स्टेल्थ बॉम्बर (H-20 Stealth Bomber) की उड़ान रेंज 8500 किलोमीटर है. यानी यह पूरे भारत में कहीं भी जाकर बम गिरा सकता है. इसके अलावा ये अमेरिका के पश्चिमी इलाकों तक जाकर हमला कर सकता है. जैसे- गुआम और हवाई. 

एच-20 स्टेल्थ बॉम्बर (H-20 Stealth Bomber) में कम से कम 10 टन का पारंपरिक या परमाणु हथियार ले जाया जा सकता है. इसके अलावा जिस अन्य बमवर्षक के टेस्ट फ्लाइट की उम्मीद है, वो है जे-35 स्टेल्थ फाइटर जेट. ये सभी विमान 80 हजार टन क्लास के विमानवाहक पोत फुजियान पर तैनात किए जाएंगे. इन फाइटर जेट्स पर परमाणु बम भी लगाए जाएंगे और परमाणु मिसाइलों से लैस किया जाएगा. चीन ने पहले भी यह बात स्पष्ट तौर पर कही थी कि वो इन हथियारो को लेकर किसी भी तरह के अंतरराष्ट्रीय दबाव में नहीं आएगा. 

अंतरिक्ष में दुश्मन पर हमले की ताकत

न के वैज्ञानिकों का दावा है कि इस हथियार को सैटेलाइट के एग्जॉस्ट नॉजल में डाला जा सकता है. ये वहां जाकर एग्जॉस्ट नॉजल को ब्लॉक कर देगा, जिसकी वजह से सैटेलाइट खुद-ब-खुद कुछ देर में फट जाएगा. यह हथियार आसानी से खोजने पर मिलेगा भी नहीं.

Advertisement

चीन के वैज्ञानिकों का दावा है कि इस हथियार के उपयोग से दुनिया को ये लगेगा कि सैटेलाइट के इंजन में कोई गड़बड़ हो गई है. जिसकी वजह से सैटेलाइट में विस्फोट हो गया. लेकिन असल में यह चीन का हथियार होगा, जो यह कारस्तानी कर जाएगा. इस नॉजल का नाम है एंटी-सैटेलाइट रोबोटिक डिवाइस (Anti-Satellite Robotic Device) है.

रॉकेटों से ताबड़तोड़ हमले की ताकत

चीन की सबसे बड़ी ताकत है उसका रॉकेट फोर्स (Rocket Force). जिसे 56 साल पहले बनाया गया था. इस फोर्स में जमीन से मार करने वाली मिसाइलों को ही शामिल किया गया है. खास तौर से बैलिस्टिक और क्रूज मिसाइलें. जो पारंपरिक और परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम हैं. इस फोर्स में कम दूरी से लेकर लंबी दूरी तक की बैलिस्टिक मिसाइल तो हैं ही. अत्याधुनिक हाइपरसोनिक ग्लाइड व्हीकल डॉन्गफेंग-ZF (DF-ZF) हथियार भी है. 

रॉकेट फोर्स में अभी 50-75 ICBM यानी अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइलें हैं. हालांकि चीन के पास कुल 90 ICBM हैं. पेंटागन के अनुसार कम दूरी की 1200 SRBM पारंपरिक हथियारों से लैस हैं. दूसरी तरफ 200 से 300 मध्यम दूरी की MRBM की मिसाइलें रॉकेट फोर्स में हैं. इंटरमीडिएट-रेंज की कितनी मिसाइलें चीन के पास हैं, इसके आइडिया किसी भी देश को नहीं है. लेकिन इतना जरूर पता है कि 200 से 300 जमीन से लॉन्च की जाने वाली क्रूज मिसाइलें इस फोर्स का हिस्सा हैं. 

Advertisement

हाइपरसोनिक ग्लाइड व्हीकल जैसा खतरनाक वेपन

चीन अपने DF-ZF हाइपरसोनिक ग्लाइड व्हीकल भी है. इसकी गति 6173 से 12,360 किमी प्रतिघंटा के बीच है.  200 DF-26 IRBM हैं. DF-21, DF-21D एंटी-शिप बैलिस्टिक मिसाइल, DF-21C, DF-21A, DF-17 और DF-16 नाम की मीडियम रेंज बैलिस्टिक मिसाइलें हैं.   

परमाणु मिसाइल डीएफ-17 

चीन का DF-17 मिसाइल में कम ऊंचाई में उड़ने की क्षमता है. वैसे तो यह बैलिस्टिक मिसाइल है पर हाइपरसोनिक हथियार की तरह भी काम कर सकता है, क्योंकि उसका अगला हिस्सा ग्लाइडर की तरह बनाया गया है. उसके अगले हिस्से में विंग्स है, जो उसे कम ऊंचाई पर ग्लाइड करने की ताकत प्रदान करते हैं. यह 1800-2500 किलोमीटर की रेंज में आने वाले टारगेट को बर्बाद कर सकता है. इसकी लंबाई 36 फीट है. वैसे चीन ने इसकी गति का खुलासा नहीं किया है लेकिन यह 6000 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से उड़ सकता है. 

शॉर्ट रेंज की मिसाइलें... सीमा से हमले में आसानी

रॉकेट फोर्स से चीन अगर सबसे ज्यादा किसी मिसाइल का उपयोग कर सकता है तो वह है शॉर्ट रेंज बैलिस्टिक मिसाइलें (SRBM). चीन के पास DF-15C, DF-15B, DF-15A, DF-11A, M20, BP-12A, P-12 और B-611M जैसी SRBM मिसाइलें हैं. चीन के पास ऐसी 2000 से ज्यादा मिसाइलें हैं. लेकिन रॉकेट फोर्स के पास 1200 मिसाइलें हैं.    

Advertisement

चेंगदू-20 या जे-20 फाइटर जेट 

चीन का पहला पांचवीं पीढ़ी का फाइटर जेट. इसे जे-20 माइटी ड्रैगन भी बुलाते हैं. यह बेहद भारी और ताकतवर लड़ाकू विमान है. चीन ने इसे अमेरिकी एफ-22 और सू-57 से टक्कर लेने के लिए बनाया है. इसे एक ही पायलट उड़ाता है. लंबाई 69.7 फीट, विंगस्पैन 42.8 फीट और ऊंचाई 15.5 फीट है. बिना हथियार और ईंधन के इसका वजन 17 हजार KG है. अधिकतम गति 2450 KM/घंटा है. कॉम्बैट रेंज 2000 KM है. ऑपरेशनल रेंज 5500 KM है. अधिकतम 66 हजार फीट की ऊंचाई तक जा सकता है. इसमें छह तरीके की मिसाइलें अंदर की तरफ लगाई जा सकती हैं. चार हार्डप्वाइंट्स विंग्स पाइलॉन्स में हैं. 

सुखोई सू-35 एयरक्राफ्ट 

रूस में बनी सुखोई सू-30, सू-35, सू-37 और चीनी शेनयांग जे-16, ये सभी सू-27 के प्लेटफॉर्म पर बने हैं. ये 4.5 पीढ़ी का फाइटर जेट है. इसे 1 पायलट उड़ाता है. लंबाई 71.10 फीट, विंगस्पैन 50.2 फीट और ऊंचाई 19.4 फीट है. इसकी गति 2400 KM/घंटा है. इसकी रेंज 3600 KM है. जबकि कॉम्बैट रेंज 1600 KM है. यह अधिकतम 59 हजार फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है. इसमें 30 मिमी की ऑटोकैनन लगी है, जो 150 राउंड प्रति मिनट फायर करती है. इसमें 12 हार्डप्वाइंट्स होते हैं, जिसमें एयर-टू-एयर, एयर-टू-सरफेस, एंटी-शिप, एंटी-रेडिएशन मिसाइल लगाई जा सकती है. इसके अलावा 6 तरीके के गाइडेड बम लगाए जा सकते हैं. यानी दुश्मन की मौत पक्की. 

Advertisement

लियाओनिंग विमानवाहक युद्धपोत 

चीन की पीपुल्स लिबरेशन ऑर्मी नेवी का यह टाइप 001 एयरक्राफ्ट करियर दुनिया का चौथा सबसे बड़ा पोत है. पहले इसे कुजनेतसोव क्लास एयरक्राफ्ट के रूप में विकसित करने की योजना थी लेकिन बाद में इसे चीन ने अपने हिसाब से बनाया. यह 304.5 मीटर लंबा है. इसकी बीम 75 मीटर की है. इसका डिस्प्लेसमेंट 58 हजार टन है. यह अपने ऊपर 50 एयरक्राफ्ट और हेलिकॉप्टर्स लेकर समुद्र में चल सकता है. 

शैनडोंग विमानवाहक युद्धपोत 

चीन का दूसरा स्वदेशी एयरक्राफ्ट करियर जो STOBAR यानी शॉर्ट टेकऑफ बट अरेस्टेड रिकवरी सिस्टम पर काम करता है. यह बेहद अत्याधुनिक है. यह 305 मीटर लंबा है. इसकी बीम 75 मीटर की है. इसका डिस्प्लेसमेंट 70 हजार टन है. यह अधिकतम 44 लड़ाकू विमान अपने ऊपर लेकर चल सकता है. कहा जाता है कि इस विमानवाहक पोत वर्तमान दुनिया के सबसे घातक हथियार लगाए गए हैं. लेकिन चीन ने इसकी जानकारी साझा नहीं की है. 

शेनयांग जे-16 फाइटर जेट 

चीन का मल्टीरोल स्ट्राइक फाइटर जेट है. यह अत्याधुनिक चौथी पीढ़ी का विमान है. इसे दो पायलट मिलकर उड़ाते हैं. इसकी अधिकतम गति 2450.09 किलोमीटर प्रतिघंटा है. इसमें 30 मिमी का एक कैनन लगा है. इसके अलावा इसमें 12 हार्डप्वाइंट्स हैं, जिनमें हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल, एंटी-शिप मिसाइल, रॉकेट्स, गाइडेड बम, एंटी-रेडिएशन मिसाइल या इनका मिश्रण लगा सकते हैं. चीन के पास ऐसे 178 प्लेन हैं. 

शेनयांग जे-11 फाइटर जेट  

चीन का एयर सुपीरियरिटी फाइटर प्लेन. इसे सुखोई-27 के प्लेटफॉर्म पर बनाया गया है. चीन के पास ऐसे 440 प्लेन हैं. इससे एक पायलट उड़ाता है. इसकी अधिकतम गति 2500 किलोमीटर प्रतिघंटा है. कॉम्बैट रेंज 1500 किलोमीटर है. 62,600 फीट की अधिकतम ऊंचाई तक उड़ सकता है. इसमें 30 मिमी का कैनन लगा है. इसके अलावा 10 हार्डप्वाइंट्स हैं, जिनमें छह तरह की मिसाइलें, अनगाइडेड रॉकेट्स, या फ्री-फॉल क्लस्टर बम लगा सकते हैं. या फिर इनका मिश्रण लगाया जा सकता है. 

टाइप 63ए लाइट एंफिबियस टैंक 

चीन का ऐसा तोप जो नदी और झीलों को पार करके दुश्मन पर हमला करता है. ताइवान समुद्र के बीच में है इसलिए इस तोप को भी इस युद्धाभ्यास में शामिल किया गया है. इसमें चार लोग बैठते हैं. ड्राइवर, लोडर, कमांडर और गनर. इसमें 105 मिलिमीटर की गन लगी है. इसके अलावा 12.7 मिलिमीटर की एंटी-एयरक्राफ्ट मशीन गन और 7.62 मिलिमीटर की कोएक्सियल मशीन गन लगी है. जमीन पर अधिकतम गति 75 किमी प्रतिघंटा और पानी में 28 किमी प्रतिघंटा है. 

टाइप 075 एंफिबियस असॉल्ट शिप 

यह चीन का उभयचरी जंगी जहाज है. पिछले साल से 2 ऐसे जहाज चीन की नौसेना में तैनात हैं. 778 फीट लंबे इस जंगी पोत में हेलिकॉप्टर लैंडिंग की सुविधा है. इसपर 30 अटैक हेलिकॉप्टर तैनात हो सकते हैं. इस पर 30 मिमी की 2 ताकतवर तोप लगी हैं. जो खुद ही दुश्मन के विमान को देखते ही फायरिंग शुरू कर देती हैं. इसके अलावा 2 HQ-10 सरफेस टू एयर मिसाइल पोर्ट लगा है. आनी सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें. चीन ऐसे 8 जंगी जहाज बना रहा है. 

केजे-500 एयरबॉर्न अर्ली वॉर्निंग एयरक्राफ्ट 

यह चीन की तीसरी पीढ़ी का निगरानी और जासूसी विमान है. ये हवा में ऊंचाई पर उड़ते हुए चीन की तरफ आने वाली मुसीबतों की जानकारी देता है. चीन के पास ऐसे 17 विमान हैं. इससे ही कॉर्डिनेट करके चीन की वायुसेना, थल सेना और नौसेना किसी दुश्मन का सही आइडिया लगाती हैं. फिर उस पर हमला किया जाता है. इसकी अधिकतम गति 550 किलोमीटर प्रतिघंटा है.  अधिकतम रेंज 5700 किलोमीटर है. 12 घंटे की लगातार उड़ान भर सकता है. 470 किमी के दायरे में मौजूद फाइटर जेट्स की सूचना दे देता है. 

शांसी वाई-9 एयरक्राफ्ट 

चीन का मीडियम लेवल का परिवहन विमान. चीन के पास ऐसे 30 से ज्यादा विमान हैं. इसे उड़ाने के लिए चार लोग लगते हैं. यह एक बार 25 हजार किलोग्राम वजन या 106 पैराट्रूपर्स या 72 मेडवेक और 3 अटेंडेंट को ले जा सकता है. यह 118 फीट लंबा है. इसकी अधिकतम गति 660 किलोमीटर प्रतिघंटा, रेंज 2200 किलोमीटर है. अधिकतम 34,100 फीट की ऊंचाई तक उड़ सकता है. यह जब उड़ता है तो दुश्मन के विमानों, राडारों आदि को फेल कर देता है. इसलिए इसे ट्रेस करना मुश्किल होता है. 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement