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कितनी प्रैक्टिकल है ट्रंप की 'दीवार', जानें किनसे वसूल होगा पैसा?

ट्रंप ने ऐलान किया है कि मैक्सिको बॉर्डर पर दीवार की लागत वसूलने के लिए पड़ोसी देश मैक्सिको से होने वाले आयात पर 20 फीसदी टैक्स वसूला जाएगा. आइए डालते हैं इस बात पर नजर कि ट्रंप का ये फैसला कितना व्यवहारिक है और क्या अड़चनें आ सकती हैं इसके रास्ते में.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप
संदीप कुमार सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 27 जनवरी 2017,
  • अपडेटेड 10:11 AM IST

अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मैक्सिको बॉर्डर पर विशाल दीवार लगाने का फैसला किया है. साथ ही ये ऐलान भी किया है कि इसपर आई लागत मैक्सिको को देना होगा. मैक्सिको ने इसका विरोध किया है और वहां के राष्ट्रपति ने अपनी अमेरिका यात्रा भी रद्द कर दिया है. मैक्सिकों के राष्ट्पति ने कहा कि दो देशों के बीच इस तरह के दीवार का कोई मतलब नहीं है.

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गौरतलब है कि मैक्सिको से लोगों की अनियंत्रित आवाजाही और ड्रग्स वगैरह की तस्करी पर रोक के लिए लंबे समय से मांग हो रही थी. ट्रंप ने मैक्सिको बॉर्डर पर दीवार बनाने का चुनावों के दौरान वादा किया था. ट्रंप ने ऐलान किया है कि इस दीवार की लागत वसूलने के लिए पड़ोसी देश मैक्सिको से होने वाले आयात पर 20 फीसदी टैक्स वसूला जाएगा. आइए डालते हैं इस बात पर नजर कि ट्रंप का ये फैसला कितना व्यवहारिक है और क्या अड़चनें आ सकती हैं इसके रास्ते में.

तनाव के बीच मैक्सिको के राष्ट्रपति ने टाली यात्रा
मैक्सिको के राष्ट्रपति एनरिके पायना नीटो ने अमेरिका की अपनी पूर्व निर्धारित यात्रा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस ट्वीट के बाद रद्द कर दी जिसमें उन्होंने कहा था कि यदि मैक्सिको दोनों देशों की सीमा पर विशाल दीवार के निर्माण के लिए पैसे देना नहीं चाहता तो उन्हें वाशिंगटन की अपनी यात्रा रद्द कर देनी चाहिए.

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पायना नीटो ने ट्विटर पर कहा कि ‘हमने व्हाइट हाउस को सूचित कर दिया कि मैं अगले मंगलवार वाशिंगटन में ट्रंप के साथ निर्धारित बैठक में शामिल नहीं होउंगा.’ पायना नीटो के फैसले से कुछ ही घंटों पहले ट्रंप ने ट्वीट किया था, ‘अगर मैक्सिको इस बेहद जरूरी दीवार के निर्माण के लिए पैसे नहीं देना चाहता तो अच्छा होगा कि आगामी बैठक रद्द कर दी जाए.’ इससे पहले भी पायना नीटो ने सीमा पर दीवार के निर्माण के अमेरिका के फैसले की निंदा करते हुए दोहराया था कि मैक्सिको दीवार के निर्माण के लिए पैसे नहीं देगा जबकि ट्रम्प ऐसा कह रहे थे कि वह सुनिश्चित करेंगे कि मैक्सिको इसके लिए पैसे दे.

किसपर पड़ेगा टैक्स का बोझ
मैक्सिको की दीवार ट्रंप के चुनाव अभियान के दौरान एक बड़ा वादा था. अब सत्ता में आते हीं ट्रंप ने इसे लागू करने का आदेश भी दे दिया है. हालांकि, इसके लिए मैक्सिको से होने वाले आयात पर 20 फीसदी टैक्स वसूलने का ऐलान किया गया है. अब देखना होगा कि इसका खर्च आखिरकार किसपर आएगा. मैक्सिको से सामान निर्यात करने वालों पर या अमेरिका में उसे खरीदने वालों पर. क्योंकि किसी भी टैक्स का फाइनल बोझ खरीदार पर ही पड़ता है. यहां ट्रंप को अमेरिका में विरोध का सामना भी करना पड़ सकता है.

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अमेरिकी संसद में आए प्रस्ताव में कहा गया है कि अमेरिका में आयात से ज्यादा निर्यात करने वाले देशों पर 20 फीसदी आयात कर लगाया जाए. इससे अमेरिकी कंपनियों के लिए अपना सामान बेचने के मौके बढ़ेंगे. ट्रंप अमेरिका फर्स्ट का नारा लगातार देते रहे हैं. इसके तहत ट्रंप प्रशासन अमेरिका आने वाले सामान पर टैक्स लगा सकता है वहीं अमेरिकी कंपनियों को निर्यात में छूट मिल सकती है.

मैक्सिको पर क्या होगा असर?
भले ही ट्रंप प्रशासन ने ऐलान किया हो कि दीवार की लागत मैक्सिको से होने वाले आयात पर टैक्स लगाकर किया जाएगा लेकिन आखिरकार इसका बोझ अमेरिकी उपभोक्ताओं पर ही पड़ सकता है. मैक्सिको की कंपनी से इसे भले ही सरकार वसूल ले लेकिन आखिरकार कंपनी अमेरिकी उपभोक्ताओं पर इसका बोझ डालेगी.

दूसरा सवाल ये भी उठता है कि क्या मैक्सिको से होने वाले आयात पर टैक्स लगाकर दीवार का पूरा खर्च वसूला जा सकेगा. अनुमान के मुताबिक इस विशाल दीवार की परियोजना पर 15 बिलियन डॉलर तक का खर्च आ सकता है. मैक्सिको से होने वाले व्यापार पर टैक्स लगाकर इसे वसूलने में वक्त लग सकता है.

अमेरिकी व्यापार में मैक्सिको की स्थिति
अमेरिका का पड़ोसी देश मैक्सिको वहां सामान आयात करने के मामले में दूसरा सबसे बड़ा देश है. पहले स्थान पर चीन है. अमेरिका-मैक्सिको के बीच व्यापार में आई कोई भी बाधा बाकी देशों को भी प्रभावित करेगी.

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टैक्स छूट को लेकर अमेरिकी निर्यातक भले ही इसके पक्ष में फिलहाल दिख रहे हैं लेकिन एक्सपर्ट बताते हैं कि इससे आखिरकार अमेरिकी लोगों के लिए नौकरियों के अवसर घटेंगे ही.

कितना लीगल है ये फैसला?
पड़ोसी देश पर टैक्स का बोझ बढ़ाने के अमेरिका के फैसले को उत्तर अमेरिका मुक्त व्यापार समझौता-NAFTA और विश्व व्यापार संगठन-WTO में विरोध का सामना करना पड़ सकता है. ये संगठन मुक्त व्यापार के पक्ष में और संरक्षणवादी नीतियों के खिलाफ लगातार आवाज उठाते रहे हैं. मैक्सिको खुद को बचाने के लिए इन मंचों पर अपनी आवाज जरूर बुलंद करेगा. बाकी देशों के उत्पादों और सेवाओं के आयात पर भी अगर इसका असर पड़ता है तो विरोध और भी तेज होगा.

ये रास्ते भी अपना सकते हैं ट्रंप
-मैक्सिको से आने वाले सामान पर आयात के अलावा अमेरिका में काम करने वाले मैक्सिको के लोगों पर टैक्स बोझ बढ़ाया जा सकता है. चुनावी अभियान में ट्रंप लगातार इसपर जोर देते रहे हैं.
-अमेरिकी पैट्रियॉट टैक्स में बदलाव के जरिए मैक्सिको भेजे जाने वाले पैसे पर टैक्स बढ़ाया जा सकता है. अमेरिका में रहने और काम करने वाले मैक्सिकन लोग हर साल करीब 25 बिलियन डॉलर की राशि भेजते हैं. इसपर टैक्स बढ़ाकर वसूली की जा सकती है.
-ट्रंप कहते रहे हैं कि अगर मैक्सिको अमेरिका को 5 से 10 बिलियन डॉलर की राशि देने पर सहमत हो तो इसपर छूट दी जा सकती है.

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