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पंजशीर घाटी के आखिर कितना अंदर पहुंच गया है तालिबान?

अफगानिस्तान में तालिबान ने सरकार भले ही बना ली हो लेकिन पंजशीर घाटी को तालिबान अब तक अपने कब्जे में नहीं ले पाया है. हालांकि तालिबान ने दावा किया है कि पंजशीर घाटी भी अब उनके नियंत्रण में हैं लेकिन इस दावे को राष्ट्रीय प्रतिरोध मोर्चा (एनआरएफ) के समर्थकों ने खारिज कर दिया है. एनआरएफ समर्थकों का कहना है कि पंजशीर के लड़ाके अब भी इस प्रांत में रणनीतिक पदों पर बने हुए हैं.

अहमद मसूद अब भी तालिबान के लिए बने हैं चुनौती, (फोटो क्रेडिट: रॉयटर्स) अहमद मसूद अब भी तालिबान के लिए बने हैं चुनौती, (फोटो क्रेडिट: रॉयटर्स)
अंकित कुमार
  • नई दिल्ली ,
  • 09 सितंबर 2021,
  • अपडेटेड 3:55 PM IST
  • पंजशीर पर भी नियंत्रण का तालिबान कर रहा दावा
  • एनआरएफ के समर्थकों ने दावे को किया खारिज

अफगानिस्तान में तालिबान ने सरकार भले ही बना ली हो लेकिन पंजशीर घाटी को तालिबान अब तक अपने कब्जे में नहीं ले पाया है. हालांकि तालिबान ने दावा किया है कि पंजशीर घाटी भी अब उनके नियंत्रण में हैं लेकिन इस दावे को राष्ट्रीय प्रतिरोध मोर्चा (एनआरएफ) के समर्थकों ने खारिज कर दिया है. एनआरएफ समर्थकों का कहना है कि पंजशीर के लड़ाके अब भी इस प्रांत में रणनीतिक जगहों पर बने हुए हैं.

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चूंकि इस घाटी में आने वाले अंतरराष्ट्रीय पत्रकारों को तालिबान द्वारा घुसने से मना कर दिया है और इस क्षेत्र में फोन और इंटरनेट जैसी सभी संचार सेवाओं को पूरी तरह से काट दिया गया है, ऐसे में जमीनी स्थिति का आकलन करना बेहद मुश्किल हो गया है. हालांकि, तालिबान के समर्थक अकाउंट्स द्वारा पब्लिक डोमेन में पोस्ट की गई तस्वीरें और वीडियो पंजशीर घाटी के अंदर तालिबान की घुसपैठ की सीमा का स्तर दिखा रही हैं. 

अमेरिकी सेना के अफगानिस्तान से निकलने के एक दिन बाद ही तालिबान द्वारा समर्थित सोशल मीडिया अकाउंट्स पर एक वीडियो वायरल हो रहा था जिसमें तालिबान की सेना से जुड़े लोग पंजशीर के एक स्थान पर कब्जा करते देखे गए थे. बेलिंगकेट नाम के ओपन-सोर्स इंवेस्टिगेशन प्लेटफॉर्म पर डिजिटल इंवेस्टिगेटर के तौर पर काम कर रहे निक वॉटर्स पहले ऐसे शख्स थे जिन्होंने इस वीडियो की लोकेशन का पता लगाया था. इस वीडियो में नजर आईं टोपोग्राफिक फीचर्स के चलते निक ने कहा था कि ये जगह पंजशीर के ख्वाक दर्रे से मेल खाती है. 

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इसके अलावा 4 सितंबर को सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा था जिसमें तालिबान ने एक पहाड़ के दर्रे पर कंट्रोल किया हुआ था. ये वीडियो सलांग पास में शॉट किया गया था जो पंजशीर से लगभग 30 किलोमीटर दूर है.

वहीं, 6 सितंबर को भी तालिबान समर्थक अकाउंट्स द्वारा कई वीडियो जारी किए गए थे जिससे ये बात स्थापित की गई थी कि पंजशीर के अंदर तालिबान पहुंच चुका है. इन वीडियोज और उनकी भौगोलिक स्थिति के सहारे ये साबित करने की कोशिश की गई थी कि सिर्फ पंजशीर सेंटर ही नहीं बल्कि पंजशीर की प्रांतीय राजधानी बजार्क में भी तालिबान ने अपना दबदबा बना लिया है. 6 सितंबर को ही एक वीडियो में दिखाया गया है कि तालिबान पंजशीर में 37 किलोमीटर अंदर घुसने में कामयाब हो गया है. 


6 सितंबर के ही एक अन्य वीडियो में तालिबान का काफिला और सड़कों पर हथियारबंद लोग दिखाई दे रहे हैं. इस वीडियो की जियो लोकेशन के हिसाब से तालिबान पंजशीर के अंदर कम से कम 60 किलोमीटर अंदर पहुंच चुका है. इन सबूतों से साफ है कि तालिबान पंजशीर के अंदर मौजूद है लेकिन अब भी इस बात के कोई पुख्ता सबूत नहीं है जिससे तालिबान ये साबित कर सके कि उसने पंजशीर की पूरी घाटी पर कब्जा जमा लिया है. नॉर्दन एलायंस के समर्थकों का कहना है कि तालिबान और पंजशीर के लड़ाकों के बीच जंग जारी रहेगी और तालिबान का पूरी घाटी पर कब्जा जमाने का दावा बेबुनियाद है. 

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हालांकि पब्लिक डोमेन में मौजूद तस्वीरों और वीडियो के सहारे दोनों ही दावों की पुष्टि करना काफी मुश्किल है. तालिबान को पंजशीर की पूरी घाटी को कंट्रोल करने के लिए ज्यादा सैन्य बल की जरूरत होगी. नॉर्दन एलांयस का ये भी कहना है कि अहमद मसूद की मदद की मांग के बाद उन्हें कुछ जगहों से सपोर्ट मिल रहा है जिनमें तजाकिस्तान के संगठन भी शामिल हैं. 

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