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कैसी होगी अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार? दोहा में हाई लेवल बैठक में हो रहा तय

तालिबान अफगान में अगली सरकार को लेकर बातचीत कर रहा है. दोहा में चल रही इस बातचीत में इन मुद्दों पर चर्चा की जा रही है कि सरकार की संरचना कैसी होगी और कौन-कौन इसमें शामिल होगा.

अफगान पर तालिबान का कब्जा अफगान पर तालिबान का कब्जा
aajtak.in
  • काबुल,
  • 16 अगस्त 2021,
  • अपडेटेड 11:56 PM IST
  • अफगानिस्तान में सरकार बनाने की तालिबान की तैयारी
  • तालिबान के लड़ाकों ने रविवार को किया था काबुल पर कब्जा
  • दोहा में चल रही तालिबान नेताओं की बातचीत

तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा कर सरकार बनाने की तैयारी कर रहा है. हथियार के बल पर तालिबानी लड़ाकों ने बीते दिन राजधानी काबुल को भी अपने कब्जे में ले लिया. तालिबान अफगान में अगली सरकार को लेकर बातचीत कर रहा है. दोहा में चल रही इस बातचीत में इन मुद्दों पर चर्चा की जा रही है कि सरकार की संरचना कैसी होगी और कौन-कौन इसमें शामिल होगा. माना जा रहा है कि जल्द ही इस पर चर्चा पूरी हो जाएगी और सरकार के स्ट्रक्चर से संबंधित फैसला भी हो जाएगा.

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अफगानिस्तान के मीडिया हाउस टोलो न्यूज को तालिबान के उच्च स्तर के अधिकारी ने बताया कि उनका नेतृत्व दोहा में बातचीत (सरकार संबंधी) में व्यस्त है. साथ ही अंतरराष्ट्रीय समुदाय और अफगानिस्तान के भीतर के राजनीतिक दलों के संपर्क में भी है. तालिबान के पॉलिटिकल डिप्टी लीडर मुल्ला अब्दुल गनी बरादर ने कहा कि वर्तमान समय तालिबान के लिए एक परीक्षा है. बरादर ने कहा, ''इस समय हम एक परीक्षा का सामना कर रहे हैं, क्योंकि अब हम लोगों की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार हैं.''

उधर, सोमवार को तालिबान ने मीडिया हाउस टोलो न्यूज के कंपाउंड में भी घुसपैठ की. तालिबानी लड़ाकों ने कंपाउंड के सिक्योरिटी स्टाफ के हथियारों को चेक करते हुए छीन लिए. ये हथियार अफगानिस्तान की सरकार ने सुरक्षाकर्मियों को दिए थे. वहीं, टोलो न्यूज ने दावा किया है कि उनके स्टाफ से किसी भी तरह की कोई बद्तमीजी नहीं की गई और तालिबान ने कंपाउंड को सुरक्षित रखने का भी भरोसा दिलाया. 

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हिज्ब-ए-इस्लामी नेता गुलबुद्दीन हिकमतयार ने कहा कि अशरफ गनी की विफलताओं ने देश में मौजूदा स्थिति को जन्म दिया है. वहीं, एक प्री-रिकॉर्डेड मैसेज में हेकमतयार ने कहा कि भ्रष्ट सरकार ने हिंसा खत्म करने और अफगानिस्तान के संकट को शांतिपूर्वक समाप्त करने के लिए कोई तैयारी नहीं दिखाई. अफगानिस्तान की नेशनल सॉलिडैरिटी पार्टी के प्रमुख एक अफगान नेता सैयद इशाक गिलानी ने कहा कि अफगानिस्तान में एक ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए, जिसमें पिछले दो दशकों की उपलब्धियों को संरक्षित रखा जाए.

'हालात सामान्य करने की कोशिशें जारीं'
उधर, दोहा में अब्दुल्ला अब्दुल्ला और करजई ने बयान जारी किया. बयान में अफगान के लोगों को संबोधित करते हुए कहा गया कि आज एक बार फिर हमें आपको संबोधित करते हुए बहुत खुशी हो रही है. हेकमतयार और मैंने स्थिति को सामान्य करने के लिए अपने प्रयास जारी रखे हैं. इंशाअल्लाह हमारी कोशिशों का नतीजा जरूर होगा. हम इस्लामिक तालिबान आंदोलन के नेताओं के संपर्क में हैं. हमने उनके साथ सकारात्मक चर्चा की, हमने आवश्यक मामलों पर बात की है.

कैसा रहा तालिबान का पहला दिन?
रविवार को काबुल पर तालिबान ने कब्जा किया था, जिसके बाद सोमवार को पहला दिन था. टोलो न्यूज के अनुसार, एक दिन के भीतर ही अफगान में काफी बदलाव आ गया. ज्यादातर दुकानें, बिजनेस, सरकारी कार्यालय आदि बंद रहे. यातायात पर भी असर देखने को मिला. वहीं, महिलाओं की सार्वजनिक रूप से उपस्थिति में कमी देखी गई. टोलो न्यूज से बात करते हुए कई निवासियों ने बताया कि सरकारी इंस्टीट्यूशंस को जल्द से जल्द खोला जाना चाहिए, ताकि लोग अपने कार्यों पर जा सकें. कुछ लोगों ने शहर में अवैध हथियारबंद समूहों की मौजूदगी पर भी चिंता जताई. कुछ लोगों ने कहा कि आने वाले समय में वे कम से कम घर से बाहर निकलेंगे.

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