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Russia-Ukraine war: ICJ का आदेश- यूक्रेन पर तुरंत हमला रोके रूस, पुतिन समर्थक देशों से सैन्य दखल न देने की अपील

Russia-Ukraine war 21th day: रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध को लेकर अंतरराष्ट्रीय अदालत ने अपना फैसला सुना दिया है. अदालत ने रूस को आदेश दिया है कि वह यूक्रेन पर हमला बंद करे.

aajtak.in
  • कीव,
  • 16 मार्च 2022,
  • अपडेटेड 9:33 PM IST
  • रूस समर्थित देश सैन्य समर्थन न देंः ICJ
  • कोर्ट का फैसला सभी पर बाध्यकारी हैः ICJ

रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) ने बड़ा फैसला सुनाया है. आईसीजे ने रूस को यूक्रेन में तुरंत युद्ध को रोकने का आदेश दिया है. बुधवार को सुनवाई करते हुए कोर्ट ने रूस समर्थित देशों से इस मामले में दूरी बनाए रखने के लिए कहा. आईसीजे ने कहा कि जो फैसला कोर्ट का होगा वो सभी पक्षों के लिए बाध्य माना जाएगा. 

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इस दौरान आईसीजे ने रूस के सामने यूक्रेन के सैनिकों द्वारा हथियार न डालने की तारीफ की. कोर्ट ने कहा कि रूसी आक्रमण पर यूक्रेन के लोग, सैनिक और राष्ट्रपति जेलेंस्की का बराबर से मुकाबला करना तारीफ के काबिल है. इस दौरान कोर्ट ने रूस समर्थित देशों को सैन्य समर्थन न देने की अपील की.

आईसीजे के फैसले से खुश हैं जेलेंस्की
आईसीजे के इस फैसले पर यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने खुशी जाहिर की है. जेलेंस्की ने कहा, 'यूक्रेन ने अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में रूस के खिलाफ अपने मामले में जीत हासिल की है. ICJ ने हमले को तुरंत रोकने का आदेश दिया है. यह आदेश अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत बाध्यकारी है. रूस को तुरंत अनुपालन करना चाहिए. आदेश की अवहेलना रूस को और भी अलग-थलग कर देगी.'

7 मार्च को रूस ने किया था सुनवाई का बहिष्कार
इससे पहले 7 मार्च को हुई सुनवाई का रूस ने बहिष्कार किया था. यूक्रेन ने अंतरराष्ट्रीय न्यायालय से अपील की थी वह रूस को सैन्य अभियान बंद करने का आदेश दे. यूक्रेन का कहना है कि रूस का आक्रमण संयुक्त राष्ट्र नरसंहार संधि की दोषपूर्ण व्याख्या के दायरे में आता है.

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21 दिनों से देशों देशों के बीच जारी है जंग
यूक्रेन और रूस के बीच 24 फरवरी से शुरू हुए इस युद्ध का आज 21वां दिन है. जंग को खत्म करने को लेकर दोनों देशों के बीच अबतक चार दौर की बातचीत हो चुकी है लेकिन इसका अभी तक कोई सकारात्मक परिणाम नहीं मिला है. इस युदध में अबतक सैकड़ों आम नागरिक और हजारों सैनिक मारे जा चुके हैं. जबकि लाखों लोग अब तक देश छोड़कर जा चुके हैं.

 

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