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दोस्त ही बन गए दुश्मन! इमरान खान की गिरफ्तारी के पीछे कौन... सरकार या सेना?

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद वहां जबर्दस्त हिंसा हो रही है. पाकिस्तान के कई बड़े शहरों में बड़ी तादाद में इमरान खान के समर्थक सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान
हमजा आमिर
  • इस्लामाबाद,
  • 10 मई 2023,
  • अपडेटेड 7:39 AM IST

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के प्रमुख इमरान खान को अल कादिर ट्रस्ट मामले में मंगलवार को गिरफ्तार किया गया. उन्हें नेशनल अकाउंटेबिलिटी ब्यूरो (एनएबी) और पाक रेंजर्स ने इस्लामाबाद हाई कोर्ट के बाहर से गिरफ्तार किया, जिसके बाद से देशभर में जमकर बवाल हो रहा है.

पाकिस्तान के कई बड़े शहरों में बड़ी तादाद में इमरान खान के समर्थक सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इमरान की गिरफ्तारी से सरकार के खिलाफ गुस्सा जाहिर होना चाहिए था. लेकिन पीटीआई समर्थकों ने ठीक इसके उलट सेना को निशाना बनाना शुरू कर दिया. प्रदर्शनकारियों ने सैन्य प्रतिष्ठानों, उनके कार्यालयों और घरों पर हमले करने शुरू कर दिए.

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जैसे-जैसे दिन बीतता गया, वैसे-वैसे प्रदर्शन और हिंसक होते चला गया. गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के वाहनों में तोड़फोड़ की. लाहौर में सेना से जुड़े एक अधिकारी के आवास पर हमला कर आग लगा दी गई. सेना से जुड़े कई वाहनों को क्षतिग्रस्त किया गया.

जैसे ही एनएबी के अधिकारियों ने अल कादिर ट्रस्ट जमीन घोटाले में इमरान खान को गिरफ्तार किया, वैसे ही राजधानी इस्लामाबाद, लाहौर, कराची, पेशावर और कई अन्य बड़े शहरों में हजारों की तादाद में पीटीआई समर्थक सड़कों पर निकल आए. इन्होंने मेन हाईवे, एक्सप्रेस-वे और प्रमुख सड़कों को ब्लॉक करना शुरू कर दिया. पीटीआई के ये समर्थक बड़े गर्व से इमरान खान को देश की एकमात्र उम्मीद बताने लगे. 

'इमरान खान देश का भविष्य'

इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद पाकिस्तान में हो रहे प्रदर्शनों में शामिल एक महिला प्रदर्शनकारी कहती हैं कि इमरान हमारे लिए उम्मीद की एकमात्र किरण हैं. वह हमारे देश का भविष्य हैं. इमरान खान को चुप कराने के लिए उन्हें गिरफ्तार किया गया है. लेकिन हम ऐसा नहीं होने देंगे.

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बता दें कि देश के अलग-अलग शहरों में हो रहे इन प्रदर्शनों में सत्तारूढ़ सरकार के खिलाफ नहीं बल्कि सेना के खिलाफ नारेबाजी की जा रही है. पीटीआई के एक समर्थक कहते हैं कि इमरान खान की गिरफ्तारी के पीछे 'वर्दीवाले' हैं. इसके पीछे सेना का हाथ है.

पीटीाई समर्थक सेना से इस कदर नाराज हैं कि वे राजधानी इस्लामाबाद और संसद पर विरोध करने के बजाए रावलपिंडी में सेना के हेडक्वार्टर, सैन्य प्रतिष्ठानों और लाहौर में कॉर्प्स कमांडर्स के आवास पर प्रदर्शन कर रहे हैं. 

प्रदर्शनकारियों ने रावलपिंडी में जनरल हेडक्वार्टर जाने वाली सड़कों को पूरी तरह से ब्लॉक कर दिया. हेडक्वार्टर के मेन गेट पर पथराव किया गया और जमकर उत्पात हुआ. इन घटनाक्रमों से संकेत मिलते हैं कि पीटीआई समर्थकों के निशाने पर सरकार नहीं बल्कि सेना है, जिस पर इमरान खान को सत्ता से बेदखल करने का आरोप है. 

इस मामले में जब इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने इमरान खान की गिरफ्तारी पर संज्ञान लिया. पीटीआई पार्टी के नेताओं और समर्थकों को उम्मीद थी कि हाईकोर्ट इमरान खान की तुरंत रिहाई का आदेश देगा. लेकिन उन्हें उस समय निराशा हाथ लगी, जब कोर्ट ने इमरान की गिरफ्तारी को वैध बता दिया. 

सीनियर पॉलिटिकल एनालिस्ट रिजवान रिजवी का कहना है कि यह इमरान खान और उनके पूर्व दोस्तों के बीच की लड़ाई है, जो अब एक दूसरे के कट्टर दुश्मन हो गए हैं. यहां इमरान खान के पूर्व दोस्तों से मतलब सेना से है.

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रिजवी ने कहा कि अल कादिर ट्रस्ट मामले में इमरान खान की गिरफ्तारी हुई. लेकिन पीटीआई समर्थकों ने सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाना चुना और सेना को इमरान की गिरफ्तारी का जिम्मेदार ठहराया. बता दें कि इमरान खान लंबे समय से खुफिया एजेंसियों और सैन्य अधिकारियों पर हत्या के प्रयास जैसे गंभीर आरोप लगाते रहे हैं.

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