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'अजान के टाइम म्यूजिक... फैसला किया इसे छोड़ना नहीं', इमरान पर गोली चलाने वाले शख्स ने बताई कहानी

पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान पर गोली चलाने वाले शख्स ने हमले की जो वजह बताई है वो हैरान करने वाली है. इसने कहा है कि जब अजान हो रहा था तब ये लोग म्यूजिक सिस्टम पर शोर कर रहे थे. इसे मेरे जमीर ने अच्छा नहीं माना और फिर मैंने सोच लिया.

इमरान खान पर हमला करने वाला फैजल भट्ट इमरान खान पर हमला करने वाला फैजल भट्ट
aajtak.in
  • इस्लामाबाद,
  • 04 नवंबर 2022,
  • अपडेटेड 9:57 AM IST

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान पर हमला करने वाले शख्स का कबूलनामा वीडियो वायरल हो रहा है. इस शख्स का नाम फैजल भट्ट है. देखने में फैजल भट्ट आम शहरी जैसा लगता है. 

इसका कहना है कि उसने इमरान खान पर ये हमला इसलिए किया क्योंकि पीटीआई आजादी मार्च के दौरान तेज आवाज में गाने बजाए जा रहे थे और इससे अजान में खलल पड़ रहा था.

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बता दें कि गुरुवार यानी कि 3 नवंबर को पाकिस्तान के गुजरांवाला के अल्लाहवाला चौक पर पीटीआई के चेयरमैन इमरान खान पर हमला हुआ था. ये हमला तब हुआ जब इमरान का आजादी मार्च का कारवां इस्लामाबाद की ओर बढ़ रहा था. तभी इमरान खान पर फैजल भट्ट ने गोली चलाई. हालांकि वहां मौजूद एक शख्स ने इसे पकड़ लिया. 

इमरान के पैर में लगी गोली

हालांकि तब तक ये शख्स फायर कर चुका था. पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार इस हमले में इमरान को पैर में गोली लगी. इसके बाद उनके सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें अपनी सुरक्षा में ले लिया. 

अजान के दौरान म्यूजिक...मेरे जमीर को गंवारा नहीं लगा

इमरान पर हमला करने वाले शख्स ने अपने कबूलनामा में जो कहा है वो काफी अजीब है. उसने कहा है कि उधर अजान हो रही थी, इधर ये लोग डैक (ऑडियो सिस्टम) लगाकर शोर कर रहे थे इस चीज को मेरे जमीर ने अच्छा नहीं माना.  फिर फैसला कर लिया कि मुझे अब इसे छोड़ना नहीं है. 

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इसके अलावा फैजल भट्ट ने यह भी कहा कि इमरान खान लोगों को गुमराह कर रहा था और मुझसे ये चीज देखी नहीं गई. और मैंने इसको मारने की कोशिश की.  

फैजल भट्ट का पूरा कबूलनामा इस तरह का है. "ये सर मैंने ऐसा इसलिए किया क्योंकि ये लोगों को गुमराह कर रहा था इमरान खान...और मुझसे ये चीज देखी नहीं गई. और मैंने इसको मार दिया...मारने की कोशिश की...पूरी मारने की कोशिश की कि मैं इसके मार दूंगा, सिर्फ और सिर्फ इमरान खान को..."

जब हमलावर से पूछा गया कि ये तुमने क्यों सोचा तो उसने कहा, "ये मैंने सोचा...इधर अजान हो रही है उधर डैक (म्यूजिक सिस्टम) लगाकर शोर कर रहे हैं...इस चीज को सोचकर मेरे जमीर ने अच्छा नहीं माना...अचानक फैसला किया...दिन से...सुबह से. जिस दिन से ये लाहौर से चला है उस दिन से सोची है...कि मैंने इसे छोड़ना नहीं है. मेरे पीछे कोई नहीं है, मैं अकेला ही इसमें शामिल हूं. मैं घर से अकेला ही अपनी बाइक पर आया था. बाइक मैंने अपने मामू की दुकान पर खड़ी कर दी थी. मेरे मामू की मोटरसाइकल की दुकान है."

हालांकि फैजल का ये बयान पाकिस्तान की कोर्ट में कहां तक ठहरता है ये बताना अभी बहुत मुश्किल है. 

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लेकिन अगर इस व्यक्ति ने सिर्फ इस बात को लेकर इमरान पर हमला किया है क्योंकि उसकी रैली के शोर से अजान में खलल हो रही थी तो इससे पता चलता है कि पाकिस्तान में मजहबी कट्टरपंथ किस लेवल तक पहुंच चुका है. दूसरा अहम मसला है भी है कि हो सकता है ये बयान सुनियोजित हो और असली हमलावर को बचाने और इस मामले की जांच का रूख मोड़ने के लिए हमलावर से ये बयान दिलवाया गया हो. ताकि इस हमले के असली गुनहगार सामने न आ सके. 

तोषखाना मामले में दोषी साबित हो चुके हैं इमरान

बता दें कि पिछले दिनों पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने इमरान खान के खिलाफ एक बड़ा फैसला सुनाया था. इस फैसले में उन्हें विदेशी यात्राओं के दौरान मिले तोहफों को नियमों के खिलाफ बेचने और इससे फायदा कमाया था. 

इस फैसले के बाद पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने कहा था कि अब इमरान खान की संसद की सदस्यता भी रद्द हो जाएगी. और वो अगले पांच साल तक कोई चुनाव भी नहीं लड़ पाएंगे. इमरान ने इस फैसले को राजनीति से प्रेरित करार दिया था और ऐलान किया था कि मुल्क में जल्द आम चुनाव की मांग को लेकर वे जनता के बीच जाएंगे और आजादी मार्च निकालेंगे. 

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इमरान ने इस मार्च की शुरुआत 28 अक्टूबर को लाहौर से की थी. गुरुवार को इस मार्च का छठा दिन था, जिसमें इमरान ख़ान पंजाब प्रांत के वजीराबाद से गुजरने वाले थे. तभी उनपर हमला हुआ.  


 

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