
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान पर गुरुवार को वजीराबाद में एक रैली के दौरान जानलेवा हमला हुआ. उस कार्यक्रम में एक आरोपी द्वारा फायरिंग की गई जिसमें इमरान खान घायल हो गए. उनके अलावा 9 और लोग जख्मी हुए हैं. इस मामले में पुलिस ने आरोपी युवक को गिरफ्तार कर लिया है जिसने अपना कबूलनामा भी दे दिया. लेकिन पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ ने इस पूरे मामले को एक साजिश बता दिया है. उनकी तरफ से तीन लोगों पर बड़ा आरोप लगाया गया है. कहा गया है कि उन तीन लोगों ने ही पूर्व पीएम के खिलाफ ये साजिश रची.
किन पर लगा साजिश रचने का आरोप?
अब इमरान खान की पार्टी ने पीएम शहबाज शरीफ, राणा सनाउल्लाह और मेजर जनरल फैसल को इस हमले के लिए जिम्मेदार बताया है. मियां असलम इकबाल और अन्य पार्टी नेताओं ने जोर देकर कहा है कि इमरान खान के खिलाफ ये जानलेवा साजिश इन लोगों द्वारा की गई है. अभी के लिए पीएम शहबाज शरीफ या मेजर जनरल फैसल की तरफ से इन आरोपों पर कोई जवाब नहीं दिया गया है. लेकिन स्थिति को समझते हुए अभी किसी भी तरह की बयानबाजी से बचा जा रहा है. पीएम शहबाज शरीफ ने इमरान खान पर हुए हमले की कड़े शब्दों में निंदा की है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा है कि मैं इमरान खान पर हुई फायरिंग की निंदा करता हूं. इस मामले में तुरंत रिपोर्ट मांगी गई है. उम्मीद करता हूं कि इमरान ओर बाकी जख्मी लोग जल्द स्वस्थ्य हो जाएंगे. हम पंजाब सरकार का इस समय पूरा सपोर्ट करने वाले हैं, जांच में हर संभव मदद दी जाएगी. राष्ट्रीय राजनीति में हिंसा की कोई जगह नहीं हो सकती है.
हमले की टाइमिंग पर क्यों सवाल?
वैसे इमरान खान पर जो ये जानलेवा हमला हुआ है, उसकी टाइमिंग को लेकर पार्टी सवाल खड़ा कर रही है. असल में इस समय इमरान खान पूरे पाकिस्तान में आजादी मार्च निकाल रहे हैं. उन्होंने 28 अक्टूबर को आजादी मार्च शुरू किया था जो अभी कई और दिनों तक चलने वाला है. लेकिन गुरुवार को हुए कार्यक्रम में इमरान खान पर जानलेवा हमला कर दिया गया. इस समय इमरान तोशखाना मामले में बुरी तरह फंसे हुए हैं. उन्हें दोषी भी मान लिया गया है और उनकी संसद की सदस्यता भी रद्द हो चुकी है. ऐसे में राजनीतिक के लिहाज से ये उनके लिए एक बड़ा सियासी झटका है. इसी वजह से इमरान खान ने सड़क पर उतरने का फैसला किया था और शहबाज शरीफ की सरकार को उखाड़ फेंकने की कसम खाई थी.
आरोपी ने क्या कहा?
लेकिन उस विरोध प्रदर्शन के दौरान ही ये फायरिंग वाली घटना हुई है. जिस आरोपी ने ये फायरिंग की है, उसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. अपने कबूलनामे में आरोपी ने इस बात को स्वीकार कर लिया है कि उसी ने इमरान खान पर गोली चलाई थी. उसका कहना है कि इमरान खान और उनकी पार्टी के द्वारा अजान के समय डेकर बजाया जा रहा था, उससे काफी शोर हो रहा था. उसके अलावा आरोपी शख्स को इस बात पर भी नाराजगी थी कि इमरान जनता को गुमराह करने का काम कर रहे हैं. बस इसी वजह से उस युवक ने एक ऑटोमैटिक राइफल से ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी जिसमें इमरान खान को तो पैर में गोली लगी, वहीं बाकी 9 लोग भी जख्मी हुए. एक शख्स की तो इस हमले में मौत भी हो गई.
राहत की बात ये है कि इस हमले में इमरान खान गंभीर रूप से घायल नहीं हुए हैं. उनके पैर में गोली जरूर लगी है, लेकिन डॉक्टरों के मुताबिक उनकी स्थिति स्थिर है. उनका सफल ऑपरेशन भी कर दिया गया है, उनकी टिबिया बोन में गोली लगी थी, जिसे अब निकाल दिया गया है. हमले के बाद भी इमरान ने खुद ट्वीट कर कहा था कि वे ठीक हैं. उन्होंने ट्वीट कर लिखा था कि अल्लाह ने मुझे ये दूसरी जिंदगी दी है. इंशाल्लाह मैं फिर वापसी करूंगा, लड़ाई जारी रखूंगा.
इमरान को किसने बचाया?
वैसे इमरान खान की जान इसलिए भी बच पाई है क्योंकि समय रहते उनके एक समर्थक ने अपनी सूझबूझ दिखाई जिस वजह से आरोपी का निशाना चूक गया. दरअसल, जब हमलावर फायरिंग कर रहा था तो उसी शख्स ने पीछे से उसकी बंदूक को पकड़कर नीचे कर दिया, जिस वजह से उसका निशाना चूका और उसे तुरंत वहां से भागना पड़ा. बड़ी बात ये है कि वो समर्थक बाद में भी उस आरोपी युवक के पीछे दौड़ा था. उसी वजह से पुलिस ने भी उसे समय रहते गिरफ्तार कर लिया.
तोशखाना मामले की ABCD
अब जिस मामले की वजह से इमरान खान को ये आजादी मार्च निकालना पड़ा था, वो समझना भी जरूरी हो जाता है. असल में पाकिस्तान चुनाव आयोग ने तोशखाना मामले में देश के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की संसद सदस्यता रद्द कर दी. खान पर आरोप है कि उन्होंने प्रधानमंत्री रहते हुए जो तोहफे लिए थे, उसके बारे में गलत जानकारी दी. असल में इमरान खान 2018 में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बने थे. उन्हें अरब देशों की यात्राओं के दौरान वहां के शासकों से महंगे गिफ्ट मिले थे. उन्हें कई यूरोपीय देशों के राष्ट्रप्रमुखों से भी बेशकीमती गिफ्ट मिले थे, जिन्हें इमरान ने तोशाखाना में जमा करा दिया था. लेकिन इमरान खान ने बाद में तोशाखाना से इन्हें सस्ते दामों पर खरीदा और बड़े मुनाफे में बेच दिया. इस पूरी प्रक्रिया को उनकी सरकार ने बकायदा कानूनी अनुमति दी थी. आरोप लगा कि इमरान को कुल 5.8 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था. इसी मामले में इमरान की सदस्यता रद्द करने का फैसला हुआ.