
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने रविवार को कहा है कि पाकिस्तान पश्चिमी देशों का गुलाम नहीं है जो उनका कहना माने. पिछले हफ्ते पाकिस्तान स्थित पश्चिमी देशों के दूतावासों ने यूक्रेन पर रूसी हमले की निंदा करने के लिए पाकिस्तान से आग्रह किया था. इसके बाद इमरान खान ने भारत का जिक्र करते हुए कड़े शब्दों में उनके आग्रह का जवाब दिया है. इमरान खान ने कहा कि जब भारत ने अंतर्राष्ट्रीय कानून का उल्लंघन करते हुए कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा समाप्त किया, तब किसी पश्चिमी देश ने भारत से अपना संबंध क्यों नहीं तोड़ा.
पाकिस्तान स्थित यूरोपीय संघ के सदस्य देशों सहित 22 राजनयिक मिशनों के प्रमुखों ने एक मार्च को संयुक्त रूप से पाकिस्तान को एक पत्र लिखा था. पत्र में पाकिस्तान से यूक्रेन में रूस हमले की निंदा करने वाले संयुक्त राष्ट्र महासभा के एक प्रस्ताव का समर्थन करने का आग्रह किया गया था. पत्र को सार्वजनिक रूप से भी जारी कर दिया गया था जो कि आमतौर पर नहीं किया जाता है.
इससे नाराज इमरान खान ने एक राजनीतिक रैली के दौरान कहा कि हम पश्चिमी देशों के गुलाम नहीं हैं. उन्होंने कहा, 'मैं यूरोपीय संघ के राजदूतों से पूछना चाहता हूं. क्या आपने भारत को ऐसा पत्र लिखा था?'
कश्मीर का जिक्र करते हुए उन्होंने आगे कहा, 'जब कश्मीर में हिंदुस्तान ने अंतर्राष्ट्रीय कानून तोड़ा... संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के नियमों के विरुद्ध जाकर जो कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा खत्म किया, क्या आप में से किसी ने हिंदुस्तान से कोई रिश्ता तोड़ा? उस पर कोई प्रतिबंध लगाया? तो हम आपके सामने क्या हैं? हम कोई गुलाम हैं कि जो आप कहेंगे हम कर लें?'
उन्होंने रैली के दौरान अफगानिस्तान का भी जिक्र किया और कहा कि अफगानिस्तान में पाकिस्तान ने पश्चिम के सैन्य गठबंधन नेटो का समर्थन किया लेकिन नेटो देशों ने पाकिस्तान के प्रति कृतज्ञता जताने के बजाए पाकिस्तान की आलोचना की.
पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में हुई वोटिंग से खुद को अलग रखा था. पाकिस्तान की तरह भारत, चीन जैसे देश भी वोटिंग में शामिल नहीं हुए थे.
हमले के पहले दिन ही रूसी राष्ट्रपति से मिले थे इमरान
इमरान खान ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से उस दिन मुलाकात की थी जिस दिन रूस का यूक्रेन पर हमला शुरू हुआ था. हमले के बीच दोनों नेताओं की मुलाकात ने काफी सुर्खियां बटोरी थी. कई लोगों ने इमरान खान की पुतिन से मुलाकात की टाइमिंग की आलोचना भी की थी. लेकिन पाकिस्तान की तरफ से स्पष्ट किया गया कि इमरान खान की यात्रा द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा को लेकर थी और पाकिस्तान किसी खेमे में नहीं है.
रैली के दौरान भी इमरान खान ने कहा कि पाकिस्तान चाहता है कि जल्द से जल्द तनाव खत्म हो. उन्होंने कहा, 'हम रूस के दोस्त हैं, और हम अमेरिका के भी दोस्त हैं. हम चीन और यूरोप के भी दोस्त हैं... हम किसी भी खेमे में नहीं हैं.'
उन्होंने कहा कि रूस-यूक्रेन के मुद्दे पर पाकिस्तान तटस्थ रहेगा और उन लोगों के साथ मिलकर काम करेगा जो यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने की कोशिश कर रहे हैं.
शुक्रवार को पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने भी पश्चिमी देशों के राजनयिकों द्वारा पाकिस्तान को पत्र लिखने और उसे सार्वजनिक करने को लेकर नाराजगी जताई थी. उन्होंने पत्र को सार्वजनिक किए जाने को लेकर कहा था कि ये काम कोई राजनयिक नहीं करता है.