
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने 9 मई 2023 से अपने खिलाफ दर्ज मामलों के संबंध में लाहौर हाई कोर्ट में याचिका दायर की है. इमरान खान ने याचिका में कहा है कि उनके खिलाफ सभी मामले राजनीति से प्रेरित हैं. इस याचिका में इमरान खान ने अपने खिलाफ 9 मई और उसके बाद दर्ज सभी मामलों की जानकारी मांगी है. इस याचिका में आईजी पंजाब और अटॉर्नी जनरल पंजाब को मामले में प्रतिवादी बनाया गया है.
बता दें कि पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान इस्लामाबाद हाई कोर्ट से जमानत मिलने के 8 घंटे बाद आज सुबह ही अपने लाहौर स्थित घर पहुंचे. लाहौर पहुंचने पर बड़ी संख्या में यहां इमरान के समर्थकों ने उनका स्वागत किया. इससे पहले हाई कोर्ट के बाहर भी फायरिंग होती रही, जिसके कारण उन्हें परिसर के अंदर ही सुरक्षित रखा गया.
इमरान के समर्थकों ने मनाया जश्न
इमरान के बाहर आने के बाद समर्थकों ने सड़क पर जुलूस निकालकर जश्न मनाया. लाहौर जाने के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री ने खुलासा किया कि इस्लामाबाद पुलिस के महानिरीक्षक ने उन्हें लाहौर जाने से रोकने के लिए कई प्रयास किए और उन्हें तीन घंटे तक इंतजार करवाया गया.
इमरान ने दी थी '15 मिनट' वाली धमकी
HC से जमानत मिलने के बाद भी इमरान खान कई घंटों तक हाईकोर्ट के परिसर में रहे और पुलिस द्वारा संभावित पुन: गिरफ्तारी से बचने के लिए कोर्ट के लिखित आदेश की प्रतीक्षा की. हालांकि, एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि उच्च अधिकारियों ने उन्हें हाई कोर्ट परिसर छोड़ने की अनुमति नहीं दी थी. इसके बाद इमरान बौखला गए और उन्होंने धमकी दी कि अगर 15 मिनट के भीतर इस्लामाबाद के रूट नहीं खोले गए तो वह बड़ा कदम उठाएंगे. वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने हस्तक्षेप किया और गतिरोध को सुलझाया और अंततः इमरान खान को अदालत परिसर छोड़ने की अनुमति मिली.
लंबे इंतजार के बाद मिली जमानत
गौरतलब है कि बीते दिन यानी शुक्रवार सुबह इमरान खान इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (IHC) के परिसर में उपस्थित हुए,जहां लंबी सुनवाई के बाद उन्हें सभी मामलों जमानत दे दी गई थी. हाई कोर्ट ने उन्हें दो सप्ताह तक जमानत दी है और सोमवार तक किसी अन्य मामले में गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है, जिसमें प्रारंभिक हिरासत के बाद भड़के हिंसक दंगों से संबंधित आरोप शामिल हैं. बताते चलें कि हाई कोर्ट ने अल-कादिर ट्रस्ट भ्रष्टाचार मामले में इमरान को जमानत दी है. इसके अलावा, उन्हें जिले शाह हत्या मामले में 22 मई तक जमानत मिली, जबकि एक अन्य पीठ ने आतंकवाद के तीन मामलों में 15 मई तक उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है.
संसद में अविश्वास मत के माध्यम से पिछले वर्ष के अप्रैल में सत्ता से हटाने के बाद से इमरान खान को कई कानूनी आरोपों का सामना करना पड़ा है. तब से, उन्होंने सेना के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था और मौजूदा गठबंधन सरकार पर उन्हें हटाने के लिए शीर्ष जनरलों के साथ मिलीभगत करने का आरोप लगाया.